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Unplugged FT. Yashasvi Jaiswal Coach Jwala Singh |Talking about Yashasvi Cricketing Journey & More.

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एक सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होती है शिशवी जैसवाल की जहां पर एक पानीपुरी वो बेचते नजर आते हैं ये वही उनके पिताजी हैं जैसवाल के नहीं नहीं बिल्कुल ही नहीं है अभी एक दिन में एक मैच एक ग्राउंड प गया था और वहां प कमेंट्री चल रही थी कि एक लड़का है जो अपने पिताजी के साथ दिन भर पानीपुरी बेचता था और शाम को प्रैक्टिस करता था इस तरह की चीजें सही नहीं सही नहीं आपके साथ एक और खिलाड़ी जुड़े थे नाम है पृथ्वी श एक खिलाड़ी जिसको लेकर कहा गया रवि शास्त्री ने कहा था कि व्हेन ही वक्स इन टू द फील्ड ऐसा लगता है कि ब्रान लारा सहवाग सचिन पृथ्वी शॉ क्यों गायब हो गए अंडर 19 वर्ल्ड कप के बाद आज तक मैंने उसको देखा नहीं क्या बात करह रहीस जैसवाल से अभी रिश्ते कैसे आपके कैसे रिश्ते अभी ठीक ठाक है अभी ठीक ठाक ये तकलीफ देता है आपको अ फिलहाल तो मुझे लगता है कि इसके बारे में बात नहीं करूंगा बड़ा अच्छा शेर था कि मेरी खामोशी ने हजारों जवाबों की लाज रखी मेरे बच्चे ने कहा कि सुनिए मेरा पासवर्ड अब मैं नहीं दूंगा आपको जैसवाल के कोच ज्वाला जी पृथ्वी कोच ज्वाला जीी अकेडमी चल रही ज्वाला जी इसका करियर बन गया ज्वाला जी को कहता है कि मेरे भगवान है दैट वाज लाइक नाइटमेयर मेरे फादर का कॉल था और मेरे से हाथ काप गए जब मैं सुना फिर मेरे फादर की डेथ हो गई 10 नवंबर 2009 मेरे पास पैसा नहीं था कि मैं जा पाऊ तो फिर मैं रुक गया और मैंने अपने फादर को आग भी नहीं दिया सॉरी यह जैसवाल साहब कहां मिल गया तो मैं आजाद मैदान में गया हुआ था आजाद मैदान आजाद मैदान आजाद मैदान क्या है ये आजाद रा एक लड़का लेफ्टी छोटा बच्चा गया ग्राउंड पे और वो नेट में और वो अच्छा खेलने लगा तो मैंने बोला क्या नाम है तेरा बोला यशस्वी जैसी तो मैं बोला कहां रहता है तो उसने बोला टेंट में तो मेरे को थोड़ा सा अंदर से स्माइल आ गया कि ये मुझे इंप्रेस करने की कोशिश कर रहा है अगर मैच खेला तो तुझे लोग बैन कर देंगे जेल चले जाओगे हां जेल चले जाओगे कुछ फर्जी शायद बर्थ सर्टिफिकेट का मामला था जयसवाल का जयसवाल के अपने मां-बाप से कैसे रिश्ते हैं अच्छे रिश्ते उनके साथ रहता है वो उनके साथ रहता है मैंने कहीं ये भी सुना कि यशस्वी का बैंक अकाउंट आपकी आप एक्सेस करते थे सारी चीजें आपके हाथ में थी अभी भी चीजें वैसी है आप चेंज हो गई एंड आई एम श्यर आप इतनी मेहनत अपने बच्चों पे भी नहीं कर पाओगे अब बिल्कुल मैं नहीं कर सकता मैं वो एनर्जी नहीं है अब वो कांट्रैक्टेड प्लेयर है अब उसको बीसीसीआई से करोड़ों रुपए आते हैं राजस्थान रॉयल्स से अच्छे पैसे आ रहे हैं और बहुत जगह से एंडोर्समेंट आ रहे होंगे क्या आपको उसमें कोई शेयर मिलता है जैसवाल की उस से यशस्वी समझ लो कि एक मेरे लिए एक इमोशन है इमोशन एक बिट की तरह है था आपका वो जो आपकी प्रवेसींचंडी लड़की वाला मसला आता है तो क्योंकि आप बहुत सारे बच्चों में डील करते हैं जैसवाल ने ऐसा क्या किया जो पृथ्वी नहीं कर पाए ठीक है सही बात है कि वो आप आप आपके बच्चे भी बहुत सारे हैं मैं आपको क् कंट्रोवर्सी में डालूं नौशा साहब से रिश्ते कैसे हैं आपके अगर वो ताना नहीं मारता तो आपको लगता है सरफराज और मुशीर बन पाते हैं आप मुझे बताइए ये जितने क्रिकेटर बड़े होते हैं गरीब क्यों होते हैं तो फिर ये इतनी सारी गरीबों ये इंडियन आइडल वाली कहानी कैसे आती है कि मैं बहुत गरीब था यह था यह बेचा वो किया ऐसा किया मैंने उसको वार्निंग दिया मेरी टीम के लोग भी सुन ले थोड़ा सा इसे लास्ट टाइम कब बात हुई थी आई थिंक जब उसने टेस्ट में 100 मारा था अभी वेस्ट इंडीज काफी समय हो गया हां अराउंड छ सात महीने होता है चलता है बाप और बेटे में ये सब चलता रहता है दिस इज व्हाट आई कैन से स्टिल सेवन मंथ्स ह्यूज टाइम डू यू मिस दिन में एक भी ऐसा बोलते है ना टाइम नहीं होगा जब मैं उसको मिस नहीं करता हूं आप अपने फादर को लेकर आपके गला भर आया था और अब जयसवाल को लेकर आपका गला भरया नहीं नहीं मेरा थोड़ा बोलने का तरीका है पा रहे इमोशन सब कुछ जो मिल गया तो जिंदगी में तमन्ना किसकी करोगे कुछ अधूरी सी ख्वाहिशें ही जिंदगी जीने का मजा बरकरार रखती हैर्स वई नॉट मंजिले मिल ही जाती है भटकते भटकते गुमराह तो वह हैं जो घर से नहीं निकलते लेकिन कई बार कुछ लोग घर से निकलते हैं अपना तो पता नहीं लेकिन कईयों का भविष्य बना देते हैं कईयों के सपने पूरे कर देते हैं और आज ऐसे ही एक शयत हमारे साथ है नाम है ज्वाला सिंह जी ज्वाला जी एक जमाने में आप भी निकले थे गोरखपुर से उस जमाने में गोरखपुर का जलवा यह वाला नहीं हुआ करता था जो आज सीएम सिटी है लेकिन वहां से लेकर अब जब हम देखते हैं कि जैसवाल के को ज्वालाजी पृथ्वी को ज्वाला जीी अकेडमी चल रही ज्वाला जी इसका करियर बन गया ज्वाला जी कोई कहता है कि मेरे भगवान है ख्वाब तो आपने देखा था कि हम क्रिकेटर बनेंगे हमारा नाम होगा इंडियन क्रिकेटर ज्वाला सिंह देखिए सबसे पहले थंक्स आपने हमको यह मंच दिया बात करने के लिए और बिल्कुल आपने सही बोला कि मैं 1995 में जब सचिन और तेंडुलकर और विनोद कामली का एक पीक चल रहा था और एक हमारे कोच थे रमाकांत आचरेकर सर और एक मैगजीन आती थी क्रिकेट सम्राट अरे बड़ी पढ़ सर बहुत बहुत तो 1995 में या उसके थोड़ा पहले मैंने डिसाइड मुझे डिसाइड करना था कि मैं क्रिकेट खेलू कि फुटबॉल खेलू तो लॉजिक य था क्रिकेट सम्राट में मेरा फोटो और नाम छपना चाहिए इसलिए मैं क्रिकेट खेलने चला गया तो थैंक्स टू क्रिकेट सम्राट फर्स्ट अब शायद वो मैगजीन शद अभी रिसेंटली बंद ई बंद हो गई है बीच में उन्होने एक बार कॉल किया तो प्रदीप मंजनी जी ने बोले आपको मैं प्रदीप मंदानी बोल रहा हूं आप शायद मुझे नहीं पहचानते हो मैंने बोला मैं आपको बहुत अच्छी तरह पहचानता हूं आपके मैगजीन के वजह से मैं क्रिकेट में आया एनीवेज सो 1995 में मैं मैं गोरखपुर में खेलता था डिस्ट्रिक्ट वगैरह खेला और मैंने अपने फादर से जिद किया कि मुझे मुंबई जाना है क्रिकेटर बनने क्योंकि मुझे बैट्समैन बनना था तो मेरे फादर वेटरनरी के डॉक्टर थे 6000 उनकी सैलरी थी तो बेचारे परेशान हो गए और रिटायरमेंट के काफी करीब आ रहे थे वो तो पहले तो उन्होंने मना किया कि मुंबई कोई है नहीं हमारा जहां पर आप जाओगे तो मैंने बहुत जिद किया तो व ढूंढने लगे तब वो एसटीडी पीसीओ का जमाना था कि 11 बजता था तो हम लोग जाते थे 1/4 हो जाएगा दैट टाइम ऑफ दैट टाइप ऑफ फैमिली हम लोग थे तो किसी तरह किसी का कांटेक्ट मिला और मैं मुंबई आ गया सुभाष मौर्या करके है उनके साथ में आ गया और आठ बाय आ का रूम था जो मेरा पहला एक्सपीरियंस था मुंबई का 8 बा आ का रूम था और जिसमें सात या आठ लोग रहते थे और पब्लिक टॉयलेट जो वो बाल्टी लेकर जाते हैं वो वाला वहां से मैंने स्टार्ट किया फिर ढूंढने लगा आचरेकर सर को आचरेकर सर मिले नहीं क्योंकि तब इंटरनेट तो था नहीं कि आपने ग किया या हम लोग यहां वहां जाते थे सुभाष जी के साथ कि आचरेकर सर कहां रहते हैं शिवाजी पाक कहां है तो ऐसे चार पांच दिन गुजरने के बाद एक दिन कोई मिला कि मैं जानता हूं आचरेकर सर को और मैं उनको फोन कर दूंगा तुम उनके घर चले जाओ तो मैं एक्साइट हो गया मैं चला गया और फिर जब मैं वहां पर पहुंचा तो पता चला आचरेकर सर कहीं गए हुए हैं तो फिर हम लोग वापस आ गए गोरखपुर और फिर मैं अपने फादर के साथ गया मुंबई और फिर आचरेकर सर से मिला तो आचरेकर सर बोले कि तू इतना छोटा है मुंबई में कैसे रहेगा तभी मैं साढ़े साल का था तो मैं बोला सर रह जाऊंगा बस मुझे आप ले लो तो बोले अच्छा ठीक है मैं तुझे शारदाश्रम स्कूल ले चलता हूं जहां पे हम लोग पढ़े हैं सचिन तेंडुलकर ग्रेट सचिन तेंडुलकर भी वहां पढ़े हैं उस टाइम अमोल मजूमदार काफी फेमस थे तीन चार लोग थे प्रवीण आमरे तो मैं जब स्कूल में गया सर के साथ तो चूंकि मैं हिंदी मीडियम से था तो जब इंग्लिश बोलने की बात आई तो एक भी वर्ड मुंह से निकलता नहीं था गोरखपुर में तो कोई इंग्लिश मतलब अगर कोई बोल दे तो वो सुपीरियर हो जाता तो तो हम तो थे नहीं तो उस रीजन से मैडम ने बोली जो प्रिंसिपल थी हमारी उन्होंने बोला ऑक्ट मैडम कि तुम अगले साल आओ उन्होंने ये नहीं बोला कि तुमको इंग्लिश नहीं आती है इसलिए तुम मता आओ उन्होंने बोला अगले साल आओ और मैं बहुत मायूस हुआ और आचरेकर सर बोले देखो मेरा काम था स्कूल में लेकर आना अब हो गया अब तू जा गोरखपुर अगले साल आ तो मेरे पैर के नीचे से जमीन निकल गया मैं बोला अगले साल तो मेरे फादर बोले ठीक है अब चलो अब तुम पढ़ाई बढ़ाई करो तुम्हारा जो था मैंने कर दिया तो मैंने थोड़ा आगे चलने लगा स्कूल से नीचे उतरे हम थर्ड फ्लोर से तो आचरेकर सर अपने रास्ते चले गए मैं अपने रास्ते चला गया फिर मेरे पता नहीं मेरे दिमाग में क्या है मैंने मेरे डैड को बोला कि मुझे दो मिनट दो और मैं भाग के गया अचरेकर सर के पास और मैंने उनको बोला सर आपसे दो मिनट बात करना है तो बोले हा बोल थोड़ा सा वैसे बोलते थे बोल बोला सर मैं इतनी दूर से आया हूं 1741 कि किलोमीटर दूर से आया हूं क्योंकि टिकट पे व किलोमीटर प्रिंट होता था पहले हां वो आता था दफ्ती वाला टिकट दफ्ती वाला टिकट तो एक बार सर मुझे आप देख लो खेलते हुए फिर आप जो बोलोगे मैं करूंगा और बिना देखे आप मेरे को रिजेक्ट कर दिए थोड़ा सा मैंने उनको गुस्सा भी दिलाया इंटेंशनली ऐसे कैसे हो सकता है तो बोला अच्छा ठीक है तू शाम को आ शिवाजी पार्क में मैं तुझे देखता हूं तो मैं शाम को गया शिवाजी पार्क और उन्होंने सबसे जो बड़े लड़के थे ना उनके सामने मुझे बोला जा खेल और जब मैं थोड़ा देर खेला तो मेरे आचरेकर सर मेरे फादर के पास गए और बोले इसको छोड़ के जाओ तो मेरे फादर सरप्राइज हो गए बोले अभी सुबह तो बोला इसको लेके जाओ और अभी बोल रहे हो छोड़ के जाओ तो वहां से मेरी स्टार्ट हुई मुंबई में और फिर मैं स्कूल क्रिकेट खेला और एक साल में काफी प्रोग्रेस किया मैं मुंबई के अंडर 16 के प्रॉब्स में आ गया एक टूर्नामेंट जितने भी इंटर स्कूल टूर्नामेंट थे उसमें मैं बहुत अच्छा किया और लेकिन मुझे एक चीज पता था कि मेरी फैमिली ज्यादा दिन तक मुझे फाइनेंशियलीईएक्सप्रेस मुंबई में नहीं आता तब अब मुंबई में नहीं आता तो उसमें सक्सेस स्टोरी आती थी कि ये आदमी यहां से आया और यह बन गया यह बन गया तो मैं क्या करता था वो कटिंग निकाल लेता था और मेरे फ्री टाइम में मैं उसके घर पर चला जाता था क्योंकि मुझे लगता था कि एक दो साल के बाद मैं फादर से पैसे नहीं लूंगा तो मैं उनके घर पर चले जाता था और फिर कितने लोगों ने तो मुझे भगा दिया कि अरे क्या पागलपन है तुम आ गए मेरे पास तो ऐसे करते करते मैं कुछ ऐसे लोगों से मिला जिन्होंने मुझे सपोर्ट किया जिसमें ठाकुर ग्रुप है जितेंद्र सिंह उनका नाम है और महेंद्र सिंह करके मुझे लेना चाहिए क्योंकि उन्होंने बहुत हेल्प किया मेरा तो उन्होंने मुझे दो हज देने का ढ़ साल के बाद वादा कर दिया मतलब एक साल होने के बाद मैंने ट्राई किया और वहां तक पहुंचने में मुझे दो साल लग गए तो मैं बहुत खुश हुआ कि मुझे भी 000 महीने के मिलेंगे और मैं अपने फादर को बोला कि पापा अब मुझे स्कॉलरशिप मिल रहा है अब आपको पैसे भेजने की जरूरत नहीं है तो मेरे फादर भी खुश हो गए तो फिर मैं डेढ़ साल इन लोगों ने मुझे सपोर्ट किया और मैं क्रिकेट अच्छा खेल रहा था उस टाइम प बट मेरे अंदर ना डिस्परेयूनिया लगता था कि यह जो लोग स्कॉलरशिप दे रहे हैं यह भी कितने दिन तक देंगे तो मुझे जल्दी से जल्दी कुछ करना है और मैं फास्ट बॉलर था क्योंकि बाद में मैं जब स्कूल क्रिकेट खेला तो मैं बलिंग बैटिंग से बॉलिंग में चला गया तो मैं किसी का सुता नहीं था मुझे लगता था कि जितना ज्यादा हम प्रैक्टिस करेंगे उतना ही जल्दी आगे खेलेंगे और हुआ उल्टा तो उस डेसपरेशन में मुझे मल्टीपल मसल्स फेलियर हो गया मेरा ग्रोइंग इंजर्ड हो गया मेरा शोल्डर इंजर्ड हो गया और एक दिन ऐसा हुआ कि मैं गिर गया ग्राउंड प और मुझे उठाने के लिए पांच छह लोग आए और मुझे ग्राउंड के बाहर लेकर गए और थोड़ा तीन चार महीना फिर वो जो भी लोग स्पंस थे और मैं रिजवी कॉलेज में था उस टाइम तो मुझे रहने के लिए घर भी दिया था और उस टाइम इंडिया स्कूल्स के लिए मैं प्रॉब्लम्स में था तो नाम अच्छा चल रहा था बट ऑल ऑफ सडन जो इंजरी हुई उसके बाद एक दो महीने के बाद सबने हाथ खींच लिए तो जो 2000 मिलते थे वो भी बंद हो गए मेरे कॉलेज जो रिजवी कॉलेज में था उन्होंने भी बोला कि अब आप रूम खाली कर दो और अब यह चीज अपने घर पर नहीं बता सकता था क्योंकि अगर यह चीज मैं मेरे फादर को बताता तो यूपी से जब बच्चे बाहर जाते हैं और कभी ऐसा पैसा लेना बंद कर देते तो परिवार को बड़ा रिलीफ मिलता है ये मेरी थिंकिंग थ मेरे फादर ने बाद में बहुत डांटा मुझे उसके लिए बहुत बाद में बताया तो मैंने सोचा कि अब मैं अपने घर पर अगर बताया तो मेरे फादर मुझे वापस बुला लेंगे और मेरे फादर चाहते थे कि मैं आईएएस ऑफिसर बनूं क्योंकि मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा था यूपी बिहार में सबके साथ तो फिर मैंने बताया नहीं घर पे और फिर वहां से जो मेरा स्ट्रगल शुरू हुआ दैट वाज लाइक नाइटमेयर क्योंकि 1999 से लेक मैं 2003 तक मैं दूध के डेरी में रहना पड़ा मुझे मैं एक जिम में रहता था जहां पर रोज मुझे 5000 मच्छर काटते थे अभी भी वो जिम है और ऐसी ऐसी जगहों पे रहा एक जगह रहता था जहां पे रात को चूहे हमारे सर पर दौड़ते थे मतलब ऐसी ऐसी जगहों पे रहा क्योंकि रहने का कोई ठिकाना नहीं था पैसे जेब में नहीं थे तो किसी के यहां कभी दो महीना रह गया कोई डेरी में रह गया या कोई जिम में रह गया कभी किसी दोस्त के गोडाउन में रह गया एक जगह रहता था जो गोडाउन था तो गोडाउन मतलब ऐसे जो इवेंट में पतरे रहते हैं तो वो मेरा दोस्त जब सब चला गया तो मेरे फ्रेंड्स को एक फ्रेंड को मैंने बताया समीर शेख तो वो मुझे धारावी में लेकर गया जो सबसे घनी झोपड़ पट्टी है तो बोला आजा गो डाउन है मेरा रहेगा क्या मैं बोला कहीं नहीं तो यही रह लूंगा तो वहां पर ऐसा होता था कि रात को सारा आ जाता था माल तो हम लोग एकदम ऊपर सोते थे और अगले दिन आता था तो सब गायब सारा सामान अमान चोरी फिर एक जगह रहता था जहां पे टॉयलेट था पब्लिक टॉयलेट के बीच में रहता था तो जब 1999 से जो मेरा स्ट्रगल शुरू हुआ दैट वाज वेरी वेरी