#JeetuBhaiya #KotaFactory #Panchayat

Unplugged ft. Jeetu Bhaiya | IIT struggles | Panchayat | Kota Factory | Jaadugar | Jitendra Kumar

#PanchayatSeason3 #Motivational #IITAspirant #Jaadugar #ViratKohli #RohitSharma #sachintendulker #PrimeVideo #Netflix #TVF #Podcat #shubankarmishra

Time Stamp

00:00:00 – Teaser
00:01:43 – Introduction
00:03:29 – B-TECH valo me kya hota hai khaas?
00:06:17 – About jeetu characters in movies
00:07:08 – Kota Factory Banane ki kya Jarurat Thi
00:11:00 – Panchayat Web Series ki khaasiyat
00:15:52 – Jeetu Bhaiya ne Btech Kyu Kiya
00:31:53 – Jeetu Bhaiya Ne Job Kyu Chordi
00:43:36 – Jeetu Bhaiya ka Relationship
00:45:05 – Life changing videos of jeetu bhaiya
00:47:20 – Jeetu Bhaiya Kota Factory kyu ki
00:50:58 – Question/Answer section
00:52:48 – Pdhai jaruri ya social media?
00:56:09 – Question/Answer section
01:01:34 – Career me plan B kitna important
01:02:47 – Paisa kitna important?
01:03:35 – Life me heartbreak kab hua?
01:04:59 – Shubh Mangal Jyada Savdhaan
01:08:00 – Panchayat ka agla season kab?
01:09:26 – Jeetu Bhaiya ki filmy Journey
01:11:47 – Cricket
01:16:03 – Kota Factory kyu dekhe?

43 Comments

  1. बहुत अच्छी आवाज़ में बहुत अच्छा संवाद👌🏻
    परिष्कृत, परिमार्जित व अत्यंत मृदु भाषा शैली #शुभांकर जी🙏

  2. कौन-कौन पंचायत का सीजन तीन देखना चाहते हैं वह सब्सक्राइब करें

  3. Entire podcast…covered most of the aspects of Jeetu..had amswared some of the futuristic Qs on studies n new generation to follow….Dolly chapri chaiwala…n Vada pav…they just started…if they maintain their fame…for next 15 yr…they can be role model…else…Renu mondol n other items are there in society to take lessons for shortcut fame

  4. Panchayat season kabhi na end ho. Never end. Chalte rahe chalte rahe. Sachiv ji ka bada fan hu. ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ West Bengal se hu. Panchayat best web series❤❤❤❤❤❤❤❤. Mujhe ekbar sachiv ji ko samne se dekhna hai. Sachiv ji best❤❤❤

  5. Hi shubhankar sir, ask that type of questions that have long answers and don’t give more clarity about any answer and pls ask questions in very relax mode.Thanks…

  6. I m not a student but Me also watched Kota Factory..

    It's a fabulous movie, It is very important for the students to watch this and their parents too..
    Not only those children who are studying engineering but every student should watch this film, there are many such things in this film related to studies which are necessary for every student..

  7. जैसे धोनी के बिना CSK अधूरी हैं उसी तरह kota factory के बिना जीतू भईया इसलिए next season me जीतू भईया का come back ज़रूर होना चाहिए नहीं जितना पहला प्यार मिलेगा उतना नहीं मिलेगा ।

  8. Radhe radhe jii g m jii kal to kiya hi nahi aaj kar rahi hu to dekh lena kyoki aaj subhah bhouth bhouth yaad aaa rahihai to issliye msg kar de rahi huu jii kal to mera modd off tha to msg nahi kiya bhouth bhouth yaad se dekh lena mere swamii jii , hai to abhi video mai likh rahi huu abhi futi aankh nahi suhate hai aap to bys asu baat jiya tha abhi nasta kar leti hyu kiya hai ki nahi bus macth mai lag gye theejhai radhe radhe jiimai hu aspki urmii

  9. Ha ye mai bol rahe thi ki msg karne ko to kardeti hhuu abhhi ky bol rahe ho video mai sab kuch dekh rahi huujii mujhe kuch nahi sunna hai or ky bolraheho khelna ho to khilobarna cale jao aap khaha aa rahe ho jhuth boltehoo msg likh rahi huu to abhi bata dena jii phir mujhe bhouth sara kaam karnah aj issliye maubhi phon dekh rahi huu mujhe aapse bhouth sari bat karni hai man ho raha phon laga kar baat kar lu lakin ky karu ky boltl rahethe ki mai mayush huu mayush mai huu purani video bhejhte ho aap phir bhi theek hau jii lakin bo hi video se boli se bata dena mai bhi mithi msg bheh dungi mujhe brechyp nahi chateye msi dekh eahi rhi video lamba brechup le raje ho bhouth bhourh bolte ho brechup lena bhouthbhoyth gusasa aati hu phir mai lamba brechup leti huu bar baar bolti huu pasand nahu hau aa chatheek haijane do baat ko kyoki aaj morninig mai bhouth bhouth yaad aati hai aapki theek hai maibad mai baat karti hu msg dekh lena or bata smdena radhe radhe aapkof

