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Indw vs Pakw : From Haris Rauf to Fatima Sana – Same Story, Same Beating! | आ गया स्वाद Diदी !

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Shubhankar Mishra: A journalist who navigates the spectrum from Aajtak to Zee News, now independently exploring social media journalism, with a knack for engaging political figures in insightful podcasts.

Shubhankar Mishra has been diving deep into political debates, spiritual podcasts, Cricket Podcast, Bollywood Podcast.

जब पाकिस्तान टीम की जनाना कप्तान फातिमा सना ने मर्दाना टीम की तरह किया था तब शायद दीदी को लगा था कि दीदी की लोकप्रियता जो है वो आसमान छू जाएगी। पर रीलबाज दीदी जो हवाबाजी कर रही थी उन अंदाजा था कि जो काम हारिस रऊफ के साथ हमारी मर्दाना टीम ने किया था वही जनाना टीम दीदी के साथ करेगी और यह दीदी जो है यह दीदी भी हारिस रऊफ की तरह जोकर बनकर रह जाएगी। हां बन ही गई है। सारी दुनिया कह रही है कि आ गया स्वाद दीदी। आ गया स्वाद। ले लिया मजा और चाहिए। उधर बेचारे पाकिस्तानी कह रहे हैं कि अबे ये दुख काहे खत्म नहीं होता बे? साला ये दुख काहे खत्म नहीं होता बे? वैसे दुख तो है। दुख है। काहे कि एक रोज पापा पीटते हैं। पापा वैसे तीन बार पीटे थे। फिर इस बार मम्मी ने पीटा और आर्मी जो है वो 1947 से पीट रही है। मतलब आम पाकिस्तानी की जिंदगी में दुख ही दुख है। खत्म ही नहीं हो रहा। रोज बेचारे सुबह उठते हैं। इंडिया से पिटते हैं, बेेजज़ती करवाते हैं और फिर बेचारे हौसला बुलंद करके सोशल मीडिया पर सबूत ढूंढते हैं। लेकिन फिर पिट जाते हैं। मर्दाना पीटती है, जनाना पीटती है। लेकिन इन लोगों की हवाबाजी खत्म नहीं होती है। हालांकि हवाबाजी के बीच में इनके आत्मविश्वास की भी हम दाद देंगे। हर बार ये लोग कहते हैं कि भैया सबूत तो है। राफेल का सबूत है। छह-छह गिराए थे। पूछ लो कहां गिराए थे? सोशल मीडिया पे गिराए थे। हमारे रक्षा मंत्री कह रहे थे। इसीलिए हम भी आज दीदी से कह रहे हैं कि दीदी तुम भी चाहो तो आसिम मुनीर की तरह फील्ड मार्शल बन जाओ। हां मतलब फेल होने के बाद पाकिस्तान में फील्ड मार्शल का तमंगा मिलता है और पाकिस्तान दुनिया का इकलौता मुल्क है जहां पर प्रमोशन भी मिलता है। तो दीदी आपको प्रमोशन ले लेना चाहिए और इसीलिए पाकिस्तान की महिला टीम के साथ जो कुछ हुआ वो कुछ नया नहीं है। यह वही कहानी है जो पाकिस्तान की जनता पाकिस्तान की फौज साल 1947 से हर मोड़ पर हर सीमा पर हर बार मैदान में पाती रहती है। और इस दुख को अब रिकॉर्ड बुक में शायद दर्ज करना चाहिए कि कितनी बार ठोके गए, कितनी बार कूटे गए। इंडिया वर्सेस पाकिस्तान में छोरियों का मैच जो था वो सच कहें तो हमारे लिए एक रियलिटी शो जैसा था। वैसे हमको पता उसी दिन था जिस दिन दीदी ने किया था कि जब ये आएंगी खेलेंगी तो ये कूटी जाएंगी। लेकिन भारतीय महिला टीम ने हमारी उम्मीदों से और आगे बढ़ के दीदी को रियलिटी चेक दिया। यह समझाया कि जब बात देश की आन मान शान की आती है और देश के अपमान का बदला लेने की आती है तो हमारी छोरियां भी छोरों से कतई कम नहीं है। कोई फर्क नहीं किया उन्होंने। जैसे बाप ने बेटे को कूटा था वैसे ही मां ने बेटी को भी कूटा। गजब मारा। 