वेरी हार्ड तो आपने गिव अप कर दिया था कि बाप खेलना नहीं नहीं गिव अप नहीं किया था फिर जब मैं थोड़ा ठीक हुआ क्योंकि मुझे मैं फास्ट बॉलर था और मेरा शोल्डर ही चला गया तो मैंने फिर से खेलना शुरू किया और फिर मैं दूसरे स्टेट में ट्राई करने लगा तो मैं त्रिपुरा में गया एक सीजन वहां पे क्लब क्रिकेट खेला बहुत अच्छा परफॉर्म किया बट वहां पे मैं गया 2001 या 2002 में और वहां पे मैं गया और एक दिन प्रैक्टिस कर रहा था और क्योंकि शोल्डर हील नहीं हुआ था तो जैसे प्रेशर ज्यादा पड़ता था ये घूम जाता था ये हाथ मेरा घूमता नहीं था इतना बुरा शोल्डर था तो एज अ बैट्समैन खेलना शुरू कर दिया फिर मैं क्लब क्रिकेट खेलता गया कॉरपोरेट क्रिकेट खेलता गया और घर पे कुछ भी नहीं बताता था तो एक दिन क्या हुआ कि 2003 का वर्ल्ड कप चल रहा था और मैं जिम में रह रहा था उस टाइम पे और व खाने का कोई ठिकाना नहीं था कभी किसी फ्रेंड के घर खा लिया तो ऐसे चल रहा था बहुत सारी चीजें हो रही थी तो मेरे फादर ने 2003 में जब एक बार सचिन तेंडुलकर ने सोएब अखतर को जो अपर कट मारा पाकि 273 वाला मैच तो मैं बैठ के मैच देख रहा था और मेरे फादर ने ना एक चीज बोला क्योंकि वो मेरे से डिसपे क्योंकि बच्चा गया है खेलने और यह कुछ कर नहीं पा रहा है फ्रैंकली स्पीकिंग तो और मैं कोशिश पूरी कर रहा था मतलब ये प्रॉब्लम्स मैंने कभी शेयर भी नहीं किए कि मैं जिम में रह रहा हूं तो डर से कि सर मेरे फादर बोलेंगे वापस आ जाओ क्या जरूरत है सब करने का तो उन्होंने बोला कि बहुत सारे सांप होते हैं लेकिन मणिदरई निकलता है तो मुझे ना वो लगा कि मेरे लिए बोल रहे हो तो मुझे ना मैं बहुत खराब लगा और मैंने उसी दिन सोचा कि किसी ना किसी रूप में मैं जरूर इस लेवल पर आऊंगा उस दिन मुझे अभी भी वो दिन याद है गुस्से में रूम से बाहर निकल गया और मैं निकला और बाहर जाकर बहुत देर तक रोने लगा और बोला कि किसी ना किसी दिन मैं इस रूप में जरूर आऊंगा और फिर मैं वापस मुंबई चलाया दूसरे तीसरे दिन टिकट किया मैं बोला मैं जा रहा हूं और मैं क्रिकेट खेलना चालू मुझे नहीं पता था कि उस टाइम मुझे नहीं पता था कि मैं कोच बनूंगा या मैं कोई क्लब का ओनर बनूंगा आई वाज नॉट अवेयर फिर मैं वापस आया फिर मैंने खेलना शुरू किया फिर मेरी दोस्ती वसीम जफर से हुई 245 में और उनसे ना मैंने बहुत कुछ सीखा आई थिंक मेरी लाइफ में ही इज वन ऑफ द ग्रेटेस्ट ग्रेटेस्ट पार्ट तो वहां से मैंने थोड़ा सीखना शुरू किया कि कैसे बैटिंग होता है वो लर्निंग मेरी क्रिकेट की एक्चुअली मैं वसीम के साथ बत बहुत प्रैक्टिस करता था तो उसको देख देख देख के मैं सीखता था कि क्योंकि दैट टाइम वाज प्लेइंग ऑलमोस्ट प्लेइंग फॉर इंडिया तो इंडिया के लिए कम बैक उनका 2005 में हुआ बट वो एक फेस था जब हम दोनों एक साथ रहते थे फिर मैं जब वापस आया तो बहुत सारे ट्रेजेडीज हुए लाइफ में कि मैं खेलना चाह रहा था लोग मुझे बाहर बिठाते थे एक टूर्नामेंट ऐसा था जिसमें कांगा लीग होता है जिसमें मैं 13 के 13 मैच में बाहर बैठा था एक मैच मुझे खेलने को नहीं मिला लेकिन मैं हर मैच को गया फिर लास्टली फिर मैं एक दो और स्टेट्स में गया ट्राई किया एंड फाइनली 2009 में मुझे एक कॉल आया और मेरे फादर का कॉल था 14 सितंबर 2009 और उन्होंने बोला कि मेरे को कैंसर डिडक्ट हुआ और मेरे से हाथ काप गए जब मैं सुना मैं मैं कोई जॉब के लिए वैकेंसी के लिए जा रहा था फॉर्म भरने चर्च गेट पहुंचने वाला था चर्च गेट में ऑफिस था वैकेंसी के लिए जा रहा हूं और मैं ना उतर गया पता नहीं मेरे दिमाग में क्या है मैं उसके पहले उतर गया मैं बोला क्या तो बोले मुझे फोर्थ स्टेज का कैंसर है और तो मैं बोला अच्छा रुको मैंने बोला आप मुंबई आ जाओ तब मैंने थोड़ा सा अर्निंग्स के लिए मैंने थोड़ा कोचिंग मचिंग चालू कर दिया था बेसिकली स्टार्ट में मैं थोड़े बच्चों को टूर्स ऑर्गेनाइज करता था तो थोड़े बहुत पैसे मिल जाते थे तो उससे चल जाता था छ सात महीने तो थोड़ी सेविंग्स मैंने कर लिया था तो मैंने बोला आप आ जाओ मुंबई आ जाओ तो उनको मैंने 16 सितंबर को मुंबई आए 2009 और उसके बाद मैं उनके इलाज में लग गया और उस टाइम में हैदराबाद में कोई लीग खेल रहा था फिर मैं कभी गया ही नहीं खेलने मुझे कॉल आते थे आ जाओ मैं सब छोड़ दिया फिर फिर डॉक्टर ने बोला कि नहीं बचेंगे और फिर मतलब मैं रोज रोता था और एक्चुअली फाइनेंशियल बर्डन भी मेरे पर ही था क्योंकि मेरे घर से किसी का सपोर्ट नहीं था तो बहुत बहुत टफ टाइम था क्योंकि पैसे भी जा रहे हैं फादर भी नहीं बचेंगे और मैं ऐसे लग रहा था कि मैं बीमार पड़ जाऊंगा फिर मेरे फादर की डेथ हो गई 10 नवंबर 2009 और उस टाइम ऐसा था कि जो लास्ट का जो स्टेज होता है जो खर्चा होता है अपने गांव में यूपी में जो पैसे खर्चे होते उसके लिए भी पैसे नहीं थे तो मैं मेरे फादर का डेड बॉडी फ्लाइट से भेजा और मेरे पास पैसा नहीं था कि मैं जा पाऊं तो फिर मैं रुक गया और मैंने अपने फादर को आग भी नहीं दिया सॉरी आ फिर लोगों ने बोला कि कितना बे मतलब कितना बेकार लड़का है कि अपने फादर को आग तक नहीं दिया तो मुझे बहुत बुरा लगा और मैंने उसी दिन डिसाइड किया कि कुछ ना कुछ अच्छा करूंगा कि मैं वहां तक आऊंगा तो दिस इज माय स्टोरी सॉरी वो थोड़ा फ्लैशबैक में चला गया ट्स गुड कि आपने अपना दिल की बात शेयर की हमारे साथ क्योंकि कई बार उस चका चौन में सारी बातें नहीं आती यस यस आई थिंक ये नेचुरल होता है आ जाता है इसको रोक नहीं सकते क्योंकि जब आप फादर और मदर के बारे में बात करोगे तो होता है एनीवे तो फिर जब सब कुछ हो गया तो देन थोड़ा नॉर्मल हुआ और मुझे लगा कि शायद मैं क्रिकेटर बनने के लिए पैदा नहीं हुआ हूं मैंने बहुत आत्ममंथन किया तो मुझे लगा कि मैं क्रिकेटर बनने के लिए पैदा ही नहीं हुआ ह तो छ महीना मैंने कुछ नहीं किया मैं मोटा हो गया एकदम मेरी फिटनेस चेंज हो गई लोग बोलते थे अरे ये तो पागल हो गया है यह हो गया फिर मैंने मजबूरी में क्योंकि मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था और क्रिकेट के अलावा मेरे को कुछ पता भी नहीं था क्या होता है तो मैंने अपनी कोचिंग चालू की 2010 में सीरियसली और बहुत हर्डल्स आए क्योंकि उस टाइम मेरे को नेट का जो भाड़ा होता है जब आप ग्राउंड हायर करोगे मुंबई में कोई चीज फ्री नहीं मिलती है तो जो नेट का भाड़ा होता है उसके लिए भी मेरे पास पैसे नहीं थे बट मैं किसी से शेयर नहीं करता था शायद भगवान ने मुझे इतना स्ट्रांग बनाया था और वहां से मैंने अपनी कोचिंग की जर्नी स्टार्ट की और मैंने बहुत सारे लड़कों के साथ एक्सपेरिमेंट किया कोई लड़के आते थे तीन चार साल दो साल तीन चार साल तो नहीं एक साल डेढ़ साल रहने के बाद बहुत मेहनत करता था और फिर कोई बोलता था मैं सीए बन रहा हूं तो बहुत डिफिकल्ट था तो फाइनली इस तरीके से मेरी अकेडमी शुरू हुई और फिर मुझे एक इंसान मिले 2010 में लाल भरवानी उन्होंने मुझे फाइनेंशली बहुत बैक किया और बिकॉज ऑफ हिम आई थिंक आईम यर ये आपकी कहानी थी ये मेरी कहानी लेकिन कहते हैं कि हर फल इंसान किसी और इंसान में अपनी सफलता खोजता है या कई ब बार कहते ना कि जो पिता नहीं खेल पाते सरफराज खान के पिता नौशाद जी से मेरी बात हो रही थी तो नौशाद जी अक्सर कहते हैं कि यार शुभंकर हमको खेलना था हमने रोहित शर्मा के साथ भी खेला है अभी रोहित ने भी जिक्र किया था आई नो वो कांगली खेलते थे मेरा बहुत अच्छा दोस्त है नौशाद हां तो नौशाद जी से हमारी भी अक्सर बातें होती रहती है मैं भी उसके साथ खेला हूं या वो मेरे साथ खेला तो नौशाद जी ने हमें बताया कि हमने अपने सपने अपने बच्चों में देख लिए और अब खुशी होती है जब सरफराज खेल रहा है मुशीर को लेक बात हो रही है तीसरा वाला जो है मोइन शायद उसका नाम है हां मोइन वो भी लाइन में लगा हुआ है ये जैसवाल साहब कहां मिल गए आपको यस तो जब मैंने 2010 में जब मैंने क्रिकेट अकेडमी शुरू किया तो मैंने बताया मैंने कुछ बहुत सारे लड़कों के साथ एक्सपेरिमेंट किया तो एक बार क्या हुआ कि तब तक मैं काफी स्टेबल हो चुका था मैंने थोड़ा बिजनेस चालू किया मेरी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी टूर्स ऑर्गेनाइज करते थे किस साल में मिले थी बाप ये आई एम कमिंग बैक ऑन दैट तो 2013 का जो दिसंबर था ना मैं मैं नॉर्मली इंडिया के बाहर बहुत जाता हूं इंग्लैंड साउथ अफ्रीका मैंने काफी सेटअप बना लिया है 2010 से लेके 11 12 में मैंने बहुत मतलब मेहनत की और मैंने पूरा अपने आप को फाइनेंशियलीईएक्सप्रेस वहां पे जा मैं ईगर रहता हूं क्या होगा तो मैं आजाद मैदान में गया हुआ था और वहां पे थोड़ा आजाद मैदान के बारे में बताइए क्योंकि जो मुंबई वाले हैं उनके लिए तो बड़ी नॉर्मल चीज होगी लेकिन जो बाहर के हैं वो कमेंट्री में रोज सुनते हैं आजाद मैदान आजाद मैदान आजाद मैदान क्या है ये आजाद मैदान देखिए आजाद मैदान में शायद बहुत सारे क्रांतिकारी आंदोलन भी हुए हैं तो शायद उसकी थोड़ी झलक आजाद मैदान में होगी आजाद मैदान मुंबई का सबसे बड़ा क्रिकेट ग्राउंड है अभी फिलहाल तो थोड़ा कम हो गया क्योंकि मेट्रो में काफी जगह चला गया तो वहां पर 22 मैचेस एक साथ होते हैं शायद इंडिया में पहला ऐसा ग्राउंड होगा जहां पर 22 मैचेस एक साथ होते हैं और वहां पर स्कूल क्रिकेट ज्यादा होता है जैसे हैरी शील्ड गाइल शील्ड जो भी टूर्नामेंट होते हैं तो ऐसी कोई बे फैसिलिटी नहीं है वहां पे मुंबई में अगर आप जाओगे तो बहुत ही कमी अच्छे ग्राउंड मिलेंगे जहां पर आप सुकून से क्रिकेट खेल सकते हो क्योंकि सिर्फ पिच होता है और आउट फील्ड एकदम रफ होता है तो आजाद मैदान ऐसा है वहां पे बहुत सारे क्लब है जैसे वहीं से कहानी था प्रवीण जी की कौन है वो जो खेल गए थे बाद में राजस्थान रॉयल्स के लिए नहीं नहीं वो आजाद मैदान के नहीं है वो ही इज नॉट फ्रॉम देयर राहुल द्रविड़ ने क से सुनाया था कि ही यूज टू गो एंड प्ले आजाद मैदान में देखिए मुंबई के सारे क्रिकेटर्स खेले हैं आजाद मैदान क्या होता है कि वहां पे स्कूल क्रिकेट होता है क्लब क्रिकेट होता है तो ऐसे बहुत सारे मैदान से आजाद मैदान है शिवाजी पार्क है ओवल मैदान है फिर आपका क्रॉस मैदान है तो आजाद मैदान काफी फेमस है क्योंकि व पे ज्यादा मैचेस होते हैं लेकिन वहां पे ऐसा नहीं है कि सिर्फ वही मैदान है बहुत सारे मैदान तो आजाद मैदान में सचिन की पार्टनरशिप भी हुई तो मैंने बताया कि चकि वहां पर आजादी की क्रांति हुई है तो कुछ ना कुछ जरूर असर होगा तो बेसिकली स्कूल के बहुत सारे रिकॉर्ड्स वहां से बने तो मैं गया था मैच को और मैच मेरा खत्म हो गया और फिर जब मैच खत्म हो गया तो मैं अपने घर की तरफ आ रहा था तो एक दूसरे पिच पर मेरा एक दोस्त है मुन्ना बोलते हैं हम उसको हम एक साथ क्लब क्रिकेट खेलते थे अपोलो क्रिकेट क्लब के लिए तो उसने हाथ दिखाया और मैं उसकी तरफ चला गया आगे और फिर जब वहां मैं पहुंचा तो एक लड़का बैटिंग कर रहा था राइट हैंडेड और वो विकेट का ना कंप्लेंट किए जा रहा था कि क्या इतने दूर से हम आते हैं ऐसा विकेट बनाते हैं हम खेल नहीं पाते हैं तो मैं सुन रहा था नेट के पास खड़े होक और दूसरे साइड फिर उसी के बाद एक लड़का लेफ्टी छोटा बच्चा गया ग्राउंड पे और वो नेट में और वो अच्छा खेलने लगा तो मैंने मेरे दोस्त को बोला कि यार देख ना मेरा एक लाइन हमेशा मैं बोलता हूं कोचिंग लाइन है कि विकेट और बॉलर कैसा है ना बैट्समैन के क्लास पर डिपेंड करता है अभी यही बैट्समैन स्ट्रगल कर रहा था यह बैट्समैन अच्छा खेल रहा है तो उसने बोलना शुरू किया बोला ज्वाला भाई इसका बहुत बांदा चल रहा है और हम लोग को बहुत डर लगता है इसको लेके इधर ही रहता है और जब हम शाम को आते हैं तो हमारे साथ आता है प्रैक्टिस करने तो आप इसका कुछ कर सकते हो क्या तो मैंने बोला क्या करना है तो बोले देख लो आप क्या कर सकते हो तो ऐसे बात ही चल रही थी वैसे ही एक लड़का नेट से बाहर निकला और मैं थोड़ा उसकी तरह वॉक करके गया और उसने अपना हेलमेट निकाला तो मैंने बोला क्या नाम है तेरा तो बोला ऐसे ही ही वाज नॉट इंटरेस्टेड उस टाइम बोला यशस्वी जसवा तो मैं बोला कहां रहता है तो उसने बोला टेंट में तो मैं बोला टेंट में क्यों रहता है तेरे मां बाप की तरह बोले वो गांव में मैं इधर रहता हूं मैं बोला क्यों तो बोला सर यही रहता हूं मैं तो मैं बोला तेरे कुछ चाहिए कुछ हेल्प चाहिए तुझे तो बोला नहीं सर तो उसको मैंने जूता देखा तो जूता एकदम फटा हुआ था तो मेरे दिमाग में आया कि उसको एक जूता या कोई ग्लाज और बैड दे दूंगा ट्स टट वही था मेरे दिमाग में तो मैंने बोला कि कुछ खेला वाला है तो बोला हां सर हैरी शील्ड खेला था मैं तो मैं बोला क्या किया था बोला मैं 200 किया था तो मेरे को थोड़ा सा अंदर से स्माइल आ गया कि यह मुझे इंप्रेस करने की कोशिश कर रहा है तो मैं बोला पेपर में आया था क्या तो बोला हां सर आया था ना तो बोला एक काम कर यह मेरा कार्ड है गुरुवार को 11 बजे जो भी तेरा पेपर कटिंग है ना सब मुझे लाकर दिखाना और देखते फिर क्या होगा बस इतना ही हुआ फिर वो लड़का गुरुवार को आया और एक्चुअली पता नहीं बोलते ना किस्मत कनेक्शन होता है मैं गुरुवार को ना सुबह से ही सोच रहा था कि वो लड़का कब आएगा आई डोंट नो मतलब मैं आपकी अंदर की फीलिंग बता रहा हूं तो मैं वेट कर रहा था कि कब मेरा बेल बजे घर का क्योंकि उस टाइम मैं अकेला रहता था आई वास अनम दैट टाइम तो आया वो एक प्लास्टिक की ऐसे थैली थी जो हम लोग नॉर्मली सामान और मान लेके जाते ना उसमें से दो पेपर कटिंग उसने निकाला एक उर्दू में थी और एक इंग्लिश में थी और एक आधा और कुछ था तो देखा तो मैंने बोला हां इसने तो 200 किया आठ विकेट भी निकाला है तो मैंने बोला कि तूने 200 किया था और आठ विकेट भी निकाला था तो तेरे को कोई सिलेक्शन इलेक्शन नहीं हुआ तेरा बोला सर तो उसने स्टार्ट किया बोला सर मुझे कोई खेलने ही नहीं देता है हर कोई बोलता है आप गांव चले जाओ तुम गांव चले जाओ तेरा इधर कुछ होएगा नहीं और तेरे पे अगर मैच खेला तो तुझे लोग बैन कर देंगे जेल चले जाओगे हां जेल चले जाओगे कुछ फर्जी शायद बर्थ सर्टिफिकेट का मामला था जैसवाल का तो फिर मैंने बोला क्यों ऐसा बोलते हैं तो बोला कि सर बहुत परेशान हूं मैं तो मुझे मैच खेलने से भी डर लगता है मैं तो मैच भी नहीं खेल पा रहा हूं तो मैंने उसको बोला कि क्या हुआ है बता तो उसने बताया कि कोई टूर्नामेंट वगैरह था उसमें मैं खेला था उसमें मेरे पे प्रोटेस्ट हो गया था तो मैं बोला ठीक है ओके और फिर अपना थोड़ा ओपन अप हो गया मेरे से