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Unplugged ft. Dinesh Lal Yadav Nirahua | Politics | Pawan Singh | Khesari Lal Yadav | Bihar Election | Amrapali

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Shubhankar Mishra: A journalist who navigates the spectrum from Aajtak to Zee News, now independently exploring social media journalism, with a knack for engaging political figures in insightful podcasts.

Shubhankar Mishra has been diving deep into political debates, spiritual podcasts, Cricket Podcast, Bollywood Podcast.

Time Stamp

00:00:00 – Teaser
00:02:45 – Intro
00:03:23 – Bhojpuri industry mein Dinesh Lal ka Kitna samman ?
00:06:01- Dinesh Lal Yadav har jagah fit kese ?
00:11:29 – 1st interaction with Dinesh Lal Yadav
00:15:17 – Dinesh Lal Yadav 1st Election Experience
00:21:53 – Dinesh Lal Yadav kaise har gaye Chunav ?
00:26:13 – About Rahul Gandhi Fake Voters Controversy
00:28:55 – UP Mein kyu Haar Gayi BJP ?
00:31:40 – Government Job Sarkar ki Priority List mein NAHI ?
00:33:50 – Yadav Hokar BJP ko Support Kyu ?
00:36:32 – Pawan Singh Rajneeti ka Dukh kyu nhi khatam hota ?
00:41:25 – Haar ke bad BJP wale yaad rakhte hain ?
00:42:45 – KHESARI Chunav Prachar mein kyu nahi aaye ?
00:46:20 – Dinesh Lal ke Favorite Ravi Kishan ?
00:49:25 – Manoj Tiwari or Ravi Kishan ne Kabhi Bhedbhav kiye ?
00:55:00 – About Donald Trump Tariffs
00:59:36 – Ravi Kishan Samosa Demand in Parliament
01:00:52 – About Dinesh Lal Hindi Controversy
01:08:39 – Bachpan Mein Bhains par Baith kr khate the Gana
01:09:31 – Kyu Banai Nirahua Hindustani ?
01:12:05 – Dinesh Lal Yadav ko nhi Pasand tha Nirahua Naam
01:13:14 – Bhojpuri Mein Ashlil Gane se aati hai Saram ?
01:20:14 – Baba bageshwar kyu Pasand hai ?
01:21:40 – Amrapali aur Nirahua ka kya hai Rishta ?
01:29:41 – Dinesh Lal Yadav Pita ke Taur pr kese hain ?
01:31:25 – Garibi kya hai ?
01:39:09 – Life mein kya Change karna Chahte hain ?
01:42:43 – Paisa ya Naam kya Zaruri ?
01:43:08 – Pawan Singh vs Khesari lal Yadav
01:46:51 – Safalta ka kya mayne hota hai ?
01:47:50 – Bihar Election Kaun Jeetega ?
01:49:11 – Religious hai Dinesh Lal Yadav
01:52:06 – End