88 रनों से धो डाला। 247 रन बनाकर पाकिस्तान को सिर्फ 169 में टिका दिया। और वो जो पाकिस्तान के नए वाले पापा ने कहा था कि यू टॉक एंड वी विन। वही हरमनप्रीत कौर उनकी टीम ने भी बताया कि देखो रीलबाजी हवाबाजी तुम कर सकते हो लेकिन मैदान में पापा भी तुमको कूटे थे हम भी कूटेंगे इसमें कोई डिफरेंस नहीं होगा हमारे यहां पर लड़का लड़की में भेदभाव नहीं किया जाता अब अगर आप में से कुछ मासूम लोग अभी भी सोच रहे हैं कि दीदी को आज हम क्यों टारगेट कर रहे हैं तो दीदी ने हमारे मुल्क को टारगेट किया था इसलिए आज दीदी की हम रिलाई करने वाले हैं। दीदी को आज हम कायदे से कसम से कह रहे हैं बिना साबुन शैंपू के धोने वाले हैं। क्योंकि इन दीदी ने 23 सितंबर को वही जाहिल पना किया था जो मर्दाना टीम से कभी इनके फहीम अशरफ या फिर हारिस रऊफ ने किया था। और कसम से कह रहे हैं बड़ी खुशी है। आत्मा भरी हुई है इस बात को सोचकर कि इनका भी वही हाल हुआ है जो इनकी मर्दाना टीम में हारिस रऊफ और फहीम अशरफ का हुआ था। हालांकि दीदी की किस्मत इस बार अच्छी थी। दीदी टॉस करवाने गई टॉस हार कर भी जीत गई। हमको पल भर को लगा कि अगर ये टॉस इंडिया जीत जाता गलती से तो दीदी और दीदी के मुल्क वाले छाती पीट-पीट कर कहते कि देखो भैया ICC में इंडिया का है। पैसा लगा है, पैसा लगा है। ICC जीता देता है। ICC में तो इनके पापा बैठे हैं। वैसे इनके ही पापा ICC में बैठे हैं। हां, बताएंगे कैसे आगे बताते हैं। लेकिन रेफरी की गलती से दीदी टॉस जीत गई। दीदी ने शायद टेल कहा था आया हेड और रेफरी ने कह दिया पाकिस्तान। और दीदी ने बेशर्मों की तरह कहा जब हम आटा चावल ले लेते हैं तो टॉस लेने में क्या बुराई है? हम बॉलिंग लेंगे। बॉलिंग हुई दीदी की टीम कूटी गई और दीदी जब बैटिंग करने आई तो दीदी ने बताया कि ये भी फील्ड मार्शल सलमान अली आगा से कम नहीं है। वो जो आगा जी हमें 26 को चाहिए। आगा जी हमें 14 को चाहिए। यह भी उसी मुल्क से आती है। और इन्होंने भी बिल्कुल आगा जी की तरह प्रदर्शन किया। मात्र दो रन बनाए 15 गेंदों में। जितनी गेंद खेली उससे भी दीदी का स्ट्राइक रेट कम था और इसीलिए आज जोकर वाली टोपी जो है वो दीदी की नाक पे हम लगाना चाहते हैं क्योंकि दीदी इस सर्कस की नई जोकर बन गई है। पाकिस्तान के तमाम जोकरों से आगे निकल गई है। इन दीदी को देखकर हमको लगा कि सलमान अली आगा फिर भी शरीफ आदमी है क्योंकि सलमान अली आगा बल्ले से खाली जोकर बन रहा था। जबान उसने कंट्रोल में रखी थी। लेकिन दीदी अपनी हरकतों से और दीदी बल्लों से दोनों से जोकर की जोकर बनकर रह गई। वही जोकर जो हारिस रफ बना था जब वो नेताही कर रहा था जब वो पाकिस्तान के लोगों से ऐसे हाथ मिला रहा था मानो जैसे युद्ध जीत कर आया हो और बाद मैच में 50 रन पिटवाया। अभिषेक शर्मा से लेकर तिलक वर्मा तक दो-दो पापा बनवा के एक ही सीजन में चला आया। अब लोग भी पूछ रहे हैं कि दीदी आ गया स्वाद। करवा ली बेजती। मतलब फौज जो मर्दाना के बाद जनाना की बेती जरूरी था। अरे चुपचाप जाती खेल के चली आती। कौन तुम्हारा मैच देख रहा था? तुमको तो हम लोग गंभीरता से लेते ही नहीं है तुम्हारा मैच का। हम तो सोचते कि इंडिया की महिलाओं