जैसे तो जैसे-जैसे वो बोल रहा था एक्चुअली मैं अपने पुराने दिनों में चला गया 1998 99 में जैसे मैं वो जनसत्ता न्यूज़पेपर पढ़ के लोगों के पास जाता था और अपनी पेपर कटिंग दिखाता था तो मुझे लगा यार ये तो कुछ तो किस्मत कनेक्शन है ऐ आप गोरखपुर से वो बदोई से हा तो मैंने बोला कि यार मेरे दिमाग में ना वो सब चलने लगा एक चार पाच मिनट मेरे दिमाग में वो सब जो मैंने घटनाएं शेयर की वो सब फ्लैशबैक होने लगा तो मुझे लगा शायद यही लड़का है ना जो इंडिया खेलेगा मैं आपको कैमरे के सामने बोल रहा हूं मुझे उसी दिन लगा कि मैं यह खेलेगा और मैं इसको खिलाऊंगा एट एनी कॉस्ट तो मैं बोला ठीक है अब जो हो गया हो गया अब तू मेरे पास आा मैं देखता हूं तेरा क्या करना है तो वो बेचारा एकदम ये हो गया एक्साइट हो गया तो उसी मैंने एक स्पोर्ट शॉप में फोन किया पहले जूता उता दिलाया और बोला अी कल से तू प्रैक्टिस हुआ तो ये जो आपको फोटो दिख रहा है ना यही हमारी अकेडमी है हम तो तो वहां वो आने लगा तो तीन चार पाच छ दिन हो गए तो गाइल शील्ड करके एक टूर्नामेंट था तो मैंने बोला कि मैं बोला तेरा कोई मैच आ रहा है क्या क्योंकि मैं उस टाइम जूनियर क्रिकेट फॉलो नहीं कर रहा था मैं थोड़ा सा सीनियर क्रिकेट ज्यादा फॉलो करता क्योंकि मेरे पास ऐसे कोई छोटे बच्चे थे नहीं तो बोला सर गाइल शील्ड आ रहा है लेकिन मैं खेलूंगा नहीं मैं बोला क्यों नहीं खेलेगा बोला सर नहीं वो मेरे को बोला है लोगों ने कि मत खेल नहीं तो तेरे को बैन कर देंगे तेरे पर केस हो जाएगा और फिर कभी खेल नहीं पाएगा बोला कौन बोला य सब तो बोला नहीं सर सब लोग बोलते हैं आजाद मैदान प मैं बोला तू अभी आजाद मैदान पर नहीं रहा तू अभी सांता क्रूज में आ गया तू अभी मेरे साथ है तो अगर तू ये मैच खेलने नहीं गया तो तू अपना बुरिया बिस्तर उठाना और सीधा यहां से वापस चले जाना मेरे पास फिर तेरे को जगह नहीं मिलेगी मैं बोला और जो भी होगा ना मैं उसका जिम्मेदार हूंगा मेरे पर भरोसा है तो जा तो वो गया प्रेशर में गया वो और उसने पहले मैच में 47 रन किए और पांच विकेट निकाले लेग स्पिन अच्छा डालता है तो आया वो मैच को तब वो थोड़ा मतलब मेरे और वहां के बीच में मतलब आ गया था लेकिन थोड़ा यहां वहां जाता था तो मैंने बोला क्या हुआ शाम को आया हो बोला क्या हुआ नहीं आ गया था थोड़ा सामान इधर था थोड़ा उधर था यस तो क्या हुआ तो बोला कि सर मैंने 47 किया और पांच विकेट निकाले मैं बोला पुलिस पुलिस आही गया कुछ हुआ प्रोटेस्ट बोला नहीं सर तो मैं बोला अगर मेरे पास रहना है अगर तुझे लाइफ टाइम तो कुछ बड़ा कर तभी मैं तेरे को खिला पाऊंगा तो नेक्स्ट मैच में उसने 390 नॉट आउट किया और 13 विकेट निकाले और उसी दिन उसके फादर आए मेरे पास और एक्चुअली उसके फादर ना उसको ले जाने के लिए आए थे अब नहीं फादर आपका अपने जिक्र कर दि एक स्टोरी आती है एक सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होती है शिशवी जैसवाल की जहां पर एक पानीपुरी वो बेचते नजर आते हैं हमने तमाम कमेंटेटर्स को भी सुना है जब भी परफॉर्म करते हैं कि पानीपुरी बेचने से लेकर टीम इंडिया के लिए खेलने तक पानीपुरी पानीपुरी और सोशल मीडिया पर व पानीपुरी भरा पड़ा है ये वही उनके पिताजी हैं जैसवाल के नहीं नहीं बिल्कुल ही नहीं है तो क्या है ये पानीपुरी की स्टोरी है देखिए यशस्वी जैसे मैंने बताया कि 2013 तक वोह आजाद मैदान के टेंट में रहता था और उसके लाइफ में बहुत प्रॉब्लम थी दैट इज फैक्ट उसमें कोई दो रहा नहीं है कि उसने स्ट्रगल नहीं किया क्योंकि कोई एक 12 साल का बच्चा मालियों के साथ अगर दो साल रह रहा है तो पॉसिबल नहीं है बहुत कम लोग रहते हैं जो भाग जाते हैं तो उसने स्ट्रगल किया है 2013 तक और 2013 के बाद से तो मेरे पास आ गया है तो ऐसी 2013 के बाद ऐसी कोई घटना नहीं घटी जो भी घटी है 2013 के पहले घटी है और उसके पिताजी 20133 से लेकर 2022 तक जब तक वो मेरे घर पर था 2013 से 2022 तक वो मेरे घर पर था सांता क्रूज में में और सिर्फ पांच बार मुंबई आए एक बार पासपोर्ट बनाने के लिए आए एक बार मेरी शादी में आए 12 दिसंबर 2014 एक बार एक बार उसके बर्थडे में आए मेरे नॉलेज में जो है अंडर 19 वर्ल्ड कप जब वो इंडिया से खेल के आया था तब वो आए और लास्ट में जब उसने नया शिफ्ट किया तभी आए 2022 यानी वो उसके पिता जी नहीं है तो जो फोटो आपकी आती है वो एक्चुअली 2018 में जब यशस्वी अंडर इंडिया के लिए पहली बार सिलेक्ट हुआ तो मैं उस टाइम इंग्लैंड में था तो जब यशस्वी मेरे पास था रन बनाता था तो मैं बहुत सारे जर्नलिस्ट को क्योंकि मैं मीडिया में काफी लोगों को जानता हूं तो मैं बहुत लोगों को बोलता था कि इसका परफॉर्मेंस हाईलाइट करो और उसका सबसे ज्यादा परफॉर्मेंस को हाईलाइट किया तो गौरव गुप्ता ने किया टाइम्स ऑफ इंडिया के हैं वो नव भारत के अरविंद सिंह ने किया नव भारत टाइम्स मैं नाम लेकर बता रहा हूं जो लोग ज्यादा कवर करते थे तो 2018 में जब वो इंडिया के लिए सिलेक्ट हुआ तो फिर मैं इंग्लैंड में था उस टाइम प और हमारा दो घर है एक फ्लैट था और एक मेरा चौल था जो मेरी जर्नी थी तो मैंने एक चौल अभी तक रखा है अपनी याददाश्त के लिए तो जब मैं कहीं मुंबई के बाहर जाता था या हम फैमिली के साथ बाहर जाते थे तो हम लोग यशस्वी को और मेरे घर में एक मेड है उनको वहां रख के जाते थे तो जो वो एक जर्नलिस्ट कोई थे वो उस टाइम प आए और उन्होंने उसका इंटरव्यू लिया और दो-तीन घंटा उससे बात किया और उसी में वो पानीपुरी वाली बात उसने बोल दी और उसी को हेडलाइन बना दिया कि मीडिया में ऐसे ही चलता है और उसके बाद क्या हुआ कि जब मैं आया इंडिया सचिन तेंडुलकर ने उसको बैट देने के लिए बुलाया था मैं जब इंडिया आया तो बहुत सारे जर्नलिस्ट मेरे को कॉल करने लगे कि य शश्वी की स्टोरी करनी है करनी है करनी है तो मैंने सबको एक एक करके बुलाना शुरू किया तो जो भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आती थी बोलती थी सर वो पानीपुरी का ना एक हमको शॉट चाहिए तो मैं बोलता था नहीं नहीं इवन आई वाज नॉट कीन क्योंकि मुझे ना अच्छा नहीं लगा क्योंकि क्योंकि मैंने उसको बहुत प्यार से पाला है तो पानीपुरी वाला मुझे लगता था ना आए तो अच्छा है तो कुछ न्यूजपेपर कुछ चैनल ने बोला कि सर स्टोरी की नीड है तो आप खाली उसको खड़ा करके कुछ लोगों को ऐसे ही जस्ट एक हमको विजुअल दे दीजिए तो मैंने उसको आजाद मैदान के बाहर जो आप फोटो की बात कर रहे हो एक आदमी खड़ा था मैं लेकर गया उससे मैंने पूछा कि जरा चलेगा क्या तुझे तो उसको खड़ा किया उसने दो चार पानीपुरी खिलाया और जो बच्चे पानीपुरी खा भी रहे वो भी मेरे अकेडमी के बच्चे हैं अगर आप देखोगे उसम एमसीसी का टीशर्ट है जो वीडियो आता है तो वो एक घटना थी जो रिकॉर्ड कर के लिए उन्होंने चला दिया और तब से वह फोटो और वीडियो इतना वायरल हो गया कि उस पर कोई कंट्रोल नहीं है और लोग बिना जाने सुने वो फोटो में दिखाते हैं कि यह यशस्वी का फादर है और यहां पर पानीपुरी बेचता बेचता है हां यशस्वी ने बहुत हा हार्डशिप किए मैं कैमरे के सामने बोलता जितना उसने मेहनत किया जितना उसने डेडिकेशन दिखाया मेरे पास बहुत सारे बच्चे आते हैं सबके बस की बात नहीं होती है तो लेकिन उसने ऐसा नहीं है कि वह 2013 से लेकर इंडिया खेलने तक व पानी पूरी बेच रहा था उसने 2013 तक फ्रूट के शॉप पर भी वोह मुझे बताता था कि मैं कभी-कभी खड़ा हो जाता था या सपोर्ट कर देता था लेकिन वो बहुत पुरानी घटना है तो जिस तरह से लोग आज दिखाते हैं वो बिल्कुल ही सही तो ये कहानी चलती कि आजाद मैदान के मैं मैच खेलता था और फिर शाम को बाहर निकलकर पानीपुरी फिर वही बच्चे जो खेलते थे वो पानीपुरी लेते थे यह सच्ची कहानी है या मीडिया ने बनाते बनाते बना दी नहीं उसमें देखिए 100% झूठ भी नहीं और सही भी नहीं है जब वो आजाद मैदान पर रहता था चूंकि दो 2013 के पहले वो क्या करता था उसने मेरे साथ भी उतना कुछ शेयर नहीं किया है तो कुछ ऐसी घटनाएं जरूर हुई होंगी कि जब वो हेल्प कर रहा होगा जैसे अब वो 2012 13 में वहां पर था तो जैसे बहुत सारे छोटा बच्चा अगर कोई मैदान में रहता है और कोई उसकी दोस्ती हो जाती है बहुत सारे वहां पर स्टॉल आते हैं जैसे कोई गन्ने की दुकान है फ्रूट की दुकान है पानीपुरी की भी दुकान है अगर छोटा बच्चा कहीं घूमता है तो कभी कभी कोई बोलता है थोड़ा देर खड़ा हो जा थोड़ा सा हेल्प कर दे मे बी वो सारी चीजें उसने किया होगा बट ऐसा नहीं है कि उसके फादर के साथ उसने पानीपुरी बेचा है और मीडिया इस तरह से बोलती है जब जब वो अंडर 19 वर्ल्ड कप से आया था तो कुछ चैनल वाले वापस वही बात करने लगे तो उसने मुझे बोला कि सर यह बंद होना चाहिए उसने खुद ने मुझे बोला कि सर ये बंद होना चाहिए सर मुझे अच्छा नहीं लगता है क्योंकि मेरे मैं गोरखपुर में था एक चैनल आया उसने क्वेश्चन पूछा तो उसने तुरंत रोक दिया मुझे नहीं बात करना है तो यह ना यशस्वी बोला है यशस्वी ने जो भी बोला है वो 2013 के पहले का बोला है तस्वीर वाली कहानी है वो जो तस्वीर वाली कहानी गलत है लेकिन जो उसने 2013 के पहले जो भी हार्डशिप कि है मे भी वो पानीपुरी भी दो चार पा दिन या 10 दिन आई डोंट नो आई कांट से दैट किया होगा लेकिन उसके बाद जो आज आता है कि उसके फादर के साथ वो रहता था अभी एक दिन में एक मैच एक ग्राउंड प गया था और वहां प कमेंट्री चल रही थी कि एक लड़का है जो अपने पिताजी के साथ दिन भर पानीपुरी बेचता था और शाम को प्रैक्टिस करता था इस तरह की चीजें सही नहीं है सही नहीं है अच्छा ये 2013 में आपके साथ जैसवाल आए थे 13 से लेकर 22 तक यस 17 दिसंबर 2013 से 12 जनवरी 2020 तक मेरे घर आपको तारीख भी याद है मेमोरी अच्छी है आपकी बिल्कुल तो जैसवाल को आपने क्या सोच के रख लिया क्योंकि यह दांव हिट हो गया चलिए आज वह बड़ा क्रिकेटर है नाम है तीनों फॉर्मेट खेल रहा है बट कई बार इस कहानी का दूसरा पहलू मेरे मन में आता है कि आपने एक लड़के को 9 साल दिए आप पर केस हो सकता था आप अगर व लड़का नहीं चलता तो आपके टाइम एनर्जी पैसा बर्बाद हो सकता था उसके मां बाप आप पर सवाल खड़े कर सकते थे कई तरह की बातें हो सकती थी तो क्यों आपने रख लि एक्स्ट्रा टैलेंटेड था इसलिए आपको लगा कि मेरी तरह है इसलिए क्या वजह थी इसके पीछे देखिए मुझे ना एक प्रोडक्ट चाहिए था जिसको मैं बड़ा बना सकूं और मैं ढूंढ रहा था आप मैंने अंदर से आप भी भरे पड़े थे मुझे भी एक लड़का ऐसा चाहिए था क्योंकि मैंने आपको मेरी स्टोरी शेयर की हा तो आई एम द पर्सन हु लाइक टू टेक रिस्क मैं जिंदगी में बिलीव करता हूं कि रिस्क लेना चाहिए क्योंकि जिंदगी एक ही बार मिलती है और ये फादर को भी जवाब देना था कहीं भी आपको सुनो यस कहीं ना कहीं था मे बी यशस्वी नहीं आता तो कोई और आता लेकिन मैं छोड़ता नहीं क्योंकि ये मेरा अपना एटीट्यूड है कि मैं जल्दी कोई चीज छोड़ता नहीं हूं और मुझे और भी प्लेयर बनाने है मुझे लगता है और बेटर कर सकता हूं तो जब वो आया था ना तो जब लोगों को पता चला खास करके मेरी मदर वो बहुत नाराज हुई और उन्होंने बोला कि भोजपुरी में बोलती है मेरी मदन कि अ किसी और के लड़के को कोई दूसरा पालता है ो बोल के दिखाइए ना हम लोग समझते हैं आप बोले कि के और का लड़का के पाले लगा हां पगला गए लवे काते निकाल दे होके भोजपुरी में तो मैं बोला अपना काम करो सीधा मेरा मेरा नेचर है जब मैं मुझे कोई ज्यादा सिखाता बोलता अपना काम करो जो होगा मैं देख लूंगा तो मेरी मदर ने ना और मेरे घर में एक जो मैंने लेडी बताया हमारी आंटी हम बोलते हैं वो 2 2003 से अभी भी मेरे घर में रहती है उनका कोई नहीं है तो मैंने उनको अपने मदर की तरह रखा है और रोज मुझे भड़का द थी कि इसने ऐसा कर दिया उसने वो चाहती थी निकल जाए यह भी बहुत चिता है उनसे रोज उसकी शिकायत करती थी कि तू नहीं रहता है तो मेरे को ऐसा करता है व पूरा खाना ही खा लेता है उसके पेट में राक्षस है सो मेनी थिंग्स यू नो लाइक ट सो मुझे ना कई लोग बोलते थे कि बेटा बहुत लोग समझाते थे कि 12 साल 13 साल का लड़का है उसके मां बाप है नहीं तेरा भी कोई नहीं है और तेरी अभी शादी भी नहीं हुई है तो अगर कल को कुछ हो गया अगर कहीं उसको कुछ हो हो गया कोई दुर्घटना घट गई या कुछ इस लड़के के साथ हो गया तो तू सीधा जेल जाएगा यह लोग मुझे बोलते थे और तू इतना पागल क्यों हुआ है रे क्या प्रॉब्लम ये अफवा नहीं उड़ी कि आपका लड़का मब आप भी सिंगल एक लड़का नहीं तो लड़का तो मेरा ही है शादी वाले दिक्कत नहीं हुई आपकी नहीं नहीं लड़का तो अभी भी मेरा ही है अगर मैंने उसको बचपन से पाला है मैंने मैं यशस्वी को क्रिकेट नहीं सिखाया मैंने उसको पाल पोस के बड़ा किया है उसको बच्चे की तरह पाला उसको जो चाहिए था मैंने दिया मैंने उसको स्कूल्स में जो भी था आई डोंट वांट टू से ऑन कैमरा क्योंकि लोग बोलेंगे कि मैं अपनी तारीफ कर रहा हूं तो मैंने उसको पाला है नॉट ओनली एज अ जैसवाल से अभी रिश्ते कैसे हैं आपके कैसे रिश्ते भया ठीक ठाक है अभी बट अभी ठीक ठाक ठीक ठाक मतलब अभी मतलब आपने अभी कहा मैंने उसे पाला पसा बड़ा किया फिर ये ठीक ठाक रिश्ते देखिए कैसा होता है जब बच्चे बड़े हो जाते हैं ना तो उनको उनके हाल पे छोड़ देना चाहिए आपका भी बच्चा बड़ा हो जाएगा तो थोड़े टाइम उनको छोड़ देना चाहिए बट ऐसा नहीं है कि वो बिगड़ गया है या कुछ ऐसी कोई समस्या है अभी जस्ट वो इंडिया खेल रहा है सब खेल रहा है अभी नहीं चीज है तो अभी वो अपनी जिंदगी जी रहा है और अच्छा परफॉर्म कर रहा है बस इतना ही दिन भर में कितनी बार बात होती है आपकी अभी काफी कम होती है बात और मैं नॉट नली विथ जयसवाल मैं जब भी कोई प्लेयर आगे क्रिकेट खेल जाता है तो मैं थोड़ा डिस्कनेक्ट रहता हूं क्योंकि मुझे नेक्स्ट जनरेशन पर काम करना है ये तकलीफ देता है आपको अ फिलहाल तो मुझे लगता है कि इसके बारे में बात नहीं करूंगा क्योंकि इट्स टू अर्ली टू से क्योंकि अभी वो लड़का है अभी इंडिया के लिए खेल रहा है और अभी जो मैं चाहता था वो कर रहा है उसके जिंदगी के दो पहलू है एक एज अ प्लेयर तो उसने बहुत प्राउड फील करा है और मुझे लगता है वह खुशी किसी और ने नहीं दी है तो बाकी चीजें अभी मैटर नहीं एक बड़ा अच्छा शेर था कि मेरी खामोशी ने हजारों जवाबों की लाज रख ली नहीं ऐसा कुछ नहीं है देखिए एक समय होता है कि कुछ बच्चों को अगर आप पेरेंट्स भी हो अगर बच्चा बड़ा हो जाता है और वो बोलता है कि नहीं मुझे अपने हिसाब से जीना है तो उसको जीने देना चाहिए नहीं मैं इसको कुरेद नहीं रहा हूं मेरा सिर्फ यह थॉट था जैसे आपने कहा ना क्योंकि जब मैं