  10. 1. बहुत ही बेहतरीन व्यक्तित्व के धनी हैं आप दोनों लोग काफी बेहतरीन विचार हैं। अगर किसी फील्ड में इंटरेस्ट ना हो या किसी वजह से कुछ भी अलग वजह से उस फील्ड को छोड़ कर किसी दूसरी ओर बिना डर के मन में एक धैर्य के साथ एक विश्वास लेकर आगे बढ़ना और अंततः वहां तक पहुंच कर आगे की जिंदगी बेहतरीन बनाना , इन सफर का सबसे अच्छा उदाहरण हैं आप लोग।
    पता नहीं यह सही है नहीं , लेकिन अगर मैं अपने को आप से रिलेट करने की कोशिश करता हूं तो कहीं ना कहीं काफी कुछ अलग होने के बाद भी कहीं ना कहीं कुछ मिलता जुलता है।

  11. 2. जिस तरह से आपने अपने शुरुआती दिनों का जिक्र किया की किस तरह अपने IIT से ग्रेजुएशन कंप्लीट किया और अपनी मेहनत और लगन से इतने उच्च कॉलेज से पढ़ाई की , और इन सब में आपके माता पिता का तथा फैमिली का सपोर्ट रहता है तब कहीं ना कहीं आप यहां तक का सफर तय करते हैं। हालांकि यह सब आपकी मेहनत सोच विचार तथा आपके पिता के मेहनत और परवरिश का परिणाम है , मैं इसकी बेहद सराहना करता हूं ।