का मैच जब ऑस्ट्रेलिया वालों से होगा तब देखा जाएगा। न्यूजीलैंड वालों से होगा तब देखा जाएगा। तुम तो हारती रहती हो। सिंगल डिजिट में नहीं डबल डिजिट में हार चुकी हो। लेकिन दीदी ने हवाबाजी पूरी रखी थी। वी विल चेंज द हिस्ट्री। अबे हम कहे जिसका इतिहास हमारे से निकल कर बना हो वो काहे का इतिहास बदलेगा। लेकिन दीदी अभी भी नहीं मानी और दीदी कह रही है ज्यादा मत बोलिए। ज्यादा बोलेंगे तो यह वाली ट्रॉफी भी हम वैसे ही चुरा लेंगे जैसे एशिया कप में चुराए थे। लेकिन अब दीदी कैसे बताएं कि यह वाली ट्रॉफी एशिया कप की तो है या नहीं है? यह वाली तो ICC की है। और ICC में मोटा भाई के पापा चाचा वही है। अरे मोटा भाई हमारे ICC में जो गए BCCI वाले जयशा भाई उनके पापा चाचा तो वही हैं जो कुछ दिन पहले पाकिस्तान में घुसकर पाकिस्तान को ठोके थे। तो वहां से कब मिलेगा पता नहीं। लेकिन नकवी साहब को तो कुछ मिलेगा। जल्दी मिलेगा। पूरी उम्मीद हमको है। वह जो ट्रॉफी लेके हमारी रखे हैं, नकवी साहब आएंगे, सॉरी भी बोलेंगे, ट्रॉफी भी देंगे, माफी भी मांगेंगे और रोएंगे भी। जल्दी वैसे ही जैसे दीदी के देश वाले रो रहे हैं। जिन्होंने हिंदुस्तान की छोरियों से लड़ने की कोशिश की थी। क्योंकि इस मैच में भारत की छोरियों ने साबित किया कि पुरुषों की तरह वो भी दमदार हैं, जुझारू हैं। स्मृति मनन्ना, रिचा घोष, दीप्ति शर्मा जैसी खिलाड़ियों ने ना सिर्फ रन बनाए बल्कि पाकिस्तान को औकात दिखाई। हमारी कैप्टन ने वो जो थोड़ा सा प्यार से गरियाया था आय हाय हाय हाय हाय आमतौर पर हम गाली गलौज के बहुत खिलाफ रहते हैं लेकिन जब बात पाकिस्तान की आती है तो हम कहते हैं अनलिमिटेड दे दो हमको कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि पाकिस्तान को लेकर सारे संवेदनाएं जो हमारी हैं वो पराकाष्ठा को पार कर जाती है। हम कहते हैं दो जी भर के दो। ये लायक है ऐसी और वही हुआ। मतलब हमारी हरमनप्रीत कौर को वो गेंद फेंक के एटीट्यूड दिखा रही थी। हमारी वाली ने भी कहा तुम्हारी ऐसी की तैसी। अब हम आगे नहीं बोलेंगे। वो आप लोग जाके देख लीजिएगा। सोशल मीडिया पे भरा पड़ा है। वही सोशल मीडिया जहां पाकिस्तान राफेल ढूंढता है क्योंकि रफेल भी उनको बाकी जहां मिलता नहीं। परसों एक पाकिस्तानी हमारे ही शो में आ गए थे एनडीt पे और कहे जी आपके हमने छह गिरा दिए। सात गिरा दिए। हमने कहा ससुर पहले तय तो कर लो कई गिराए। आधा आदमी कहते हो तीन गिराए, कुछ कहते हो चार गिराए, कुछ कहते हो छह गिराए, कुछ कहते हो सात गिराए। कई गिराए पहले तय कर लो। काहे कि झूठ बोलना है तो फिर सही से बोलो। और अगर झूठे बोलना है तो कह दो कि सुनो दो चार पांच छ नहीं हमने 36 राफेल गिराए हां मतलब जब झूठ बोलना है तो बड़ा वाला बोलो आदमी को फील तो कम से कम हो कि भाई कुछ हुआ है दो चार पांच छ में समझ नहीं आता बोलो 36 राफेल हमने गिराया है वरना अगर दो चार की बात है तो फिर हम पूछ लेंगे कि भैया दो चार छ सात राफेल जो गिराने कहे हो कहीं तो गिरा होगा सबूत होगा सेटेलाइट इमेज दुनिया के पास होती है तुम्हारे नाजायज बाप आप चाइना जो है वो देखते रहते होंगे। उनके पास तो बड़ी-बड़ी सेटेलाइट है। तुम्हारा नया बाप जो है अमेरिका उसके पास सेटेलाइट है। कहीं तो गिरा पड़ा