आपकी बात सुनता हूं या इनफैक्ट मैं यशस्वी के पुराने इंटरव्यूज देखता हूं कहीं पर भी तो उसकी आंखों में आपको लेक एक चमक रही है जो मैंने हमेशा देखी है कि यह मेरे भगवान हैं इनकी वजह से मैंने यह किया मैं जो बना इनकी वजह से बना और वह शब्दों में भी वह इंटेंसिटी नजर आती है जो ग्राउंड में उसकी परफॉर्मेंस में या उसके खेलने को लेकर जुनून में नजर आती है यह मैंने लगातार नोटिस किया कई इंटरव्यूज में यह जो थोड़ा सा डिस्कनेक्शन वाली बात आई एक तो उम्र का भी होता है कि इस उम्र में लोग थोड़ा चाहते हैं कि आप हमको सेपरेट कर दीजिए मैं ट्विंकल खन्ना का भी इंटरव्यू कल देख रहा था कहीं पर उन्होंने कहा कि अ मेरे बच्चे ने कहा कि सुनिए मेरा पासवर्ड अब मैं नहीं दूंगा आपको अब मैं 12 का नहीं हूं मैं 21 का हूं हम देखिए कैसा होता है कि मुझे ऐसा लगता है कि ये फैमिली रिश्ते हैं और इसको जग जाहिर नहीं करने चाहिए और जैसे मैंने आपको बताया कि एक इतने रफ बैकग्राउंड से एक बच्चा आया है और काफी लोगों से मिलता है जुलता है तो सब अपने अपने थॉट देते होंगे बट ये सब टेंपरेरी फेज होता है अगर आप टेंपरेरी फेज में कोई ऐसी चीज बोल दो पब्लिक में तो अच्छी नहीं है सो यू हैव हार्ट टू हार्ट कनेक्शन यू बिलीव स्टिल बहुत मुझे अभी भी लगता है कि वो मेरा बेटे जैसा है बेटा ही है मैंने सब कुछ किया है बट अभी थोड़ा एक होता है कि एक समय आता है कि आप ट्रांसफॉर्मेशन से गुजरते हो आप अपनी जिंदगी जीना चाहते हो मैंने भी किया होगा मैंने भी जब मैं जब मैं बड़ा हो रहा था तो मैं अपने फादर के अगेंस्ट कुछ चीजें बोलता था तो इसका मतलब यह नहीं कि मैं फादर से डिस्कनेक्टेड हूं या गुस्सा मुझे भी आया था मैंने आपको बताया तो यह चीजें होती रहती है अगर आप एक साथ रहते हो बहुत लंबा टाइम गुजारते हो तो यह चीजें होती रहती है कि कभी आप थोड़े कनेक्टेड होते हैं कभी डिस्कनेक्ट बट एंड ऑफ द डे मैं ये चीज हमेशा मेरे लिए मैटर करता है कि मैंने क्या सपना देखा था जसवाल अपने मां-बाप से कैसे रिश्ते हैं अच्छे रिश्ते हैं अभी उनके साथ रहता है वो उनके साथ रहता है उनके साथ रहता है मैंने सुना कि जब वो शायद आपको ज आपके पास छोड़ कर गए थे उनके पिताजी तो उन्होंने कहा था कि अभी मेरा लड़का नहीं अभी आपका लड़का है अब इससे काम करवाओ पैर दबवाप ऐसा कुछ कहा था उन्होंने यस र्स यस यस जब यशस्वी के डैड जब उसको छोड़े थे मेरे पास जब उसने 319 रन बनाया था तो पहली बार जब वो मैं उनको फेस टू फेस मिला था मेरे चौल वाले घर पे मुझे अभी भी याद है तो वो बहुत इमोशनल हो गए और उन्होंने मुझे यही बोला था कि सर हम बहुत दिन से बहुत तकलीफ में है बहुत गरीब आदमी हम हम समझ नहीं आ रहा था हम क्या करें मेरा बेटा तड़प रहा था कि कोई मिल जाए कोई हमको आसरा दे दे खिला दे लेकिन हमसे कुछ हो नहीं पा रहा था इतने दूर से हम करते तो क्या करते थे फोन पर हम रोते थे अब आप मिल गए हो आप इसके भगवान हो और आज के बाद यह आपका लड़का है उसका हाथ उन्होंने मेरे हाथ में दिया और आज के बाद आप जो करोगे सब आपका है और आप मालिक रहोगे जो भी डिसीजंस होगा व आपके हैं आप जो करना है करो हमसे अब इस लड़के से कोई मतलब नहीं है और आगे जो भी होगा आप करोगे हम आपसे मांगेंगे जो भी होगा जो करेंगे लेकिन बस इसको क्रिकेटर बना दो और यशस्वी भी यही बोलता था कि मुझे बाकी कोई चीज से मतलब नहीं रहेगा जो करोगे सब मैं मानूंगा आपका काम है बाकी चीज मेरा काम है क्रिकेट खेलना तो मुझे लगता है ये सारी चीजें बातें हुई थी बट ठीक है सब ये सारी चीजें बहुत पुरानी बातें हैं जैसे जैसे टाइम बदलता है चीजें भी बदलती है मैंने कहीं ये भी सुना कि यशस्वी का बैंक अकाउंट आपकी आप एक्सेस करते थे सारी चीजें आपके हाथ में थी अभी भी चीजें वैसी ही आप चेंज हो गई नहीं नहीं अभी वो उसने अपने हाथ में ले लिया उनके अपने मैनेजर से हा नहीं वो खुद करता है उसने बीच में थोड़ा सा मुझे बोला कि सर मैं चाहता हूं मैं खुद हैंडल करूं तो थोड़ा टाइम मैंने उसको मना किया फोर्सफुली भी मैंने उसको मना किया लेकिन वो बोला नहीं मुझे खुद करना है तो मैंने उसको दे दिया लेकिन जब तक मैं हैंडल करता था जो भी चीजें आती थी मैं उसको देता था और जो भी वो बोलता था मैंने सब किया तो अच्छा अब जैसे ये तो चलिए आप आपने इनको सिखाया पहुंच गए बट अब आप जब देखते हो आगे बच्चों को सिखाने में सो मैं क्योंकि मैंने कई फिल्में देखी है वहां पर दिखाते हैं कोचेस जो होते हैं वो जिन बच्चों में लाइफ टाइम इन्वेस्ट करते हैं दे प्लान कि हम एक कांट्रैक्ट करेंगे क्योंकि हमने अपने जीवन के इंपॉर्टेंट ईयर तुम्हें दिए तुम्हारे संघर्षों में तुम्हारा साथ दिया तुम्हारी सफलता में भी हमारा हिस्सा या हक होना चाहिए वो हमारा बनता भी है अ ऐसा कोई थॉट आपके जहन में आता है इनको लेके या आगे जो जनरेशन आप सिखाएंगे बिकॉज एट द एंड ऑफ द डे यू आर कोच ल्स देखिए एक चीज मैं हमेशा सोचता हूं कि क्योंकि मैं कोचेस को लेकर ना बहुत इमोशनल हूं क्योंकि मैं पहले क्रिकेट खेलता था और मैं मैं खुद कोचेस को बहुत कोसता था मैं बोलता था अरे सर आते नहीं है यू नो लाइक तो जब मैं मैं जब क्रिकेट खेलता था ना तो मैं कोचेस की ना जर्नी को समझता नहीं था क्योंकि एक कोच जो होता है व सुबह उठता है 5:00 बजे और मैं अपनी बात कर रहा हूं ऐसे सारे कोचेस होंगे मैं तो अभी वेल टू डू बहुत सारे लोग नहीं है और अपने बच्चों को ना व कभी स्कूल जाते हुए नहीं देख पाते दिस वेरी टफ जर्नी कि एक बच्चा छोटा बच्चा होता है और हर पेरेंट चाहता है कि मेरा बच्चा स्कूल जा रहा है मैं उसको कपड़े पहनाऊ और उसको स्कूल से लेने जाऊ क्योंकि य जर्नी है बच्चे क्योंकि धीरे धीरे बड़े हो जाते हैं फिर तो क्रिकेट कोच होता है मुझे नहीं लगता है कि कोई एक क्रिकेट कोच अपने बच्चे को कभी स्कूल जाते हुए देखता है या उसको लेकर आता है तो वो क्या करता है उस टाइम प वो किसी और के बच्चों को टाइम दे रहा होता है और फिर शाम को भी सेम चीज होती है जसे मॉर्निंग इवनिंग और कोचिंग है शाम को भी यही हाल है कि अपने बच्चे का जो खेलने का टाइम है जो तुम्हारे साथ गुजारना चाहिए वह किसी और के बच्चे के साथ गुजार रहा है तो मुझे अब यह जरूर लगता है कि कोचेस कोच की लाइफ ज्यादा मुश्किल है क्यों क्योंकि एक कोच जो होता है एक पिता होता है किसी का भाई होता है पति किसी का पति होता है और इसकी सोशल सर्किल होती है और कोचिंग अभी भी इंडिया में कोई बहुत हाई पेड जॉब नहीं है अभी हम लोग को छोड़ दो अलग लेवल पर हमको स्ट्रगल नहीं करना पड़ता है पीपल पे अस वेल तो जो नॉर्मल कोचेस होते हैं ना उनके पास वो नहीं होता है कि वो सबको इतने अच्छे से मैनेज कर पाए फिर भी वो कंसिस्टेंटली करते हैं और एक कोच एक ब्रेन और एक बॉडी के साथ 100 ऑफ ब्रेन एंड बॉडीज के साथ डील करता है मतलब इतने बच्चे साथ में आ जाते हैं मेरा यह प्रॉब्लम मेरा वो प्रॉब्लम है ऐसा है वैसा है सो मेनी थिंग्स और वो कभी अपनी फ्रस्ट्रेशन नहीं दिखा सकते अगर उसने दिखा दिया तो व बच्चा नाराज हो जाएगा उसका पैरेंट नाराज होगा उसको अकेडमी से निकाल देगा तो बहुत डिफिकल्ट जॉब है एक ब्रेन और एक बॉडी के साथ आप इतने लोगों को डील कर रहे हो इतने रिलेशंस को पाल रहे हो उल्टा जो प्ले आपकी कॉम्प्रोमाइज के बारे में चर्चाएं नहीं होती है हा सेकंड पार्ट में प्लेयर का बताता हूं मैं आऊंगा आपके जवाब प लास्ट में आऊंगा एक प्लेयर जो होता है ना उसको क्या करना है वो ग्राउंड पर गया उसको एक कोच मिल गया उसको सारा सामान मिल गया उसको ग्रुप मिल गया प्लानिंग मिल गया खेलता है वो फेल होता है तो कोच के पास जाता है प्रॉब्लम सॉल्व हो जाता है तो एक ब्रेन और एक बॉडी के साथ एक एक ही डीलिंग कर रहा है और उसको कोई ना जॉब का प्रेशर है ना कोई फैमिली का प्रेशर क्योंकि पेरेंट्स भी उनको दे रहे हैं तो कोचिंग बहुत डिफिकल्ट जॉब है और मुझे ऐसा लगता है टू बी वेरी फ्रैंक विद यू कि आज जिस तरीके से क्रिकेट में पैसे आए हैं प्लेयर्स को इतने पैसे मिलते हैं तो कहीं ना कहीं अगर ऐसे कोचेस कहीं पर भी हैं जो किसी को फ्री कोचिंग दे रहे मैं फ्री वालों की बात कर रहा हूं अगर कोई कोच फीस लेता है उसका कोई हक नहीं बनता है कि कोई बच्चे से आगे जाकर कुछ मांगे क्योंकि वह प्रोफेशनल हो गया प्रोफेशनल रिलेशन हो गया कि आप आप उसने फीस दिया आपने ले लिया खत्म हो गई बात लेकिन अगर कोई कोच अपनी जिंदगी के कुछ बहुत इंपॉर्टेंट टाइम आपको देता है और आप पर इन्वेस्ट करता है तो देयर शुड बी अ कांट्रैक्ट सिस्टम जिसमें एक्स वाई जड कांट्रैक्ट होना चाहिए कि भाई आज मैं आपको दे रहा हूं कल आपको मुझे देना है यह मुझे लगता है होना चाहिए सबके साथ होना चाए मैं यह भी बोलूंगा कि अगर एक कोई क्रिकेटर या कोई भी प्लेयर बहुत पैसे कमाता है बहुत अच्छी जिंदगी जीता है तो कोच क्यों नहीं जीना चाहिए व्हाई नॉट अगर तुम कोई भी प्लेयर एक कोच की मेहनत पे उसके टाइम प उसके कांटेक्ट प बड़ा हुआ है अगर वो समझो 00 कमाता है व्हाट एवर तो उसमें से कुछ ना कुछ उस प्लेयर का अगर उसने सब कुछ किया है मैं सबकी बात नहीं कर रहा हूं बहुत सारे फेक कोचेस भी होते समझ गया मैं जिन्होंने पैसा लिया उनका मतलब नहीं लेकिन जिन्होंने निस्वार्थ भाव से किया है तो आगे जाके कहीं ना कहीं ये सिस्टम जरूर आना चाहिए क्योंकि ये आगे जाके बहुत डिस हार्टनिंग होता है अगर वो चीजें चेंज होती है तो ट्स व्हाट आ नहीं तो फिर फिर मैं आप उस पॉइंट को करता हूं क्योंकि मैं देख रहा हूं आप थोड़ा उसपे बचना भी चाह रहे हैं बट स्टिल ये बहुत इंपोर्टेंट टॉपिक है और कई लोगों के मन में सवाल होगा तो ये जो बात आपने कही कि कोचेस का बनता है क्योंकि आपने कॉम्प्रोमाइज किया व्हिच इज वेरी ट्रू एंड आई एम श्यर आप इतनी मेहनत अपने बच्चों पे भी नहीं कर पाओगे अब बिल्कुल मैं नहीं कर सकता मैं वो एनर्जी नहीं है करता हूं मैं हां क्योंकि मुझे लगता है कि अभी स्टोरी बाकी है बट उम्र क भी एक होता है ना सर एज इज जस्ट अ फायर थी कि नहीं नहीं आई आई विल करेक्ट यू द्रोणाचार्य को देखा आपने हां खूब किस देखा नहीं सु किससे सुने किससे सुने टीवी पे देखा होगा हां वो अपने आखिरी स्टेज में काले दाढ़ी के साथ थे कि सफेद दाढ़ी के साथ सफेद दाढ़ी के साथ राइट हां तो कोच जो होता है ना जितनी उसकी दाढ़ी सफेद होएगी उतने ही स्मार्ट बनते जाएगा नहीं मैं दूसरे कंटेस्ट में पहली बार आपको अपने आप को भी साबित करना था अपने फादर को भी जवाब देना था आप भी भरे बैठे थे तो वो उस टाइम जो एक एक एक जुनून निकला होगा वो एक उसकी स्पाक अलग होती है मैं नहीं मानता चलिए हो ठीक है क्योंकि मुझे लगता है ना कि मैं थोड़ा उल्टा सोचता हूं थोड़ी सोच मेरी अलग है मुझे लगता है जब मेरे पास कुछ नहीं था ठीक है तब मैं यहां तक आ गया तो अब तो सब कुछ है ट्र य ये भी एक नजरिया है तो अगर मैं मैं बिना हथियार के मैंने ना सैंटा क्रूज में एक हमारा जिम था ठीक है कुछ डेढ़ या दोज स्क्वायर फीट का होगा तो यशस्वी जब छोटा था तो बोलता था सर बारिश में प्रैक्टिस में बहुत प्रॉब्लम होती है तो मैं एक दिन ऐसे टेरिस पर गया मैंने बोला इधर इंडोर बनाते और हमने बना दिया और एक दिन मैं ऐसे ही सोच रहा था कि इंडोर पर कौन-कौन खेला है तो यशस्वी खेला है पृथ्वी शौ खेला है वसीम भाई आते थे प्रैक्टिस करने प्रवीण आमरे सर कुछ लड़को को लाते थे तो मैं ऐसे देखने लगा इतनी सी जगह में इतने इंडिया प्लेयर आके खेल गए और इतने बड़े-बड़े क्लब में कोई नहीं खेलता है तो जब उस स्टेज से हम इस स्टेज तक आ सकते हैंप तो इसके आगे तो रास्ता और आसान हैप आपने गांव की जर्नी कर ली आपने खटारे में आपने गाड़ी चला ली तो हाईवे प तो दौड़ ब नहीं चाहिए तो मैं ऐसे ही सोचता हूं ठीक है बढ़िया तो जो ये आपने बहुत अच्छी बात की और ये मैं से इत्तेफाक भी रखता हूं कि अब आपके पास क्लेरिटी ज्यादा है संसाधन ज्यादा है अगर कोई ऐसा होगा जिसके अंदर फायर होगी आप उसको कहां से कहां पहुंचा सकते हो बट ये जो आपने एक बात कही कि अगर आपने जीवन के 910 साल दिए अपने बच्चों को आप स्कूल ड्रॉप करने नहीं जा पाए वो खेलने का टाइम नहीं दे पाए किसी और के बच्चे का भविष्य बनाने में जिसको आपने अपना बच्चा माना अब वो कांट्रैक्टेड प्लेयर है अब उसको बीसीसीआई से करोड़ों रुपए आते हैं राजस्थान रॉयल्स से अच्छे पैसे आ रहे हैं और बहुत जगह से एंडोर्समेंट आ रहे होंग क्या आपको उसमें कोई शेयर मिलता है जैसवाल के उससे मुझे नहीं चाहिए उससे कोई शेयर टू बी वेरी फ्रैंक विद यू नहीं आपको नहीं चाहिए वो आपका बड़पन है नहीं नहीं मिलता है वो तो ओबवियस है नहीं मिलता है क्योंकि अगर मैं बोलू ना तो मैं कभी सब सोचा नहीं जब मैं उसको सिखा रहा था जब मैं उसको टाइम दे रहा था तो मैंने कुछ सोचा नहीं इस तरह की चीजें कि मैं कभी सोचा ही नहीं एक्चुअली मैं कभी-कभी ऐसे सोचता हूं तो मैं सोचता मैं क्या सोचता था देखो मुझे तो यह भी नहीं पता था कि वो कितने पैसे कमाए वो खेलेगा कि नहीं खेलेगा मैं बस यही चाहता था कि वो अच्छा क्रिकेटर बन जाए हां यह जरूर चाहता था कि जब वो बड़ा क्रिकेटर बन जाएगा तो एक सर्टेन जज तक मैं मालिक रहूंगा और जो भी आएगा जाएगा मेरे हिसाब से होना चाहिए और मैंने उसको बोला भी था ये चीज जब वो छोटा था बहुत छोटा तो मैंने उसके साथ कुछ स्टोरी शेयर किए थे कि देख मैं बोला था बेटा देख अभी तो सब अच्छा है लेकिन प्रॉब्लम तब आती है जब पैसे आते हैं हां ये असली बात य है तो मैंने उसको बोला था देख कभी भी यह मत सोचना कि यह तेरा पैसा है ना मैं कभी सोच सकता हूं मेरा पैसा है ये हम दोनों ने मेहनत किया हम दोनों इसके बोलते हैं ना जिम्मेदार है जो तेरी जरूरत होएगी तू पूरा करना जो मेरी जरूरत होगी मैं पूरी करूंगा बट पहली प्रायोरिटी तेरी ी ये जरूर मैं बोला था लेकिन एक कंटेस्ट में बोला था मुझे कुछ कहानियां पति चली थी तो कंटेस्ट में बोला था और बहुत सारे लोग मुझे बहुत कुछ बोलते थे कि अरे तुम एक कांट्रैक्ट कर लो ये कर लो मैं बोला यार देखो जिस लड़के का पेपर मैं ही साइन कर रहा हूं ठीक है उसका स्कूल में साइन मैं कर रहा हूं एमसीए में मैं साइन कर रहा हूं बीसीसीआई के सारे मेल्स का जवाब मैं दे रहा उससे मैं कांट्रैक्ट करूं किसके साथ मैं खुद से कांट्रैक्ट करूं जिस लड़के का गार्जियन ही मैं ही हूं और सारी चीजें मैं ही कर रहा हूं तो मैं कांट्रैक्ट किसके साथ करूं मुझे आदमी बता दो तो एक यशस्वी समझ लो कि एक मेरे लिए एक इमोशन है इमोशन तर है बाकी क्या है ना देखिए ये सब मैटर नहीं करता है कि उसने