    अपने मन में भी कुछ ख्वाब हैं कुछ करने की कुछ हासिल करने की जो बेहतर हो अच्छा हो।

  12. 3. अपनी भी कहानी कुछ इस कदर की है कि मैं भी एक ग्रामीण परिवार से आता हूं , हम दो भाई हैं बड़े भैया को माता पिता ने बाहर मामा के यहां पढ़ने को भेज दिया ताकि वहां अच्छे से पढ़ाई हो सके और मैं घर पे अपने लोगों के साथ रहता था , बचपन बहुत ही अच्छा गुजरा हर चीज ठीक ठाक थी पढ़ाई से लेकर सब कुछ ,मेरे चाचा जी मेरी बहुत फिक्र करते है , उन्होंने मुझे अच्छे स्कूल में पढ़ाया और मेरे पिताजी घर पे ही रहते हैं तो हमारी पढ़ाई लिखाई का सब कुछ जिम्मेदारी चाचा जी ही करते थे, । बचपन से लेकर अभी तक मैं एक अच्छा विद्यार्थी रहा हूं , स्कूल में हर चीज में अच्छा था इसलिए सपने भी कुछ बड़े ही थे। हाइस्कूल तक मैं भी अपने स्कूल का टॉपर रहा था। और हाइस्कूल के बाद जब मैने इंटर मैं साइंस से एडमिशन लिया तो सोचा कि आगे जाके IIT की तैयारी करूंगा चाचा जी ने भी बोला कि अच्छे से पढ़ाई करो तुम्हे अच्छे इंजीनियरिंग करा देंगे । मैं काफी खुश रहा करता था बचपन के दिन ऐसे ही गुजारा करते थे।
    बस कभी कभार पारिवारिक मसले हो जाते थे मम्मी पापा के बीच जो ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर देखने को मिलते हैं । तो यह सब देखकर एक बच्चा पर क्या असर पड़ता है वह तो यही सोचता है कि जल्दी जल्दी से कुछ करके नौकरी कर लेंगे तो घरवाले शायद सही हो जाए तब सब कुछ शांत हो जायेगा। लेकिन जब मैं इंटर मैं आया तो अचानक से मेरे चाचा की तबियत खराब हो गई और उन्हें लकवा मार गया । मानो मेरी सारी दुनिया ही उजड़ गई उस समय ऐसा माहौल जो व्यक्ति तुम्हे भरोसा दिलाता है कि मैं तुम्हारी साथ हूं और अचानक से उसे खुदा इतनी बड़ी सजा दे देता है , ये कैसी खुदाई है । दोनों के दोनों अपाहिज हो जाते है साथ देने वाला तो होता ही है लेकिन साथ लेने वाला मानसिक और हर तरीके से टूट जाता है ।इसी दौरान इंटर का पेपर भी होने वाला था , मैं अपने पिता समान चाचा की यह हालत देखकर बहुत परेशान हो गया था और बोर्ड की तैयारी भी बड़ी मुश्किल से कर पाया लेकिन किसी तरह से पास हो गया अच्छे नंबरों से । हालांकि चाचा के बीमारी के समय इतने पैसे खर्च हो गए कि अब IIT की तैयारी करना तो दूर की बात है मैं सोच भी नहीं सकता था मैं मन में बहुत टूट चुका था ,मुझे दुख इस बात का नहीं था कि मैं तैयारी नहीं कर पाऊंगा बल्कि इस बात का था कि वो व्यक्ति जो मेरे हर ख्वाबों को पंख लगा देता था और आज मेरे सामने लाचार पड़ा है और मैं कुछ कर ही नहीं पा रहा हैं। इस तरह की लाचारी सोचिए कैसे होती होगी आपको अपने आप से ही नफरत हो जाती है । तो मैने गांव के ही कॉलेज में BSC में एडमिशन ले लिया और इसके साथ सरकारी नौकरी की तैयारी की पढ़ाई पढ़ने लगा मुझे लगा कि शायद कोई नौकरी निकल जाएगी तो जल्दी ही कुछ मिल जायेगा और घर के हालत कुछ सही कर दूंगा। लेकिन सरकारी नौकरी में इस तरह का कंपटीशन और ऊपर से मानसिक दबाव जो घर की कलह और अन्य वजह से आते थे , कभी कभी तो सोचता था कि सब कुछ छोड़ दूं पढ़ाई लिखाई और कोई नौकरी कर लूं कम से 10000 RS तो कमा लूंगा , लेकिन बड़े भाई साहब करते थे कि पगलाई गए हो का अभी से नौकरी करोगे ,पढ़ लो ठीक से । अब उनको कैसे बताए कि जब उंगली में एक लड़की की छोटी सी फांक भी चुभ जाती है ना तो बड़े बड़े महात्मा के विचारों पर भी ध्यान नहीं जाता" किसी तरह ग्रेजुएशन कंप्लीट हुआ और मैं आ गया इलाहाबाद यहां मैं कोचिंग पढ़ा कर अपना खर्चा निकालता था और साथ में पढ़ाई भी करता था। इसी बीच मैने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में MCA COMPUTER कोर्स का एंट्रेंस दिया था जो कि क्लियर हो गया था , लेकिन जब फीस के बारे मैं पता चला तो क्या हुआ? जितनी मेरे घर में आमदनी बची है शायद वह पूरी फीस में देनी पड़ जाती । लोग दबाव बना रहे थे भैया माता पिता सभी नि कर लो अच्छा है, अरे कैसे कर लें इतना बड़ा बोझ कैसे डाल दें कि पूरी आमदनी खुदलेके बैठ जाए। इसलिए मैंने झूठ में ही बोल दिया कि मुझे यह चीज समझ नहीं आती मैं नहीं कर पाऊंगा , हालांकि मैंने इसका एंट्रेंस निकाल लिया था अच्छे से लेकिन….खुद को जान बुझ कर कमजोर बना दिया ।

    तो साहब यही कहना चाहता हूं हम जैसे लोग करना तो चाहते हैं कुछ बेहतर दिल धड़कता रहता है लेकिन क्या करें हमारे बाप उतने काबिल नहीं है। की हमको कुछ करा सके। अगर हमारी कैटिगरी की बात है तो कोई बनी ही नहीं ,हम भूखे तो नहीं मरते खाना मिलता है रोटी है कपड़े हैं लेकिन ख्वाबों के पंख खुल नहीं पाते बताई साहब हमको आप किस केटेगरी में रखियेगा।

  13. 4 . फिलहाल तो यूंही चल रहा है ख्वाब भी है पंख भी हैं बस फैलाने की बात है उड़ने की देरी है कुछ करना तो है ही कुछ होगा ही आख़िर उतने भी गैर गुजरे नहीं हैं हम।

    वैसे आप लोग वाकई बेहद क्रांतिकारी बेहद सौहार्दपूर्ण तीव्र ऊर्जा वाले लोग हैं आप की उपलब्धि और ऊर्जा को नतमस्तक🙏🙏🙇

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