होगा। राफेल कोई उतना बड़ा खिलौना तो है नहीं ड्रोन टाइप का। बड़ा जहाज है। कई क्विंटल टन में आता है। तो कहीं ना कहीं तो गिरा होगा। लेकिन पाकिस्तान कहते हैं जी लॉजिकल वॉजिकल बात मत कीजिए हमसे। भाईजान नो लॉजिक सिर्फ इमोशंस। हमको सबूत देना है सोशल मीडिया पे। हम में किसको दिखा देंगे राफेल बना के। छ साल पुराना फोटो दिखा देंगे। हमें अपने आसिम मुनीर के छाते मेडल लगाना उसके लिए हम कुछ भी कर देंगे। तो हमने कहा भाई ठीक है। लेकिन अगर ये करना है तो कायदे से करो। अगर लॉजिक नहीं बात करना तो फिर 36 गिराओ। बोलो 36 के 36 राफेल गिराए गए। हम फिर कहेंगे ओके भाई साहब ठीक है। जब आप फेंक रहे हैं तो आप अच्छे से फेंक लीजिए। वैसे ही जैसे बिग बॉस में कोई फेंकता है। लेकिन बिग बॉस की कहानी अलग है। यहां कहानी देश के गौरव की है। देश का गौरव जो है फिलहाल जबरदस्त चल रहा है क्योंकि छोरिया इंस्पिरेशनल बन गई है और पाकिस्तान की हवाबाजी को वैसे ही उड़ाया है जैसे अशदीप सिंह ने जैसे बुमराह ने एग्जैक्टली इन्होंने वही किया है। वैसे पाकिस्तान की कहानी हवाबाजी के इर्द-गिर्द रही है। पाकिस्तान की सना और उनके मुल्क की फौज या इनके बाप दादा जो है दोनों की हद एक जैसी है। सोशल मीडिया पर हवाबाजी हम उड़ाएंगे आसमान। लेकिन मैदान पर बॉर्डर पर हर बार ये आते हैं और कस के ठोके जाते हैं। 47 में ठोके गए, 65 में ठोके गए। 71 में तो दो टुकड़ा कर दिए थे इनका हम लोग। 25 से ये पीटे गए थे। लेकिन फिर भी यह वो बेगैरत मुल्क है जो छाती पर मेडल लगा लेता है। मुनीर अब जैसे अपना कद बढ़ाते हैं तो ऐसे ही दीदी लोग भी बढ़ा रही हैं। अब बाप दादा आदमी सीखता है। दीदी भी सीखी है। इसीलिए कई बार हमको लगता है कि भगवान गरीबी का इलाज दे सकता है। गफलत और गलतफहमी का इलाज नहीं देता। और पाकिस्तान का तो इतिहास है। गफलत का, गलतफहमी का, हवाबाजी का। इनका तो इतिहास ही इन सारी चीजों को मिलाकर एक अनोखा मिश्रण है। क्योंकि यह हर बात में मोरल विक्ट्री ढूंढ लेते हैं। एशिया कप में ठोके गए तो कहे कोई बात नहीं। हम ट्रॉफी तो लेके चले गए। इस बार दीदी कह रही है कोई बात नहीं। ये वाली भी चुरा लेंगे। हमारा तो काम है चोरी का। हम तो जहां जाते हैं आटा मांग लेते हैं। हम तो ऐसे ही चलते रहते हैं। क्रिकेट की भी इनकी यही कहानी है। ओडीआई में भारत के खिलाफ 12 ज़ीरो का रिकॉर्ड है। टी20 में बार-बार ठोके गए हैं। महिला क्रिकेट में भी ठोके जा रहे हैं। आए दिन आए दिन ठोकते रहते हैं और बढ़िया भी है। ठीक है। मतलब ठीक है। कोई बुराई नहीं है यार। मतलब इंडियन आर्मी से पिट रहे हैं, इंडियन फौज से पिट रहे हैं। नेवी से पिटते हैं, एयरफोर्स से पिटते हैं। मेंस टीम से पिटते हैं। जनाना टीम से पिट रहे हैं। मोहसिन नकवी ट्रॉफी लेकर जाते हैं। वो पिट जाते हैं, गाली खाते हैं। पाकिस्तान को नहीं बुरा लगता। हमको लगता है ये पाकिस्तान का अच्छा नेचर है। मतलब अपने बाप दादा से पिटने में, अपनी मां से पिटने में काहे की शर्म? अगर पाकिस्तान को नहीं आती तो उसमें क्या बुरा बात है? नहीं होना चाहिए। हां कुछ पाकिस्तानी थोड़ा सा बुरा मान जाते हैं कि भाई साहब गलत हो गया है हमारे साथ मतलब दुख खत्म नहीं होता है इतना टीवी फोड़ दिए मौका मौका किए कहीं तो