क्या दिया मैंने क्या किया मैं बस एक ही चीज देखता हूं कि मुझे एक इंडिया प्लेयर बनाना था मैंने बना दिया और ऊपर वाले की कृपा से मैं बहुत अच्छा चल रहा हूं मे भी अभी आगे से जो भी होगा या कुछ भी होगा अच्छा ही चल रहा हैट्स नहीं बट आपने जैसे एक बहुत लंबा संघर्ष किया आपने कहा कि आप जब 2009 के बाद निकली बहुत सारे लोगों ने आपका सहयोग किया जिस वजह से आपने कोचिंग सेंटर शुरू किया जिस वजह से शायद जयसवाल या पृथ्वी शौ जैसे खिलाड़ी निकले अगर यह संसाधन और मजबूत होंगे इनकी व्यवस्था और अच्छी होंगी तो शायद चार लड़के और होंगे यस इट्स अ वेरी गुड पॉइंट मैंने कभी किसी से जिक्र किया था चमिंडा वाद से जिक्र किया था चमिंडा इज गुड फ्रेंड ऑफ मा मैंने बो बोला कि आज आईपीएल में या वर्ल्ड टी20 क्रिकेट में अगर आप आईपीएल को ले लो तो 10 टीम के कुछ 900 900 के ऊपर के करोड़ का अमाउंट आता है अब तो 100 करोड़ हो गया जो भी होगा 900 मैं अभी बोल रहा हूं जो मुझे अभी 91 या 92 करोड़ का ब्रैकेट है अगर कुछ ऐसा सिस्टम आए कि एक प्लेयर जिस अकेडमी में खेलता है कोई भी एक्स वाई जड प्लेयर जैसे मैंने बताया कि दो तरह के कोच होते हैं जो 100% एफर्ट से करते हैं और कुछ लोग ऐसे नाम लेते हैं मैं दो दोनों को अलग-अलग कर रहा हूं दोनों को आप हर स्टोरी को एक ही साथ आप नहीं देख सकते तो अगर कोई किसी को इस तरीके से आउट ऑफ द बॉक्स सपोर्ट कर रहा है या कोई कोच मेहनत कर रहा है तो अगर वो लड़का अपनी इनकम से एक सर्टेन अमाउंट उस अकेडमी को या उस संस्था को दे ठीक है तो मुझे लगता है कि जो गरीब बच्चे जो आते हैं हमारे पास भी आते हैं अभी मेरे पास बहुत सारे गरीब बच्चे आते हैं कितने लड़के तो आ जाते हैं जो बोलते हैं सर आप हमको अगला जैसवाल बना दो एंड आई एम शोर ये बोलते होंगे कितने बच्चे ऐसे आते हैं जो बोलते हैं कि घर से भाग के आते हैं बोलते हैं आपको हमको रहना और खाना भी दे दो तो मेरे लिए पॉसिबल नहीं है आई कैनट डू दिस फॉर एवरीवन तो अगर इस तरह की चीजें होए कि चलो आपके यहां से 10 लड़के पांच लड़के व्हाट एवर निकले जैसे चलता है तो मुझे लगता है जो गरीब बच्चे होते हैं जो आपकी मीडिया की स्टोरीज देख के भागते हैं उनके लिए बड़ा सपोर्ट होगा और मेरा ड्रीम भी वही था अभी भी है कि कुछ ऐसा करो कि जो इस तरह के बच्चे क्योंकि एक्चुअल में ना ऐसे बच्चों को ज्यादा जरूरत है 100% 100% तो मुझे लगता है कि क्रिकेटर्स ही क्रिकेट को चला देंगे ट्रू अगर आप 900 करोड़ की बात करते हो उसमें से एक 10 या 20 पर भी आ जाए तो 180 करोड़ होता है आप सोचो पूरे इंडिया के बच्चे फ्री में कोचिंग लेंगे सो ट्रू तो दिस इज माय थॉट सो ट्रू तो मेरे मन में फिर ये थॉट आता है सर क्योंकि जब मैं आपको मैं आपकी जगह रखकर अपने आप सोच रहा हूं कि आपकी 2014 में शादी हुई हम इसी के आसपास जैसवाल आया आपके लाइफ में आपकी प्रवेसींचंडी गई होगी आपकी वाइफ आई होंगी शादीशुदा जिंदगी में घर में एक आदमी और रह रहा है बच्चा है छोटा है बट आपने फैमिली की तरह बढ़ाया बाद में आपका बच्चा हुआ बहुत सारी चीजें हुई अब जब आप देखते हो आपसे लोगों ने भी कहा कि भाई बड़ा होगा भूल जाएगा या कांट्रैक्ट कर लो आप कहते मैं ही तो करता हूं सब कुछ र्जन की तरह साइन करता हूं रिप्लाई मैं करता हूं खिलाने में ले आता हूं जब आपसे ये कहा गया कि अकाउंट्स मुझे दे दीजिए या आज आप सक्सेस का हिस्सा नहीं है डायरेक्टली एक तो है कि नाम में है इमोशंस में है बट इट वाज पर्सनल एंड प्रोफेशनल बोथ रिलेशनशिप राइट पर्सनल रिश्ता चल रहा है कि सर ने सिखाया बट जो एक ड्यू था आपका वह जो आपकी प्रवेसींचंडी ब में वो एनर्जी लगाने में कि यार सब कुछ तो करके देखा मैंने जब मिलता है तो आदमी बदल जाता है क्या जैसवाल बदल गए पैसा कमाने के बाद या आप मेरे मुह से मत बुलवा क्योंकि मैं फिर भी फिर बोल रहा हूं कि वो मैंने उसको बच्चे की तरह पाला है वो अगर कुछ उसके दिमाग में चीजें भी आई है तो एक समय के साथ व निकल जाएगा तो मैं अभी यह सब नहीं बोलना चाहता क्योंकि मुझे लगता अच्छा क्रिकेट खेल रहा है मुझे उसके क्रिकेट मैं क्योंकि मैंने कभी ज्यादा सोचा नहीं टू बी वेरी फ्रैंक विद यू मैं यह सब चीज कभी सोचता नहीं था और मैं अगर सोच अगर मैं यह सब सोचता तो शायद ये बनता भी नहीं क्योंकि अगर मैं पहली दिन यह डाउट करता कि ये आगे जाक क्या करेगा कैसा करेगा तो मैं शायद जो एनर्जी मैंने उसके अंदर डाली जो मैंने फेट डाला वो नहीं होता तो मैं ना जयसवाल को एज अ क्रिकेटर जब वो बल्ला उठा के उठाता है ना तो मुझे लगता है यार मैं ही हूं बस मेरे लिए काफी है बाकी अभी मैं बहुत आगे जा चुका हूं एंड मेरे पास बहुत अच्छे-अच्छे फैमिली के बच्चे आते हैं दे आर पेइंग मी अ गुड गुड अमाउंट ऑफ मनी तो मुझे वो दे या नहीं दे मेरे कुछ फर्क नहीं पड़ता क्योंकि अब मेरी जो वैल्युएशन है काफी अच्छी है और मुझे बहुत अच्छे-अच्छे लोग जो अच्छे फैमिली के बच्चे आते दे आर पेइंग मी तो वो दे या ना दे मेरे कुछ फरक व अभी टू बी वेरी फ्रैंक विद यू मैं उसको देना चाहिए था क्योंकि मैं उसका गार्डियन हूं मैंने उसके लिए सब इन्वेस्टमेंट की है लेकिन मुझे ना आप 100 बार भी ये पूछोगे नहीं मैं इसलिए पूछता हूं क्योंकि जब नया वाला घर आया हमने सुना वो आपको नहीं पता चला था जो नया घर लिया गया तो मैं वही कह रहा हूं कि जिस पिता ने आपके हाथ में हाथ पकड़ाया और ये कहा कि ये आपका बच्चा है अब वो 10 साल में पांच बार आए अब आप आउटसाइडर हो गए पहले वो आउटसाइडर थे अब आप आउटसाइडर है देखिए ये मैं हमेशा दो चीज बोलता हूं कि मेरी जो जिम्मेदारी थी वो मैंने पूरी मेहनत लगन और ईमानदारी से की पर खून का रिश्ता खून का रिश्ता होता है लेकिन मां-बाप मां-बाप होते हैं टू बी वेरी फ्रैंक विद यू एक चीज मैं जरूर बोलूंगा कि आप किसी को कितना भी कर दो जो उसके मां-बाप होते हैं मां-बाप ही होता है मैंने एक सीरियल देखा था बचपन में जंगल बुक आपने भी देख सबने देखा मोगली वाला तो वो मोगली को व लीला और सब फैमिली थी है ना आप सबने देखा होगा हा तो उसमें यह दिखाता है कि वो लोग बहुत प्यार से उसको पालते हैं लेकिन एंड ऑफ द डे लोग बोलते हैं मनुष्य है राइट और लास्ट में मनुष्यों के साथ ही रहेगा शेर खान से बजाते हैं शेर खान हमेशा उसके ऊपर हमले करता है लेकिन वो बचाते हैं उसको बगीरा आता है भालू आता है सो मेनी कैरेक्टर्स तो बाद में मैंने एक बार मोगली देखा मुझे याद आई मोगली की तो बाद में मैंने एक्सेप्ट कर लिया वो चीज कि यार एंड ऑफ द डे जो मां-बाप होते हैं वही मां-बाप होते हैं और होना भी चाहिए क्यों नहीं होना चाहिए अगर उसके मां-बाप हैं तो इतने साल तक अपने मां-बाप से अलग रहा है तो उसकी भी एक मोरल रिस्पांसिबिलिटी है एक सोशल रिस्पांसिबिलिटी है और वो रहना इसकी तारीफ भी चाहि बिकॉज बहुत सार क्रिकेटर्स ऐसे जो माबाप से जुड़े ही नहीं है ऑफकोर्स आई थिंक मां-बाप देखिए मैं उसको सिखाता था बचपन से क्योंकि जब वो कभी कभी ऐसा होता था कि उसकी मम्मी का फोन आता था तो मैं बोलता था किसका फोन है हम ज्यादातर तो मेरे साथ ही रहता था सुबह से शाम तक तो काट देता था किसका फोन काट रहा है बोला मेरी मम्मी का फोन है बोला उठा बोल नहीं नहीं सर मेरे को नहीं बात करने तो मैं गुस्सा कर तेरे मां बाप से तू बात नहीं करेगा तेरे मां बाप ने तेरे को पैदा किया है तुझे बड़ा किया है देखो मां बाप मां बाप होते हैं ठीक है वो बचपन में आदमी मां और बाप को नींद आती है ना तो भी सोते नहीं है क्योंकि उनका ब जाग रहा होता है तो मां बाप की जगह ना कोई नहीं ले सकता और लेना भी नहीं चाहिए राट तो मुझे लगता है कि अगर अपने मां-बाप के लिए कर रहा है ना तो अच्छी बात है इस कोई दिक्कत नहीं है मूविंग ऑन अब जैसवाल से हम आगे बढ़ते हैं हालाकि जैसवाल प्रदर्शन बड़ा शानदार असर टेस्ट सीरीज में तो मैं हमेशा से यशस्वी को देखिए जब भी यशस्वी क्रिकेट खेलता था और अभी भी मैं हमेशा ना जो मैंने उसके लिए किया है ना मैं वही नोटिस करता हूं कि भैया मैंने उसको क्रिकेट सिखाया मैंने अपनी जिंदगी के न साल उसके ऊपर लगा दिए मैंने एक ही चीज सोचा था कि वो इंडिया के लिए खेले और इंडिया के लिए खाली नहीं खेलो 10 साल इंडिया के लिए मैं अभी भी बोल रहा हूं मैंने 2020 में एक इंटरव्यू में बोला था सस पीएन प पढ़ लीजिएगा कि 10 साल इंडिया खेलेगा 20188 में भी बोला था तो मेरे अंदर विजन था कि ये इंडिया खेलेगा और सिर्फ इंडिया नहीं खेलेगा ये लेजेंड बनेगा और उस राह पर जाते हुए मुझे दिख रहा है तो मेरे लिए कोई मैटर नहीं करता है कि वो किसके साथ रह रहा है क्योंकि मेरा जो मैं मेरा जो मिशन था ना वो कामयाब हो रहा है बाकी पैसे तो क्या मैं भी कमा लूंगा ठीक है हम भी सीखते हैं देखिए पैसा बहुत जरूरी है मैं ये भी नहीं बोल बोलूंगा मनी अगर पैसा ना हो तो हम सब यहां नहीं बैठे होते ट्रू लेकिन ठीक है अगर अगर कोई लड़का मैंने जब उस मोटो से किया ही नहीं ठीक है हां यह जरूर है कि अगर मतलब इतना मेहनत किया जो भी किया है व्हाट एवर यह उसकी मेरे बीच की बात है कभी देखेंगे आगे मौका मिलेगा तो ठीक है आपको लगता है कि आज जो टी20 वर्ल्ड कप आ रहा है क्योंकि जो मैंने अपनी प्लेइंग 11 बनाई है उसमें मैं जैसवाल को देख रहा हूं राइट ओपनिंग रोहित के साथ करते हुए शुभमन के ऊपर क्योंकि शुभमन का स्ट्राइक रेट मुझे कंपैरिजन में थोड़ा सा कम लगता है जैसे ज वाल का थोड़ा ज्यादा लगता है इसलिए मैंने t20 में प्रायोरिटी दिया है आपको लगता है ऐसा कुछ कि t20 वर्ल्ड कप में जैसवाल इज गोइंग टू प्ले क्यों नहीं मैं बोलता हूं क्यों नहीं आप मुझे बताओ क्योंकि उसने t20 के सारे मैचेस में रंस किए और टेस्ट मैच में उसने ओवर शैडो कर दिया है तो अगर कोई लड़का इंटरनेशनल क्रिकेट में जाके रन बना रहा है चाहे वो टी20 हो या टेस्ट क्रिकेट हो और टेस्ट क्रिकेट में उसका स्ट्राइक रेट देख लीजिए जबरदस्त तो मुझे तो लगता है कि वो खेलना चाहिए और दूसरी चीज क्या है जो आप एक बोलते एक 1 पर अगर आप बोलते हो तो मे भी अगर वभी आईपीएल के बहुत सारे मैचेस बचे हैं अगर उसने आईपीएल में 400 या 500 रन किए तो आई डोंट सी देर एनी डाउट दैट ही शुड नॉट बी देयर बट शुबन गिल से कंपटीशन है आई रियली डोंट नो देखिए एक चीज मैं आपको फिर बताता हूं किसी का कंपटीशन किसी के साथ नहीं होता है ओके अगर आप अच्छे हो ना तो दूसरे की जगह अपने आप चली जाएगी उसको अपनी जगह बचानी है तो आई एम नॉट टॉकिंग शुभमन गिल मैं हमेशा से बोलते आया हूं कि कोई किसी का कंपट नहीं होता है हम हर इंसान अपना कंपट होता है अगर यश ने लास्ट ईयर 500 रन किए हैं तो इस साल उसको इंडिया खेलने के लिए 600 रन करने पड़ेंगे मैं एक एग्जांपल दे रहा हूं तो अगर वो 600 या 700 रन बनाता है तो किसी से कंपटीशन ही नहीं है और जो टॉप पे होते उनका किसी के साथ कंपटीशन नहीं होता सचिन तेंडुलकर का कंपटीशन किसी के साथ इसलिए नहीं था क्योंकि सबसे अच्छे थे तो आपको जो भी करना है जाके जब आपको चांस मिलता है आप करो और सबसे अच्छा अपना एफर्ट लगाओ सिलेक्टर्स के ऊपर है कि वो किसको प्रेफर देते ठीक अब दूसरा खिलाड़ी के बारे में क्योंकि जयसवाल कीने काफी बात कर ली आपके साथ एक और खिलाड़ी जुड़े थे नाम है पृथ्वी श एक खिलाड़ी जिसको लेकर कहा गया रवि शास्त्री ने कहा था कि वन ही वक्स इन टू द फील्ड ऐसा लगता है कि ब्रान लारा सहवाग सचिन और जब शौ आए थे तो उसी तरह की झलक भी दिखी थी अंडर 19 वर्ल्ड कप वो जीत कर आए जलवा जलाल था पहला टेस्ट मैच शतक मार दिया पृथ्वी शह क्यों गायब हो गए देखिए पृथ्वी मेरे पास 2015 में आया था और 15 16 177 तीन साल वो मेरे साथ था और जब वो आया था तो शायद मुंबई की अंडर 16 के लास्ट दो तीन मैच में नहीं खेला था और उसके फादर से मेरी मुलाकात हुई क्योंकि हम दोनों एक ही एरिया में रहते हैं साटा क्रूज में और एयर इंडिया ग्राउंड में वो भी आता था अलग अलग नेट्स में खेलता था तो ऐसे एक दिन हमारी मुलाकात हुई और मैंने बोला नेट्स में बैटिंग कर उसके थोड़े रस हो नहीं रहे थे उस टाइम प तो आया बैटिंग किया और 15 10 15 दिन मेरे पास आया और फिर उसके फादर बोले कि सर हम आपके पास आना चाहते हैं आओ लाइट तो वहां से हमारी जर्नी स्टार्ट हुई और फिर वो उसके बाद वो अंडर 19 नेक्स्ट ईयर अंडर 19 खेला कुछ बया ट्रॉफी खेला उसने सिलेक्शन के पहले मैच में 120 131 किया फिर 81 किया जो हमारा वहां का अंडर 19 के ट्रायल मैच होते हैं और कूज बिहार खेला तो वहां से मेरी जर्नी स्टार्ट हुई और मैंने उसके ऊपर काफी काम किया 2015 16 17 और बेसिकली व टैलेंटेड तो शुरू से था और बहुत सारे कोचेस ने उसके पर काम किया था मैं पूरा क्रेडिट नहीं लूंगा क्योंकि मुझे लगता है कि पृथ्वी के ऊपर और भी बहुत सारे कोचेस ने काम किया है जीी क्रिकेट क्लब है वहां पर उसने काफी मेहनत की रिजवी में उ हो गया उसके और भी कोचेस है लेकिन उस टाइम पर मैं था उसके साथ और मैं था और कोई नहीं था तो मैंने उसको काफी गाइड किया मेहनत किया उसको सब किया मुझे ऐसा लगता है कि जब अंडर 19 वर्ल्ड कप हुआ तो मैं बहुत एक्साइटेड था कि मेरा क्योंकि एक्चुअली देखि तो पहला लड़का वही था जो अंडर 19 खेला था जिसको मैंने कोच किया तो मैं बहुत एक्साइटेड था और मैं वेट कर रहा था कि वो कॉल करेगा बात मेरी हो गई थी क्योंकि मैं दिल्ली में आया था किसी न्यूज़पेपर साथ बैठा था उन्होंने बोला कि पृथ्वी से बात करा दो और मैं कभी पृथ्वी को डायरेक्ट कॉल नहीं करता था मैं उसके डैड के थ्रू बात करता था तो मेरे को मजबूरी हो गई कि मुझे करना पड़ा तो उसने मेरे से बात किया दो तीन लोगों से और बात किया और मेरे को थैंक यू वगैरा भी बोला उसके बाद अंडर 19 वर्ल्ड कप के बाद आज तक मैंने उसको देखा नहीं है क्या बात कर रहे यस मैंने उसको फेस टू फेस नहीं देखा और अंडर 19 से पहले आप ही कोचिंग कर रहे थे यस उस जाने के पहले भी मेरे साथ वो सेलिब्रेट करके गया था था उसका बर्थडे है 9 नवंबर को तो रंजी का कुछ बॉम्बे का 500 वा मैच था तो मेरे घर पे आया था हमने केक वेक काटा और जाने के पहले एक बार मिला था उसका कुछ कांट्रैक्ट कंटक्ट हो रहा था कोई कंपनी से तो 2000 17 एंड के बाद आज 2024 में हम बैठे हैं मैंने उसको देखा ही नहीं है सात साल यस और मेरे बहुत सारे फ्रेंड्स है जैसे वसीम है इंडियन ऑयल में खेलता है अभी राजेश पवार है दो बार उन्होंने बोला तो आई डोंट थि उसका क्या इशू डोंट नो तो अब मैं उसके बाद मैं क्या बोलू जब मैं उसको मिला ही नहीं तो मैं क्या बोलूं कि उसका डाउन फॉल कैसे आया बट एक प्लेयर जिसके बारे में फिर मैं कह रहा हूं कि जिसको लारा सचिन सहवाग ये ग्रेटेस्ट प्लेयर है सर खासतौर पर टेस्ट क्रिकेट में तो इनसे बड़ा कोई नाम ही नहीं है लारा सचिन आपने एक साथ जोड़ दिया वो नाम जोड़ कर आना हर प्लेटफॉर्म प परफॉर्म करके आना बचपन से उसी खबरें हम सुनते थे कि पृथ्वी ने यहां रन बनाया यहां बनाया नेक्स्ट सचिन है यह है वो है इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू 100 रहा फिर वो एक अंदर आती गेंद की परेशानी शुरू हुई और उस अंदर आती गेंद ने पृथ्वी को ऐसा बाहर किया कि आज उनके वेट को लेकर सवाल होते हैं उनके कॉन्फिडेंस को लेकर सवाल होते हैं उनके एटीट्यूड को लेकर सवाल होते हैं लड़की वाला मसला आता है तो क्योंकि आप बहुत सारे बच्चों में डील करते हैं जैसवाल ने ऐसा क्या किया जो पृथ्वी नहीं कर पाए क्योंकि टैलेंटेड तो पृथ्वी शौ भी उतने ही थे जैसवाल की आज तीनों फॉर्मेट में जगह बनी है और पृथ्वी शौ की तीनों फॉर्मेट में जगह पहले बनने के बाद वो बाहर हैं जबकि उन्हीं के साथ ही चाहे अर्शदीप हो या शुभमन गिल हो या बाकी जितने प्लेयर हैं इनफैक्ट रियान पराग जिसको इतने क्रिटिसाइज किया गया शुरुआत में वह भी अपनी जगह बनाते दिख रहे हैं मुझे लगता है देखिए मैं चकि मैं बता रहा हूं कि मैं उससे मिला ही नहीं हूं उसके फादर ए कुछ ऑब्जर्वेशन तो होगा ना सर थ मुझे ऐसा लगता है कि कहीं ना कहीं जो प्रोसेस होता है हम जिसको वर्क एथिक्स बोलते हैं ब्रायन लारा की कुछ स्टोरीज मुझे चमडा वास ने शेयर की थी कि वो कैसे थे अपनी भी स्टोरी चमिंडा वास मेरे अच्छे दोस्त हैं तो हम लोग थोड़ा लेजेंड्स कैसे जीते हैं उसके बारे में मैं काफी बात करता था उनसे मैं जानकारी लेता था दैट इज हाउ आई लर्न टॉकिंग विद चमिंडा बाद दिलीप बंग सरकर सर तो कहीं ना कहीं मुझे ऐसा लगता है कि अगर आप एक टैलेंट हो व्हाट इज टैलेंट टैलेंट इज जस्ट अ गुड शीट एक अच्छा सा जो बीज बोलते हैं ना या स्मॉल जो बोलते हैं ना पौधा वही टैलेंट है उसको पेड़ बनने के लिए ना अगर हम पेड़ टैलेंट मतलब एक छोटा पौधा और एक एंड ऑफ द डे एक पेड़ होता है कटा कट्टा पेड़ ब तो उस वो जो जर्नी होती है ना उसमें कंसिस्टेंसी बहुत चाहिए और कंसिस्टेंसी क्या चाहिए आपका लाइफ स्टाइल आपका वर्क एथिक्स उसके बाद डिसिप्लिन तो अगर मैं दूर से बोलू जैसे सब लोग बोलते हैं जैसे जैसे मैं खबरें सुनता हूं तो मुझे लगता है कि उसने कहीं ना कहीं कॉन्शियसली या अनकॉन्शियसली क्योंकि मेरा स्टूडेंट है तो मैं हार्स नहीं बनूंगा क्योंकि मैं चाहूंगा कि अगर कोई बच्चा मेरा ही मेरे साथ ही रहा है और इतना सब किया है तो वो कहीं ना कहीं ट्रैक पर वापस आ जाए तो मुझे लगता है कि कहीं ना कहीं वो जो कंसिस्टेंसी चाहिए चीजों को बेहतर और बनाने की क्योंकि आप अंडर 19 में रन किए आप टेस्ट में रन कर दिए ठीक है आपने अच्छी स्टार्ट कर ली लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट में टिकने के लिए जो आपको अपने गेम के अंदर लगातार सुधार लाने पड़ते हैं जो जो चीजें लगती है क्योंकि वहां के बोलर बहुत स्मार्ट होते हैं अगर आप सचिन तेंडुलकर का 1989 का वीडियो देखो तो अजीब से खड़े होते थे और अगर 2011 या 13 का देखो तो एक अलग सा पोस्ट दिखता है या तो सचिन तेंडुलकर ने अपने गेम को लगातार रिफाइन किया ट्यून किया उसपे काम किया फिटनेस प काम किया मेंटल टफनेस प काम किया होगा मुझे लगता है प्लेयर तभी भटकता है जब वो अपने प्रोसेस से हटता है अगर आपकी वर्क एथिक्स अच्छी है और आपका प्रोसेस सही है आप डेली वो र हैबिट्स को फॉलो करते हो तो आप पीछे नहीं जाते हो तो कहीं ना कहीं मुझे लगता है जो प्लेयर फेल होते हैं या नहीं कर पाते उनके अंदर ये चैलेंज जरूर होते हैं यशस्वी की बात है तो मुझे लगता है उसका वर्क एथ एक सुपर्ब है वो मेहनत बहुत करता है और उसको अपना काम पता है कि यह चीज मुझे कैसे करनी है यही दोनों डिफरेंस है ये बड़ा डिफरेंस है अच्छा आईपीएल फॉलो कर रहे हैं आप मैं ज्यादा क्रिकेट नहीं देखता खबरें पढ़ते हैं अखबार प थू आजकल बड़ा बबाल चल रहा है हार्दिक पांड्या वाली कहानी प लोग कह रहे हैं मुंबई का राजा कौन आप तो मुंबई में रहते हैं राट कौन है और क्यों ये बवाल है क्योंकि ये बवाल हमने पहले देखा नहीं किसी खिलाड़ी को स्टेडियम में बू किया गया हो मैं आज एक कार्टून देख रहा था बाहुबली वाली आई है मुझे बहुत हंसी आई व देख के देखिए छोटी मुह बड़ी बात बहुत बड़े लेवल की बात है हार्दिक पांडे इतना बड़ा प्लेयर अंबानी इतने बड़े यनो बिजनेसमैन रोहित शर्मा इंडिया कैप्टन मैं मैं कहां घुस उसके अंदर तो मुझे लगता है कि थोड़ा हार्दिक पांडे को टाइम देना चाहिए क्योंकि एक मैनेजमेंट जो होता है एक कोई भी आईल आईपीएल की फ्रेंचाइजी होती है वो हमेशा लॉन्ग टर्म सोचती है यह मेरा अपना मानना है अगर मैं ए एन एक्सपर्ट बात करूं तो कोई भी फ्रेंचाइजी होती है वो लॉन्ग टर्म सोचती है वो शॉर्ट टर्म नहीं सोचती तो कहीं ना कहीं शायद उनको लगा होगा कि अभी हमको रोहित शर्मा के आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि रोहित शर्मा अभी आई थिंक 37 के आसपास आ चुके हैं मे बी ये टी20 वर्ल्ड कप हो सकता है कि उसके आगे ना खेले आई डोंट नो तो सिलेक्टर डिसाइड करेंगे तो कहीं ना कहीं फ्रेंचाइजी सोचती है कि यार हमको अगले पा साल कांग इन 42 अभी लास्ट उधर क्या मारा सर 16 पर स मारे तो मैं वही कह रहा हूं फ्रेंचाइजी के ऊपर एक मैनेजमेंट आपका मैनेजमेंट अलग हो सकता है मेरा मैनेजमेंट अलग हो सकता है तो हो सकता है मैनेजमेंट सोचा हो कि हम एक नया या कोई किसी और को यह जिम्मेदारी दे और अभी दो ही मैच हुए हैं शायद आईपीएल के और मुझे लगता है पब्लिक को थोड़ा सा वक्त देना चाहिए ज हम आप इंटरव्यू तीसरा चलेगा उसम आपका भी लड़का खेलेगा राजस्थान रोयल मुंबई में मैच है यस तो अभी आई थिंक थोड़ा सा पब्लिक को भी वक्त देना चाहिए कि वो प्लेयर एक 14 मैच होने के बाद या सीजन खत्म होने के बाद क्योंकि आप मुंबई इंडियंस का रिकॉर्ड देखो आप हार्दिक पांडे को साइड में कर कर दो मुंबई इंडियंस का रिकॉर्ड देखो कि वो फर्स्ट हाफ में हमेशा ऑर्डिनरी ककेट दैट टाइम दे यूज टू हैव कैरन पोलार्ड पीक हार्दिक पांड्या पीक रोहित आगे पीपल सेड इट वाज रोहित शर्मा कैप्टन स तो वही मैं बोल रहा हूं कि देखिए जब तक कोई चीज खत्म नहीं हो जाए तो फिर हार्दिक पांडे को इतनी गालियां क्यों पड़ रही हैद ये क्यों ये कभी तो कभी नहीं हुआ ना कि रिकी पंटिंग को हटा के रोहित को बनाया गया था विटोरी को हटा के विराट को बनाया गया था विराट हटा फाफ आ गया धोनी हटे ऋतुराज आ गया ये इस वाले में इतना कांड क्यों हो गया मुझे ऐसा लगता है कि अगर मैं जड़ तक जाऊ तो चूंकि रोहित शर्मा अभी करंट इंडियन टीम के कैप्टन है हा तो मुझे लगता है अगर कई रूम ऑफ इंप्रूवमेंट जिसको हम बोलते हैं या कोई चीज सही नहीं हुआ या सही हो सकता था मुझे लगता है कि रोहित शर्मा चकि इंडियन टीम के करंट कैप्टन है और सक्सेसफुल कैप्टन है टी20 भी इंडिया के कैप्टन है तो इंडिया का करंट टी20 कैप्टन स्टेप आउट नहीं करना चाहिए वो कैप्टनशिप रहना चाहिए तो मुझे लगता है लोगों का ना गुस्सा इसके लिए ज्यादा है यह नहीं ज्यादा कि हार्दिक पांड खराब है गुस्सा ये कि हमारे इंडियन टीम के कैप्टन को हटा के आपने दूसरे को कप्तान कैसे बना दिया कई लोग जैसे मैं क्योंकि मैंने बहुत सारे स्टोरीज की उनका ये कहना था कि यार अब आईपीएल में ना कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो खाली आईपीएल के लिए तैयार रहते हैं कई खिलाड़ी पर आरोप लगता है जैसे ईशान पर लगा अभी हार्दिक पर लगा दीपक चेहर पर लगता है कि ये साल भर में आधा टाइम अनफिट रहते इनफैक्ट हार्दिक को लेके भी एक स्टैड देख रहा था मैं कि 2019 के पा से एक टेस्ट मैच नहीं खेला है प्रवीन कुमार ने भी गुस्सा दिखाया मैंने इंटरव्यू किया था कि चांद से उतर के आया है काफी कवरेज उसकी हुई तो यह भी आप मानते हो कि क्योंकि रोहित सारे मैचेस खेल रहा है लगातार खेल रहा है वर्ल्ड कप के बाद टेस्ट सीरीज खेल रहा है बच्चों के साथ जीत गया वर्ल्ड कप में भी ऑलमोस्ट जीते थे वो तो उसका भी एक इमोशनल असर है कि थोड़ा सा वो एक लॉयल्टी वाला प्लस हार्दिक ने शायद स्टेटमेंट दे रया था मुंबई को लेके अ आपने सही पॉइंट उठाया कि जब से आईपीएल आया है टू बी वेरी फ्रैंक जो प्लेयर्स होते हैं ना वो डोमेस्टिक क्रिकेट को उतना वैल्यू नहीं देते और जो डिफिकल्ट फॉर्मेट है क्रिकेट का जो टेस्ट क्रिकेट है वो शायद बचना चाहते हैं शायद उनको लगता है हमको ज्यादा वर्क लो नहीं लेना है हम आईपीएल में इंजर्ड ना हो जाए तो फ्रेंचाइजी वर्सेस कंट्री फ्रेंचाइजी वर्सेस स्टेट यह एक चीज है जो फिलहाल चल रही है क्योंकि यह सचमुच यू नो चिंता का विषय है कि आईपीएल आप दो महीने खेलोगे और पूरा साल आप नहीं खेलोगे तो मुझे लगता है कहीं ना कहीं ये प्लेयर्स को जरूर सोचना चाहिए कि कंट्री शुड ऑलवेज कम फर्स्ट अब मैं सिर्फ हार्दिक के लिए नहीं बोल रहा हूं सबके लिए बोल रहा हूं कंट्री कंट्री के लिए खेलना प्राउड होना चाहिए तो कहीं ना कहीं मुझे लगता है ये चीजें रिपोर्ट्स में आती है कि प्लेयर रंजीत ट्रॉफी नहीं खेल रहा है और कहीं और जाके प्रैक्टिस कर रहा है कहीं और ट्रेनिंग कर रहा है सब आता है हां बड़ौदा में आया था कि हार्दिक कुनाल और ईशान प्रैक्टिस कर रहे थे और अरजी का मैच नहीं खेला हां तो मुझे लगता है कि इसके वजह से थोड़ा पब्लिक को या लोगों को लगता है कि दे आर नॉट नेस्ट विद देयर जॉब बट उनकी अपनी प्रायोरिटी है अब यह तो बीसीसीआई का काम है जैसे अभी बीसीसीआई ने बड़ा अच्छा कदम उठाया कि जो रंजीत ट्रॉफी खेलेंगे उनको थोड़े पैसे श्रे सैयर पर जो बैन लगा था अभी कि मतलब बैन क्या लगा था उन्हें कांट्रैक्ट नहीं दिया गया था एक प्लेयर जिस ने वर्ल्ड कप में 500 प्लस रन बनाए फर्स्ट मिडिल ऑर्डर बैट्समैन एक मैच नहीं खेला था सर्फ राइट उसके बाद हालांकि वो वो भी आपके दोस्त के बेटे किस्मत चमक गई मुशीर को मौका मिला जाके उस डबल 100 मार दिया था मैंने कहा ये भी अच्छा है कोई एक नहीं खेला तो किसी और कीम चमक जाती है तो मैंने वही बोला कि आपका कंपट कोई नहीं होता आपको मैंने स्टार्ट में बोला अगर आप छोड़ोगे तो कोई और ले लेगा क्या ग्रब किया लेकिन लड़के ने स हां तो मैं वही कह रहा हूं कि तो वो सही था जो श्रे सर के साथ हुआ आपको लगता है अब देखिए मैं मैं इतना बड़ा आदमी नहीं हूं कि मैं बीसी आई के डिसीजन प क्वेश्चंस करूं अब बीसीसीआई के इंटरनल रिपोर्ट्स क्या है अभी आपको और मुझे नहीं पता कि बीसीसीआई के मैनेजमेंट का कौन से रिपोर्ट्स गए हम तो खाली किसी ने बोल दिया तो वो मान लेंगे उसने वो बोल दिया तो वो मान लेंगे मुझे लगता है कि कोई और रीजन भी हो सकता है अभी हम उसका ठीक है सही बात है कि वो आप आप आपके बच्चे भी बहुत सारे हैं मैं आपको क्य कंट्रोवर्सी में डालूं अच्छा आईपीएल में आपकी चार टीमें कौन सी है आप ये तो इजी तो इसका कोई मतलब नहीं तो फैन वाला क्वेश्चन है कि चार टीमें कौन सी जो आप देख रहे हो कि ये टॉप फोर में जा ने वाली है मेरे को लगता है कि चेन्नई वन ऑफ द टीम मतलब ये तो आग बंद तो हां और वही तो चार बताऊंगा चेन्नई इज वन ऑफ द टीम आई थिंक राजस्थान इज वन ऑफ द टीम जिसको मैं बोल सकता हूं क्योंकि लड़का आपका वहां खेलता है इसलिए नहीं राजस्थान का अगर लास्ट टू इयर्स का परफॉर्मेंस देखोगे तो लास्ट ईयर लोग ने अच्छा नहीं किया बिकॉज ऑफ जॉस बटलर वाज नॉट इन फॉर्म अगेन ही इज नॉट इन फॉर्म अभी दो ही मैच हुए हैं तो मुझे लगता है राजस्थान मे भी आपका चेन्नई सुपर किंग्स और अगर अंडर डॉग बोलेंगे आपका एमई का बोल नहीं सकते लास्ट में कहां से कौन आ जाए ऐसा तो नहीं कि रोहित शर्मा चलते आप भी कह रहे रोहित अच्छा कर ले मुंबई जीते ना जीते और चौथी सीट प मुझे लगता है कि मेरे हिसाब से एसआरएच जीटी एसआरएच मुझे जो लास्ट मैच वो खेली बहुत अच्छा खेली एंड यू कैन से जीटी मुझे लगता है चार के बज मैं पांच टीम लूंगा आई थिंक इसमें से कोई ना कोई करना चाहिए मैं एक और बढ़ता लखनऊ बी में डाल देता हूं मैं हां लो भी ले स सबको ले सकते कोई ना कोई तो खेलेगा ही बट ये अच्छा है हम बीते 12 सालों से 2013 में लास्ट टाइम हम जीते थे आईसी ट्रॉफी चैंपियंस ट्रॉफी हम धोनी के बाद फिर नहीं जीते क्या लगता है सब अच्छा करते हैं क्यों ऐसा जा है अ मुझे ऐसा लगता है कि बहुत सारे जो आईसीसी टूर्नामेंट्स हैं अ दो इसके दो फेजेस है बहुत सारे आईसीटी टूर्नामेंट आप देखेंगे तो आईपीएल के जस्ट बाद भी होते हैं अगर आप नोटिस करो मे बी 50 पर तो आईपीएल एक बहुत ही थकावट मेंट है अगर आप देखोगे ना तो आईपीएल में प्लेयर थक जाते हैं आप आज मैच खेल रहे हो फिर सुबह आपको दूसरी फ्लाइट पकड़नी है दोपहर को फिर एक दिन प्रैक्टिस करोगे तो और क्या होता है कि सारी जो टीमें होती है ना अलग-अलग सारे प्लेयर अलग-अलग टीमों में बट जाते हैं तो जो कॉमिनेशन होता है ना वो मे भी शायद नहीं बनता है क्योंकि क्रिकेट सिर्फ टैलेंट या बोलते हैं ना स्किल का गेम नहीं है बट उनका भी तो पैट कमेंस स्टाक हमारे एक टीम में खेल रहा है लेकिन इंडिया के तो सारे खेलते हैं उसमें थोड़े बहुत कम खेलते हैं इंडिया के तो सारे खेलते हैं बाकी कंट्रीज के मे भी दो या चार प्लेयर्स खेलते होंगे मिचल मा उनका कप्तान ऑस्ट्रेलिया का उसको लाते हैं चार नंबर पर कभी तीन नंबर पर मैं वही कह रहा हूं कि बाकी टीमों से मैं अपना विलियमसन कप्तान उसे बचारे को हमने डगा आउट में पानी पिलाने के लिए रखा है वही मैं बोल रहा हूं ब नहीं खेलते तो कहीं ना कहीं मुझे लगता है एक ये फैक्टर है और दूसरा मुझे लगता है कि जो प्रेशर हैंडलिंग होता है आईसीसी टूर्नामेंट का जैसे अभी हमने लास्ट वर्ल्ड कप हारा इतनी अच्छी टीम होके अहमदाबाद में हम हार गए तो कहीं ना कहीं जब वो नॉकआउट अब आप देखोगे तो सब नॉकआउट मुकाबले में हम हारते कहीं ना कहीं वो जो प्रेशर हैंडलिंग है जो जीतने का दबाव है हारने का प्रेशर मैं नहीं बोलूंगा का जो दबाव कि हमको यह वाला जीतना है हमको यह जीतना है हमको यह जीतना है उसमें कभी कभी प्लेयर ओवर फोकस भी हो जाते हैं ओवर बोलते ना ओवर ट्राई करने लगते हैं तो मुझे लगता है कहीं ना कहीं यह जरूर एक चीज है और अगर यह हो जाए तो सही है नशा साहब से रिश्ते कैसे हैं आपके नौशाद इ गुड फ्रेंड ऑफ माइन हम लोग साथ में यंग फ्रेंड्स को खेले हैं आप भी शेरो शायरी करते हो फिर या सुनते ही उ नहीं मैं मोटिवेशनल बातें करता हूं शेरो उनकी शायरी