खत्म होगा ना लेकिन खत्म तब होगा जब पाकिस्तान सुधरेगा पाकिस्तान सुधरना है नहीं जो सुधर गया वो पाकिस्तान कैसा अब सुधरना होगा तो हवाबाजी छोड़नी होगी मेहनत करनी होगी रणनीति बनानी होगी ट्रेनिंग पर ध्यान देना होगा और इतना फातिमा सना करेंगी तो फिर कहां से इसमें बहुत मेहनत काम है| सालों साल लग जाते हैं कई साल की मेहनत मशक्कत उसके बाद फिर जाकर नाम बनता है। यह सब हवाबाजी में तुरंत नाम बन जाता है। तुरंत प्लेन क्रैश करा दीजिए। तो दीदी प्लेन क्रैश कराइए। सोशल मीडिया पर पल भर की पॉपुलैरिटी मिलेगी। उसके बाद जोकर लगा दिया जाएगा। और यही काम उनकी फौज करती आई है। यही काम उनकी मेंस टीम करती आई है। और यही काम फीमेल टीम भी कर रही है। तो कोई गलत नहीं है। पाकिस्तान के डीएनए में ये बात है और जब तक ये है तब तक नतीजा यही चला रहेगा। हर बार हार, हर बार बेज्ती और फिर मोरल विक्ट्री। यह पाकिस्तानी कहानी है। लेकिन भारत की महिला क्रिकेट टीम ने इस मैच में ना सिर्फ स्किल दिखाई बल्कि बताया कि देश का गौरव सबसे ऊपर है। स्मृति मनन्ना, रिचा घोष, दीप्ति शर्मा, हरमनप्रीत कौर इन सब से हम बड़े खुश हैं। खुश हैं। हर रन, हर विकेट और हर जीत में देश का गर्व छिपा था और यह फर्क था भारत और पाकिस्तान की बेटियों में। हमारे देश की बेटियां रियल लाइफ हीरोइन है जो मैदान पर धरती हिलाती हैं और आसमान में पाकिस्तान को सबक सिखाती हैं। ऑपरेशन सिंदूर से लेकर इंडिया वर्सेस पाकिस्तान तक उन्होंने हमेशा दिखाया कि भारत की बेटियां बेटों से कहीं कम नहीं है और पाकिस्तान उनकी बेटियां भी कम नहीं है। सेवा सच है लेकिन हवाबाजी में बेइज्जती करवाने में, जोकर बनने में और इन सबके बीच में पाकिस्तान की जनता को भी सलाम। आपके आत्मविश्वास को इतना गाली खाए इतना बेइज्जत हुए मतलब 100-100 जूता खाए लेकिन फिर भी हर बार हिम्मत से डटे रहे तमाशा घुस के देखे तो इसके लिए हम आपको भी सलाम करते हैं। आप लोग को ऐसे रहना चाहिए। बाकी फातिमा सना और उनकी टीम को समझना पड़ेगा क्रिकेट रियलिटी शो है। कैमरे सब कुछ कैद करते हैं। हवाबाजी और यह बेशर्मी सोशल मीडिया पर चल सकती है। मैदान में परफॉर्मेंस मायने रखती है। और परफॉर्मेंस में आप हिंदुस्तान के आसपास हैं। इसलिए दीदी जब अगली बार प्लेन उड़ाना तो पैराशूट जरूर रखना नहीं तो क्रैश हो जाओगे जैसे इस बार हो रही हो और फिर बेेज्जती करवाओगे। ठीक है? इंडिया की छोरियां आसमान नहीं धरती तक हिला देती है। पता कर लेना पाकिस्तान ने बहुत हिलाया था इस बार ऑपरेशन सिंदूर। वो भी हमारी बेटियां ही थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आके बता रही थी। ये भी बेटियां ही हैं जो मैदान में जाके बता रही हैं। और इसीलिए हम कह रहे हैं जब बात देश के सम्मान की हो तो नो लड़का लड़के कोई भेदभाव नहीं। जैसा मर्दाना ने ठोका वैसा जना ने ठोका। जय हिंद जय भारत नमस्कार।

23 Comments

  1. Itni bejjati dekhane ko nhi mili us pakistan ki jitni apne mishra ji apne sabdo se kr dete h maja aa jata h 😂😂😂😂😂😂

  2. Arey bhai FATIMA SANA search karne pr bhi dangal ki indian actress aati h, inn maashoqa ko toh koi jaanta bhi nahi 🙌😂

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