सुनते हो आप खाली नहीं खाली आप लोग के थ्रू सुन लेता हूं मैं एक्चुअली टीवी इंटरनेट से बहुत दूर रहता हं क्योंकि मैं सुबह आपको बताया मेरी जर्नी न घंटे में ग्राउंड पर रहता हूं और शाम को आते आते थक जाता हूं मैंने सुना उनको भी किसी ने हिट किया था कभी की इतना ही करना अपने बच्चों को बना दो यह सड स्टोरी है एक्चुअली हमें पॉजिटिव स्टोरी डिस्कस करना चाहिए बट उन्होंने करके दिखा दिया एथिंग लर्निंग लाइफ प देखिए क्या होता है बंजारा अकेडमी दो चीज दो चीज मैं आपको बताता हूं की एक सिचुएशन आती है हमारी जिंदगी में जब भी हम कोई काम करते हैं तो हमारी जिंदगी में एक सिचुएशन आती है और सिचुएशन आप ही लाते हो आज हम बात कर रहे हैं किसी भी प्लेयर की या शश्वी की पृथ्वी के या हम क्यों बात कर रहे क्योंकि उनको हमने बनाया उन्होंने हमको बनाया मेरे को एक बार एक मीडिया वाले ने बोला कि आपने यशस्वी को बनाया है और आपने पृथ्वी को बनाया मैंने बोला क्या पता उन लोग ने भी मुझे बनाया हो तो हम अपने जिंदगी में ना एक स्टेज पर आते हैं जब भी हम कोई काम करते हैं एक सिचुएशन आता है अब उस सिचुएशन से लड़ना है या जीतना है आपके पर है तो आज आप नौशाद की बात कर रहे हो तो किसी प्लेयर ने उनको ताना मारा था मुझे पता है व प्लेयर कौन है उन्होंने मुझे बताया भी था ये चीज अगर वो ताना नहीं मारता तो आपको लगता है सरफराज और मुशीर बन पाते आप मुझे बताइए हां उनके फादर ने फिर उसको लेके तपस आप मुझे बताइए आपने बहुत सारे लोगों का किया है आप मेरे सवाल का जवाब दीजिए अगर आपको कोई डीप हर्ट नहीं करेगा तो आप वो एफर्ट डालोगे शायद कम डालोगे शायद कम डालोगे हो जाओगे कि चल भाई ये लड़का कर रहा है तो वो सिचुएशन आई और उसने उस सिचुएशन को के लिए लड़ा और आज वो जीता तो आई प्राउड ऑफ और ऐसे ही सबको सोचना चाहिए तो कि जिंदगी में ना हमेशा दो दो दो सिचुएशन आती है आदर आप किसी को भला बड़ा बुला बोल के अपनी गुस्से को शांत कर दो या फिर उस गुस्से को अंदर जिंदा रखो और बोले चल ठीक है ना 10 साल और दे वी विल सी यू तो एक मेरे को ना एक कहानी याद आ रही है एक महात्मा गांधी से किसी ने सवाल पूछा कि गांधी जी आप अहिंसा के पुजारी हो आपको गुस्सा नहीं आता है मैंने किसी बुक में पढ़ा तो गांधी जी ने बोला कि नहीं मुझे बहुत गुस्सा आता है तो बोले हमको तो कोई पता ही नहीं चला गुस्सा क्यों हमारे आसपास रहते हु दिखता ही नहीं है तो उन्होने बड़ी अच्छी बात उस बुक में लिखी थी कि मुझे बहुत गुस्सा आया था जब अंग्रेजों ने मुझे ट्रेन से निकाल के फेंक दिया था क्योंकि मेरे पास फर्स्ट क्लास का टिकट था मैं टिकट ले नहीं था और मुझे इन्होंने फेंक दिया उस दिन ना मुझे जो गुस्सा है ना उसके वजह से अंग्रेजों को मैंने डिसाइड किया कि इंडिया से उठा के फेंक दूंगा तो गुस्से को ना अपनी ताकत में बदलो अगर आपके साथ ऐसा कुछ होता है तो उसको भूलो मत लेकिन उससे सीखो और आगे बढ़ो दैट्ची नको ट्रेनिंग दे रहे आप अ मेरे हिसाब से अभी मेरे पास 10 से 15 बच्चों का अच्छा पुल है जिसमें कुछ अंडर 19 इंडिया के लिए दिव्यांश सक्सेना है ही आल्सो प्लेड अंडर 19 वर्ल्ड कप अभी एक और लड़का है अभी इंडिया अंडर 19 सिलेक्ट हुआ है एक लड़का अंडर 25 मुंबई खेल रहा है आई डोंट वांट टू टेक नेम क्य बहुत छोटे लेवल पे है मेरे लिए सक्सेस होगी जब कोई इंडिया खेलेगा आईपीएल खेलेगा रंजीत ट्रॉफी वगैरह इ लाइक अ वर्म अप फॉर अस अभी और भी चार पांच लड़के तो मेरे पास 10 से 15 अच्छे बच्चों का पुल है और बहुत अच्छे-अच्छे बच्चे मेरे पास आ रहे हैं जैसे मैंने बताया कि जब मैं यशस्वी को या इन लोगों को ट्रेनिंग करता था तो मैं बहुत ही छोटा सा एक मामूली सा कोच था ठीक है मुझे कोई जानता भी नहीं था क्योंकि मैं कोई ना इंडिया खेला हूं ना मैं फर्स्ट क्लास खेला हूं एंड आई एम प्राउड ऑफ कि मैं यह बोल के आपके सामने बैठा हूं अच्छा कोच बनने के लिए बहुत बड़ा क्रिकेटर होने की जरूरत नहीं पहली चीज तो यह है कि जो इस पोस्ट कार्ड को गांव-गांव में छोटे-छोटे कोचेस सुन रहे हैं कभी भी यह यह डरना मत कि आप ज्यादा क्रिकेट नहीं खेले हो और जो क्रिकेट खेला उसी को सब नॉलेज होगा क्रिकेट है ना ऑब्जर्वेशन का खेल है अगर आप ठीक से उसको देखो और दिमाग में बिठा हो तो देख के आप सीख सकते हो तो मैं वही कह रहा हूं कि उस टाइम पे मेरे पास सब ऐसे ही बच्चे आते थे जिनका कोई ना कोई इशू होता था जिनको कोई देखने वाला नहीं खेलने वाला और अच्छे-अच्छे जो बच्चे होते थे वो अच्छे-अच्छे क्लब्स में जाते थे मेरे पास को क्यों आएगा कोई आज से 15 साल पहले क्यों आएगा तो उस टाइम पे जब मेरे पास कुछ नहीं था तब ऐसे ही बच्चे आते थे तो आज तो मेरे पास बने बनाए लड़के आते हैं जिन्होंने आधी जर्नी कर ली है तो मैं आपको बोल रहा हूं ना मेरा रास्ता भी बहुत आसान है अभी कोई लड़का है जिसको ले आपको लगता है कि यार ये कर जाएगा इसमें बात आई डोंट वांट टू टेक एनी नेम जब कर जाएगा तो मैं फिर आऊंगा उसको लेके आपसे बात करने इंटरव्यू हम सा करेंगे ऑफकोर्स करेंगे व्हाई नॉट करने कोई भी चीज होने के बाद बतानी चाहिए मेरे हिसाब से सुपर्ब सुपर्ब अभी आपकी आपका बच्चा है आपका ही बच्चा है डॉटर है तो अब तो महिला क्रिकेट भी अच्छा कर रही है आरसीबी भले मर्दाना नहीं जीती जनाना तो जीत ही गई तो अब तो वमन क्रिकेट का भी भविष्य अच्छा चल रहा है ऑफकोर्स आई थिंक गर्ल्स क्रिकेट मुझे लगता है कि अगर कोई भी लड़की सीरियसली खेले तो अगले पाच से 10 साल बहुत अच्छे जाने वाले हैं उसके बाद फिर से बॉयज वाला कंपटीशन में भी आ जाएगा क्योंकि भीड़ बढ़ जाएगी तो मेरी बेटी तो खैर अभी 6 साल की है उसको क्रिकेट अभी पता नहीं पसंद है कि नहीं पस है ये आप मानते हो कि ये शानदार चीज है कि आज हमें वमन क्रिकेटर्स के नाम याद हो गए सबके वरना कहां पता होता खाली आप किसी से पूछो कि इंडिया कैप्टन कौन है कौन है फिलहाल हां कौर है ना मुझे नहीं पता आप जनरल पूछेंगे तो इंसान क रोहित शर्मा अच्छा इंडियन क्रिकेट टीम का ओके आप पूछे कौन कैप्टन है आप इस पॉडकास्ट से पूछ लीजिए अगर आप लोगों से पूछे कि इंडिया कैप्टन कौन गर्ल्स का बहुत कब को पता इवन मैं भी कभी कभी नहीं फॉलो करता इमेजिन ही नहीं करते कि आप वमन टीम की बात भी कर सकते हो राइट इंडियन टीम मतलब लड़कों की टीम यस यस क्रिकेट तो अभी डब्ल्यू पीएल में इतनी भीड़ होना इतना सब कुछ होना हमने भी स्टोरीज कवर की मुझे लगता है बहुत पॉजिटिव साइन है मुझे ऐसा लगता है ना कि इंडिया में जो क्रिकेट डेवलप हुआ है ना उसके लिए सबसे ज्यादा इसी को क्रेडिट देना चाहिए वो बीसीसीआई कितना भी कोई क्रिटिसाइज करे लेकिन मुझे लगता है दुनिया में ऐसा कोई बोर्ड नहीं है जो अपने प्लेयर्स का ना इतना टेक केयर करता है आप दे लो बाकी बाकी बोर्ड क्या करते हैं बीसीसीआई का जो स्ट्रक्चर है देखिए क्रिकेट इंडिया में क्रिकेट का स्ट्र स्ट्रगल तब तक है जब तक आप बीसीसीआई के सिस्टम में नहीं जाते हो अगर एक बार आपने कोई बीसीसीआई के टूर्नामेंट खेल लिए जैसे अंडर 14 के खेल लिए अंडर 19 के खेल लिए तो आपको एनसीए जाने मिलता है आपको फ्री में ट्रेवलिंग मिलता है आपको पैसे भी मिलने लगते हैं इसी पे मेरा एक सवाल आता है ये जितने क्रिकेटर बड़े होते हैं गरीब क्यों होते हैं मेरा सवाल आप पूछ रहे हो आप कह रहे हो कि यार नहीं अभी आप ही ने कहा ना कि उनको एनसीए जाने को मिलता है पैसे मिलते हैं हर स्केल पे लाखों रुपए मिलते हैं तो फिर ये इतनी सारी गरीबों ये इंडियन आइडल वाली कहानी कैसे आती है कि मैं बहुत गरीब था ये था ये बेचा वो किया ऐसा किया देखिए मैं एक बोलता हूं ना कि बिना फैसिलिटी के और बिना रिसोर्सेस के आप डिस्ट्रिक्ट लेवल भी नहीं खेल सकते हो क्योंकि अगर आप बैट्समैन हो बॉलर का मे भी थोड़ा बहुत एक्सेप्शनल केस है कि आपके पास एक अच्छा जूता हो जाए बॉल भी लोग दे देते हैं क्योंकि अगर आप कोई कोई भी नेट में जाओगे तो बॉलर सब कुछ ही रहते हैं लेकिन बैटिंग में ना एक बैट्समैन का एक अच्छा जो किट होता है ना एटलीस्ट अच्छे लेवल के अगर कोई स्टेट खेल रहा है कम से कम कम से कम 50 से 00 का होना चाहिए बैड 20 25 स्टार्टिंग रेंज बता रहा हूं तो मुझे भी कभी-कभी बड़ा अजीब सा लगता है कि जो लड़के जैसे ही उनकी स्टोरी आती है तो कोई बोलता है मेरे पास ग्लज नहीं था कोई बोलता है मेरे पास खाने के पैसे नहीं थे देखिए दो चीजें होती है गरीब हो सकता है प्लेयर मैं य मानता हूं कि प्लेयर गरीब हो सकता है लेकिन जहा जब आप कहीं पहुंचते हो तो बहुत सारी संस्थाएं आप का मदद करती है या आपके पेरेंट्स उस काबिल होते हैं या कोई और करता है तो गरीबी वाला एंगल कभी मुझे भी समझ में नहीं आता क्योंकि अगर मैं आपको ऑन रिकॉर्ड बताऊं तो इंडिया में अर्निंग शुरू हो जाती है अंडर 14 लेवल से सबके लिए नहीं होती है मैं सबके एक स्टेट में खाली 20 लड़का ही स्टेट के प्रॉबस में होगा या 15 लोग रहेंगे उसके अंदर तो अंडर 14 जो लड़के खेलते हैं मुझे लगता है ढ़ दो लाख रुपए उनको साल के मिल जाते अगर सारे मैचेस खेलते हैं अगर अंडर 16 खेलते हैं लाइक विजय मर्चेंट ट्रॉफी मे बी थ टू 5 लक्स एजेक्ट फिगर नहीं बताऊंगा अंडर 19 अगर कोई विनु मंक खेलता है या फिर कुछ भीर खेलता है तो मे बी अराउंड 6 टू 10 लख के बीच में मिल जाता है अगर अंडर 23 खेलता है तो कुछ मेरे हिसाब से अराउंड दैट और रंजी खेलता है तो अराउंड 20 से 30 लाख तो यह मुझे बड़ा अजीब सा मुझे भी लगता है कि वो बच्चे इस सारे लेवल खेल के ही खेलते हैं अगर आप किसी प्लेयर की बात करो तो अंडर 14 161 के बगैर आप रंजी में जा ही नहीं सकते हो बहुत रेयर केस में भी फास्ट बॉलर्स जा सकते हैं तो आपको उतने पैसे बीसीसीआई ने दिया हुआ है तो यह गरीबी का एंगल मुझे लगता है कभी-कभी कोई स्टोरी फेमस करने के लिए या मीडिया के कुछ लोग आते हैं उनको एक नया सेंसेशन खड़ा करना होता है मे भी उनके अपने मजबूरियां होती है लेकिन मुझे नहीं लगता है कि बिना संसाधन के कोई पहुंच सकता है या तो आपके मदर फादर ने किया है या तो किसी और ने किया है और मैं मैं बोलूंगा कि मैं खुद क्रिकेट कोचिंग में हूं मेरे यहां पर बहुत सारे बच्चे आ जाते हैं यूपी से बिहार से बहुत जगह से आते हैं और यह सब कहानियां सुन के आते हैं तो हम बड़े ऑड सिचुएशन में आ जाते हैं कभी-कभी किसी किसी को बैट पकड़ने भी नहीं आता और वो बोलते सर हमको खिला दो और यह करो यह करो तो हम लोग बहुत सारे बच्चों को बोलते चलो ठीक है हम आपसे फीस नहीं लेंगे हम आपको कोचिंग में डाल देंगे उसमें से बहुत सारे ऐसे भी बच्चे होते हैं कि सर हम वॉचमैन बनेंगे हमको क्रिकेटर बना दो बहुत सारे बोलते हैं कि आप हमको रहना खाना भी फ्री दे दो मैंने रखा है काफी बच्चे हैं अभी भी लेकिन अब कम हो गए तो मुझे लगता है बिना संसाधन के ना यह हो पाना बहुत ही मुश्किल है और इस तरह के स्टोरीज जो होता है वो मोटिवेट करने के लिए बहुत अच्छा है लेकिन कहीं ना कहीं उसके पीछे जो सच्चाई होती है वो नहीं होती ठीक है अब लास्ट दो सवाल क्लोजिंग की तरफ हम है एक आप एज अ फैन लोग जानना चाहते हैं कि आपकी प्लेइंग 11 क्या है वर्ल्ड कप की कुछ तो आपके दिमाग में भी हो ना यार ये होना चाहिए बढ़िया आजकल सब चर्चा कर रहे हैं प्ले वर्ल्ड कप की टीम के बारे में टू बी वेरी फ्रैंक मैं क्रिकेट फॉलो ही नहीं कर रहा हूं आई एम सो बिजी इन कोचिंग लेकिन मेरे चलिए हम हम नाम ले लेते हैं आप बताइएगा ये खेलते नहीं खेलते हैं अ रोहित शर्मा यशस्वी जैसवाल या रोहित शर्मा शुभमन गिल मेरे को लगता है रोहित यशस्वी विराट विराट को आप खिला रहे हैं क्योंकि बहुत सारी खबरें चल रही है कि मैं अभी फिलहाल में 121 नाम लूंगा यशस्वी रोहित विराट अ सूर्या सूर्या चार हार्दिक पांच हार्दिक पांच विकेट कीपर कौन आपके हिसाब से विकेट कीपर थोड़ा टफ है क्योंकि अभी ऋषभ पं की वापसी हुई है अभी उनका आईपीएल कैसे जाता है उसपे डिपेंड करता डीके भी अच्छा कर रहा है फिर 3 साल वो वर्ल्ड कप ईयर में अच्छा करने लगते हैं डीके अभी पता नहीं वो सिलेक्टेड च मेरे को लगता है मेरे हिसाब सेल जितेश फिलहाल मुझे लग रहा है कि हम लोग ऋषभ को थोड़ा देखने चाहिए मतलब आईपीएल में समझ में आएगा क्या होता है तो दो अगर ऑप्शन ले तो मे बी रिषभ एंड जितेश का भी देख सकते हो करंट टीम के मेंबर है जितेश या ध्रुव जिन्होंने टेस्ट में अच्छा किया था आई डोंट नो मतलब वो आईपीएल प है दो तीन नाम है आईपीएल पे डिपेंड करेंगे देन आपके स्पिनर्स में कुलदीप अच्छा कर रहे हैं जड्डू जडेजा तो मुझे लगता है रहेंगे आई डोंट नो अब अश्विन अभी का बोल नहीं सकते लेकिन अगर ऑफ स्पिन ऑप्शन रखना है तो कुलदीप या रवि हां रवि विश्नोई भी अच्छा आई थिंक कुलदीप हैज बेटर यनो वेरिएशन देन फास्ट बॉलिंग फास्ट बॉलर बुमरा हो गया आपका फिर अभी समी का फिटनेस पता नहीं नहीं वो नहीं खेलेंगे तो मुझे लगता बुमरा हो गया फिर सिराज व्ट यू से सिराज मतलब एक मैच में तो जज नहीं करूंगा ब पिछले मैच में बहुत पटे थे बट ओवरऑल आई थिंक ही इज गोइंग टू प्ले सिराज अभी मंक यादव का भी नाम चल रहा है मयंक मुझे बड़ा एक्सा मुझे लग रहा है अगर आईपीएल अच्छा कर दिया इसने तो अभी ज एक 1415 का नाम लेने के लिए हमको थोड़ा मैच का वेट क्योंकि आईएल में बहुत सारी चीजें बदल जाती है अगर आप देखोगे तो आईएल के पहले कुछ नहीं होता और एक दो प्लेयर ऐसे निकल के आ जाते हैं तो मुझे लगता है कि ये कुछ प्लेयर्स हैं जो कर सकते हैं सुपर्ब जयसवाल स्पिन बॉलर भी है ना सर यस ऑफकोर्स थोड़ा बताए उनकी बॉलिंग क्योंकि बॉलिंग करते हम कोभ देखा नहीं और इंडिया में सारे कैप्टंस रोते रहते हैं हमारे पास बॉलर ही नहीं है हमको अगर चार अगर हम अभी चार बॉलर खिला ले विद पांड्या तो हमारे पास जैसवाल और रिंकू दोनों खेलेंगे विद विराट कोहली अच्छी टीम हो जाएगी बट प्रॉब्लम है कि ऊपर कोई बॉल ही नहीं करता ना रिंकू करते ना सूर्या करते ना विराट करते ना रोहित करते ना केएल राहुल करता अब तो चलिए कीपर हो जाएगा वो ऋषभ पंत उम्मीद नहीं करें कीपर है और जैसवाल से कराते नहीं देखिए यशस्वी को मैंने बचपन से एक गोल दिया है कि तुझे वर्ल्ड का बेस्ट ऑलराउंडर बनना है और उसने अपने डायरी में भी लिखा है मैं डायरी लिखवाता था उससे तो अभी रिसेंटली मैंने एक बार उसको बोला थोड़े दिन पहले की बात है कि तू बैटिंग में बहुत अच्छा कर रहा है लेकिन तुझे गोल याद है ना मैंने क्या बोला है तो उसने बोला यस सर वर्ल्ड का बेस्ट ऑलराउंडर तो मुझे लगता है कि अभी तो टू अर्ली है व आपको एक अच्छा लेग स्पिन ऑप्शन दे सकता है अगर आप उसकी मतलब बचपन की या बीच में अंडर 19 वर्ल्ड कप में भी उसने बॉल डाला हुआ है तो आप देखेंगे तो वह विकेट टेकिंग ऑप्शन है कि वो आपको तीन चार ओवर डालेगा और एक दो क्रुशल विकेट लेकर आ जाएगा तो बट डिपेंड करता है देखो एक स्किल एक अलग चीज होती है अपॉर्चुनिटी एक अलग चीज होती है तो अगर उसको उसकी फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स में अगर हर मैच में एक या दो ओवर कराएंगे तो आगे जाके आपको जैसवाल एक अच्छा ऑलराउंडर तो मैं संजू सेमसन को टैक कर दूंगा इस डील में बिल्कुल कर सकते हैं क्योंकि वो अच्छा बॉलर है लेकिन अभी क्या होता है अगेन व मैनेजमेंट के ऊपर है कि उनका क्या चॉइस है लेकिन अगर एज अ कोच मुझे बोलेंगे तो आई हैव फेथ इन हिम कि अगर उसको बॉलिंग में अपॉर्चुनिटी देंगे तो एक आपको आधे बॉलर का रोल तो कम से कम प्ले करके जरूर जैसवाल का कंपैरिजन सहवाग से होता है कि लेफ्ट हैंड सहवाग है इत्तफाक रखते हैं देखिए यशस्वी का गेम ना बहुत चेंज हुआ है मैं आपको एक बताता हूं एक स्टोरी है कि जब वो बचपन में छोटा था जब अंडर 16 या अंडर 16 तक तो मैं उसको एक बॉल भी ऊपर मारने नहीं देता था जब भी ऊपर मारता था मैं उसको जाके चिल्लाता था तो जब वो अंडर 9 दिया भी है जैसवाल को आपने कभी हां बहुत दिया है बहुत पनिशमेंट दिया है उसको नहीं नहीं ये जो रफट पड़ता है शायद एक दो बार नहीं उसको मैं अलग-अलग मेरा पनिशमेंट कैसी पनिशमेंट देते है जयसवाल को एक बार क्या हो गया कि वो लेट आया उसने भी बोला था एक जगह हा उसको मैं हमेशा घड़ी देख के मैं थोड़ा घड़ी देख के चलता हूं जब मैं मेरे दो तरीके जिनके साथ मैं बहुत सीरियस हूं मैं एकदम मैं भी डिसिप्लिन फॉलो करता हूं और जब मैं किसी के सीरियस नहीं रहता ह तो मैं भी थोड़ा वैसे ही रहता हूं तो उसके साथ मैं बहुत सीरियस था जैसे जो सीरियस प्लेयर होते हैं मुझे लगता है जो खेलेंगे उनके साथ मैं खुद हो फॉलो करता हूं तो मैं उसको एक बार 8:00 बजे बुलाया तो हमारे जिम के ऊपर जो था ना जो इंडोर बनाया था तो मैंने उसको 8 बजे बुलाया तो एक दिन 8:5 पे आया तो उस दिन मैंने उसको वार्निंग दिया फिर मेरी टीम के लोग भी सुन ले थोड़ा सा इसे फिर उसने फिर से 8 बज के 5 तो नेक्स्ट डे मैंने क्या किया उसको बोला नीचे खड़े हो जा हम और गेट पे जाके ना सबको नमस्ते कर जितने भी लोग आएंगे जब तक हमारी प्रैक्टिस चलेगी 8 से लेकर 11 तुझे नीचे खड़े रहना है और सबको नमस्ते करना है नमस्ते सर नमस्ते सर तो बहुत ही ट मैं भी हस रहा था नीचे से देख के तो एक ये इंसीडेंस है मैंने बहुत सारे पनिशमेंट दिए उसको एक बार और कभी-कभी मैं परफॉर्मेंस का पनिशमेंट देता था एक बार क्या हुआ कि 31 म जो होता है मैं उसकी बात कर रहा हूं उसके एटीट्यूड के बारे में बात करर हूं 31 में को हमारा अकेडमी बंद होता है तो मैं बहुत एक्चुअली उसके लिए बहुत एक्साइटेड होता था कि उसको मैं देखूं हर दिन मैं भागता था तो उस टाइम मेरी कंपनी मतलब जो मेरा बिजनेस था वो कर रहा था तो मेरी बहुत कोई बड़ी मीटिंग थी तो मैंने घड़ी देखा लास्ट डे यशस्वी को बैटिंग करते हुए देखना है मैं भागा गाड़ी चला के आया घर प ग्राउंड प गया डायरेक्ट और हमारा घर और ग्राउंड आसपास ही है तो देखा तो नहीं था और आई वाज वेरी अपसेट कि यार मैं इसके लिए भाग के आया और ये नहीं है तो मैंने उसको फोन किया मैं बोला किधर है बोलता सर घर प हूं मैं बोला क्यों घर प बोला नहीं सर गांव जाना है ना वो गांव जा रहा था हमने बोला था कि जा तू अपने फैमिली से मिलके आ जा तो मैं बोला आजा चल ग्राउंड प आ जल्दी आ 10 मिनट के अंदर चाहिए त मुझे तो ग्राउंड पर आया बोला जूता जूता निकाल तो मैंने उसके जूते निकलवाए और बोला जा 10 राउंड लगा बिना शूस और व य था हार्ड हार्ड सरफेस था गया 10 राउंड लगा पला चल बैटिंग कर बिना शूज बैटिंग करना है व गया बैटिंग किया उसके बाद मेरा पनिशमेंट खत्म डर नहीं लगा लदर बॉल पैर लगे कुछ नहीं लगता मेंटली स्ट्रंग कुछ नहीं लगता फिर उसके बाद फिर स्पिनर्स डाल रहे थे फिर उसके बाद व रात को हम लोग खाना खाते थे तो बैठते थे हम लोग साथ में तो बोला सर आपसे मुझे एक बात कहनी है बोला बोल बोलता है कि मैं घर नहीं जाऊंगा मैं बोला क्यों नहीं जाएगा जा बोलता है नहीं सर मैं ऐसे कैसे प्रैक्टिस मिस कर सकता मैं ऐसे नहीं करूंगा बोला नहीं नहीं जा तेरा टिकट विकेट निकाला बोला नहीं सर अब मैं गांव तब तक नहीं जाऊंगा जब तक मैं मुंबई की टीम में नहीं आा मैं बोला नहीं नहीं जा वो नहीं गया और जब वो मुंबई खेला तब गाव गया तो ये उसके अंदर भी क्वालिटी थी तो ऐसे बहुत सारे इंसीडेंट्स है एक बार कुछ उसने किया था हरकत तो मैंने बोला मैं तेरे से तभी बात करूंगा जसे आप बोले मैं बात क्यों नहीं कर रहा हूं मैं बहुत बार ऐसा हुआ है तो कुछ किया था उसने हरकत तो मेरे वाइफ ने बोला ऐसा ऐसा है ये तो मैं बोला अभी बुलाया उसको तो मैं बोला कि अब मैं तेरे से कभी बात नहीं करूंगा तो बोला सर क्यों मैं बोला नहीं करूंगा तो नहीं करूंगा बस तो उसका अर 23 का एक मैच था तो वो जा रहा था मैच को तो मैं बोला अच्छा चल बात तेरे से नहीं करूंगा लेकिन मैं तेरे को एयरपोर्ट छोड़ देता हूं तो बैठे हम लोग गाड़ी में बैठे तो गाड़ी से उतरा तो मैंने उसका बैग उतारा सामान अमान उतारते उतारता तो मैंने बोला चल ठीक है तेरे को से बात करना है ना तो बोला अरे सर क्यों नहीं बोला मैच में ना 200 मार के दिखा तो आंध्र के साथ मैच था और व शायद अंडर 23 का लास्ट मैच था तो वो गया और पहले दिन 140 प बैटिंग कर रहा था 140 42 नॉट आउट समथ तो मुझे फोन लगा रहा मैं फोन काट रहा हूं उसका मैं अपना सिग्नल दे रहा था कि भाई 200 हुआ नहीं है तेरा तो मैंने फोन उठाया नहीं उसका फिर नेक्स्ट 233 नॉट आउट किए और आया वापस तो मैंने बात करना शुरू किया तो उसने बोला कि सर जब आप मैंने 200 कर लिया ना तो सर बोल रहे थे अंदर से मार मार मार मैं सर सिंगल डबल खेल रहा था पता है क्यों मैं बोला बोल क्यों बोलता है आपका बात है ना मेरे दिमाग में चल रहा था कि 200 करेगा तो ही बात करूंगा कहीं आप आने के बाद बोल देते 300 करेगा तो ही बात करूंगा तो अब तो कोई डेज मैच ही नहीं अगले साल तक तो एक साल लग जाएगा तो मैं नॉट आउट रहा था कि आप ये ना बोलो तो आई थिंक देर आर सो मेनी गुड मेमोरीज और बहुत मजा मतलब उसके साथ बहुत सारी चीजें जुड़ी लास्ट टाइम कब बात हुई थी आई थिंक जब उसने टेस्ट में 100 मारा था अभी वेस्ट इंडीज काफी समय हो गया हां अराउंड छ सात महीने होता है चलता है सेन मंथ स्टिल लाइक लॉन्ग टाइम मैं बोला ना कि आई एम द पर्सन जो इन सब चीजों में ज्यादा ये नहीं करता हर इंसान के लाइफ में सिर्फ प्रोफेशनल रिश्ता नहीं था ना अगर प्रोफेशनल होता मैं ये सवाल नहीं पूछता वो आपके घर प रहता था अब देखिए मैं फिर वही बोल रहा हूं बार-बार कि इंसान के अपने कर्म है मैंने अपना कम किया वो अपना कर्म कर रहा है और बाप और बेटे में ये सब चलता रहता है दिस इज व्ट आई कैन स्टिल सेन मंथ्स ह्यूज टाइम ठीक है तो हम जब मिलेंगे तो बहुत बातें कर लेंगे हो जाएगा ड यू मिसम डू यू मिस क्यों नहीं वई नॉट वो मेरे दिल से बहुत करीब है चाहे मैं उससे कितना भी गुस्सा हो जाऊं मैं भी गुस्से में बोल भी दूं क्योंकि वो मेरा हक है लेकिन मुझे लगता है कि दिन में एक भी ऐसा बोलते है ना टाइम नहीं होगा जब मैं उसको वो मिस नहीं करता हूं आप अपने फादर को लेकर आपके गला भर आया था और अ जसवाल को लेकर आपका गला भरया नहीं नहीं मेरा थोड़ा बोलने का तरीका है आप छुपा रहे हैं इमोशन नहीं देखिए ये बहुत लंबा रिश्ता है तो मुझे लगता है कि मैंने कभी सोचा नहीं कोई दूसरा इंसान है अगर मैं दिल से बोलूं तो कभी सोचा ही नहीं कुछ एक्चुअली अगर मैं बोलू तो मैं बहुत ब्लैक था मैंने कभी सोचा नहीं कि आगे क्या होगा और मैं ऐसा इंसान हूं मैं ज्यादा आगे का सोचता भी नहीं मुझे लगता है कि आप ज्यादा प्लानिंग करने लगते हो ना तो यूनिवर्स आपको चालाक समझने लगती है और फिर आपको देती नहीं जिस जो आप चाहते हो तो अपने कर्म को ना यूनिवर्स के साथ जोड़ो और लगे रहो और फिर आपको इतनी चीजें मिल जाएगी कि व पीछे की चीजें पीछे चली जाएगी क्योंकि मेरा ट्रैक रिकॉर्ड है मैं मैं जब स्कूल में था तो मैं अभी किसी के साथ यही डिस्कस कर रहा था तीन दिन पहले जब मैं स्कूल में था तो मेरा एक दोस्त हुआ करता था बहुत रिच था सुपर रिच तो हम दोनों साथ में मस्ती करते थे कभी कंप्रोमाइज भी करते थे प्रैक्टिस घर पे जाके सो जाते थे बहुत सारी हरकतें करते थे बचपन में तो मुझे थोड़े ऐसे ख्यालात आने लगे कि आगे अगर मैं क्रिकेटर नहीं बन पाया कुछ नहीं कर पाया तो यह तो है ना मेरे लिए हम और एक दो बार मैंने उसका शेयर किया कि तेरा तो ठीक है मेरा क्या होगा तो बोलता रे छोड़ ना यार इतना बड़ा अपना बिजनेस है कहीं ना कहीं तू भी सेट हो जाएगा तो मेरे कहीं ना कहीं सबकॉन्शियस ब्रेन में ना ना वो जा रहा था बट एक दिन पता नहीं क्या हुआ मेरी उससे बहुत बड़ा झगड़ा हुआ और हमारी दोस्ती टूट गई उसने मुझे उल्टा सीधा बोल दिया कि तेरे जैसे तो मेरे घर में नौकर है यह वर्ड उसने यूज किया तो मुझे लगा ठीक है ना मेरे जैसे नौकर है ना मैं नहीं हूं और उसके बाद आज तक मैंने कभी बात नहीं किया और अब उसके कंसिस्टेंट मुझे फोनस आते हैं और वो बोलता है अरे यार सॉरी भूल जाओ सब नाउ ही कॉल्स मी एव्री एवरी एवरी मंथ ही कॉल्स मी ऐसे तो और फिर मेरी दोस्ती वसीम जाफर से हो गई क्रिकेट इतना बड़ा नाम और हम दोनों बहुत फास्ट फ्रेंड हैं तो मुझे लगता है ना कि जैसे मैंने आपको स्टार्ट में बताया हर चीज का एक कारण होता है सुपर ठीक है तो आपको हमेशा वो देखना है कि आप अ आपके एज अ पर्सन हमको हमेशा एक ही चीज सोचना चाहिए कि हमारे कंट्रोल में क्या था और हमने अगर कुछ रंग किया या उस सिचुएशन पे हमने गलत डिसीजंस लिए तो नेक्स्ट टाइम वो ना हो आप अपने को सुधारने की कोशिश करो और अगर आप करते रहोगे ना तो यूनिवर्स आपके साथ एक एक यूनिवर्सल पावर होता है कि अगर आप चीजों को दिल से करोगे और शाहरुख खान का डायलॉग भी है ना तो आप हिस्ट्री क्रिएट कर सकते हो क्यों नहीं व्हाई नॉट अगर अगर मैं हमेशा बोलता हूं अपने आप को जब मुझे कॉन्फिडेंस देना रहता है तो मैं बोलता हूं कि जब मैं मैं जब स्ट्रगल कर रहा था बचपन में जब मैं मेरे पास कुछ नहीं था तो मैं से लोकल ट्रेन में चलता था ट्रेन के भी कभी टिकट नहीं निकाले मैंने बस के टिकट्स नहीं निकाले पैसे नहीं होते थे तो कभी-कभी ऐसे आंख ऐसे खुलती थी और अपने आप को ऐसे कोसता था और बोलता था कि यह जो चेहर है ना मेरे आसपास अपने आप को बोलता था यह जो चेहर है ना मेरे आसपास मुझे इनकी तरह अगर जिंदगी भर ट्रेन में ट्रेवल करना पड़ा ना तो थू है मेरे जिंदगी दिस वाज मी अपने आप को ना कॉन्फिडेंस देना तो जहां से थे हम वहां से काफी आगे आए ना तो मैं बोला ना अभी उबड़ खाबड़े रास्ते खत्म हो गए अब तो हम हाईवे पर चल रहे हैं तो अब तो हम कहीं भी पहुच सकते ठीक है लास्ट क्वेश्चन वसीम जाफर आपके बड़े अच्छे मित्र हैं आपने कई बार उनका जिक्र इस पॉडकास्ट में किया वसीम जाफर के फर्स्ट क्लास में जो रन है वह अनमैचेबल है कोई खिलाड़ी दूर दराज तक नजर नहीं आता है कभी आपकी उनसे बात हुई कि यार इंटरनेशनल लेवल पर वो उतना जलवा क्यों नहीं बिखेर पाए जितना उनका डोमेस्टिक में जलवा रहा क्योंकि डोमेस्टिक के रंस देखकर तो वो लेजेंड्स हैं बहुत बार होता था जब वो एक्चुअली जब वसीम भाई इंडियन टीम में आए थे 2005 में तो उस टाइम पे कहीं उनका नाम भी नहीं था और वो सौरभ गांगुली ड्रॉप हुए थे और वसीम भाई अंदर आए थे आपको मैं थोड़ा र कलेक्ट करता हूं क्योंकि इस टाइम कहीं पर था ही नहीं कि वसीम भाई आ जाएंगे उन्होंने दिलीप ट्रॉफी में रन किए थे तो उन्होंने काफी रन किए और मुझे लगता है कि कहीं ना कहीं वो 100 टेस्ट मैच खेलने वाले प्लेयर है और मैं बोलता भी था लेकिन ही इज अ वेरी सिंपल गाय ही ऑलवेज सेज की बेटा भाई वो मुझे हमेशा बोलते थे कि ज्वाला देख मेरे से भी अच्छे क्रिकेटर्स थे जो स्कूल क्रिकेट में मेरे से ज्यादा रन बनाते थे और मैं आज उनको देखता हूं तो मुझे लगता है मैं उनसे तो काफी आगे आ गया हूं तो डेस्टिनी एक चीज होती है जिस चीज के लिए बने होते हैं जितनी चीज हमको मिलनी होती है हमको मिली है और मैं इंडिया के लिए 31 टेस्ट मैच खेला इतना सारा रंजी ट्रॉफी का मैच खेला ये भी तो लोग नहीं अचीव कर पाते तो वही है एंड ऑफ द डे व्हाट वाज इन हिज हैंड ही डिड बाकी तो एरा होता है कि कभी-कभी क्या होता है बहुत हाई टैलेंटेड प्लेयर भी किसी के एरा में दब जाते हैं जैसे मैं बोलूं वसीम भाई जब खेल रहे थे तो सहवाग फॉर्म में थे गौतम गंभीर ने काफी रन बना दिए तो वो एक एरा था और कहीं ना कहीं उसको और उनको चांस मिल सकता था लेकिन ठीक है जो मिला अच्छा है ट्स हाउ ही सेज सब कुछ जो मिल गया तो जिंदगी में तमन्ना किसकी करोगे कुछ अधूरी सी ख्वाहिशें ही जिंदगी जीने का मजा बरकरार रखती ऑफ कोर्स व्हाई नॉट थैंक यू सो मच सर थैंक यू थैंक यू सो मच नाइस टॉकिंग

43 Comments

  1. har insaan ka time aata hain Pehle Down hota hain fir pick aata hain fir uske baad down for pick jab wapis down aayega tab jaiswal mature hoga aur usko guidance ki jarurat hogi tab woh aapke paas wapis aayega.

  2. ज्वाला जी को में महावीर सिंह राजपूत भाटी बिकानेर से आप को प्रणाम करता हूं में रे बेटा किरकेट खेलने का बहुत बड़ा सोकहै क्या कोचिंग सेंटर पर दे सकते है

  3. कोच के बातो से पता चलता है कि दिल में दर्द है ।।। यानी हेल्प करने का परिणाम बुरा होता है ।।

  4. अगर jaiswal को घमंड हो गया है तो जल्द ही jaiswal अर्श से फर्श पर आने मे समय नही लगेगा
    ऐसे कोच बहुत कम लोगो को मिलते है ज्वाला जी ने बिना स्वार्थ jaiswal को अपने घर मे रखा और आज jaiswal घमंडी हो गया

  5. Yeh host bhaut negative hai har kisi cricketer ko wrong bolta hai aur coach bhi kuch jyada hi expect kar raha hai. Definitely guru se bada koi nai but indirectly he is blaming Jaiswal. Guru aisa nai hota iska ego hurt ho Gaya

  6. क़सम से मैं होता तो 4.5 करोड़ दें ता मेरा लड़का होता तो उसे भी कहता ऐ हमारा कर्तव्य है

  7. Jaiswal ne golgappe wali aukat dikhadi jaise ranu mandal back to pavillion ho gayi golgappe to shayad na beche lekin ha gumnam cricketer jarur ban jayega ek din

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