दिनेश जी इसलिए बच जाते हैं क्योंकि दिनेश जी भोजपुरी सिनेमा बीच वाला लड़का है। जहां ऐसी बात आती है कि मनोज तिवारी रवििशन निरहुआ को बुला लो और जब पवन सिंह खेसारी खेसारी लाल निरहुआ को बुला लो। तो आप भोजपुरी सिनेमा के रामविलास पासवान जी हैं। अगर चर्चा में ना रहबा तो जनता पर्चा फाड़ के फेंक देगी। करिश्मा कपूर बहुत पसंद है हमें। अब सोचिए कितनी पसंद है कि राजा हिंदुस्तानी देखे थे। और हम निरहुआ हिंदुस्तानी बनाते। निरहुआ हिंदुस्तानी हुआ। निरहुआ हिंदुस्तानी टू थ्री फोर फोर तक आ गई। अरे गजब निरहुआ बुलाने में शुरू में लोग गुस्सा थे आप यार मैं दिनेश लाल यादव हूं। बीमार सेल रहे बॉलीवुड की फिल्मों में किसिंग सीन होता है। भोजपुरी और साउथ में ढो से इतना प्रेम क्यों होता है? आपका बड़ा बयान वायरल हुआ था। ईश्वर के विधि को मिटा सकता हूं। मैं ईश्वर के लिखे हुए लेख को भी हटा सकता हूं, मिटा सकता हूं। टीवी चैनल पे जो आदमी माइक पकड़ा तो हम ही थे। अरे बाप रे। मुझे समझ में कब आया जब मैं मोदी जी से मिला। वो भी जिक्र किया इसका। वो देखे मुझे तो देख के ना हंसने लगे। एक चीज का ध्यान रखो कि हम लोग ना यहां देश चलाने के लिए बैठे हैं। चैनल चलाने के लिए नहीं। खेसारी जब डेब्यू हो रहा था उनकी पहली पिक्चर में आपने हेल्प की थी? हां। जब उनके प्रचार में खेसारी नहीं आए। क्या उनको तकलीफ हुआ था? वो रेडी थे। पवन जी खेल कर देते हैं। थोड़ा मैं गा के बोला। सोली में सूचना जारी बा निरहुआ से बढ़िया खेसारी बा। आपके फेवरेट रवि जी हैं। मामला लीगल में वो गए आप भी आ गए हैं। वो सांसद बने आप वो सांसद बन गए। आप और आम्रपाली जी साथ रहते थे रिश्ता था। अब एक साल से खटपट हो गई है। रामभद्राचार्य जी के पास आप गए थे। उनको अर्धांगिनी वहां कह दिया था। तो रामभद्राचार्य जी। बोले ई के तोहार बह नहीं। अम्रपाली भौजी जिंदाबाद। अम्रपाली भौजी जिंदाबाद। आपके लिए गरीबी के मायने क्या है? पवन सिंह जी ने 500 देवी गीत गाया है। उसको भी गाना पड़ता है। कमरिया करेला पाप लॉलीपॉप लागेल। जब गरीब होते हैं ना तो उस समय सिर्फ दिखता है कि मेरे घर पे कैसे पैसा आएगा, कैसे खाना बनेगा। मैं हनुमान चालीसा सुनता हूं। हम गांव हो रहे हैं जो आप सुन रहे हैं। पर हमको जो सुनना है वो हम सुन रहे हैं। जो आप लड़ाई कर रहे थे कि भाषा के खिलाफ। राज ठाकरे से डर नहीं डरते आप। हाथ उसी पे उठाते हो ना जिस पे आपको पता होता कि पलट के नहीं मारेंगे। केजी बिहार बड़ा कठिन सवाल पूछ रहे हैं। ओ माय अनन पूर्णा भैरव बाबा रहा ना कोई बाकी बम बम बोल रहा है काशी बम बम बोल रहा है काशी हर चेहरे में होते हैं कई चेहरे जिसको भी देखो बार-बार देखो मेरे मेहमान की भी यही पहचान है। उनमें भी कई पर्सनालिटी है। वह एक्टर हैं, डायरेक्टर हैं, सिंगर हैं, पॉलिटिशियन हैं और जो जो बचा है वो भी हो जाएंगे। इतना हमको भरोसा है। भोजपुरी सिनेमा के सबसे बड़े स्टार हैं। ऐसा हमारे यहां कई सारे भोजपुरी स्टार ने कहा। लेकिन एक जो डाटा पक्का है वो यह कि उनकी पिक्चर YouTube पर सबसे ज्यादा देखी जाने वाली भोजपुरी पिक्चर है। दिनेश लाल यादव जी। वेलकम टू माय शो। बहुत धन्यवाद भैया। कैसे हैं महाराज? एकदम फर्स्ट क्लास बहुत बढ़िया और जब आपने बुला लिया है तो और बढ़िया हो गए। आपके सारे चेले चपाटे हमारे यहां आ के गए। सब लोग कह गए कि दिनेश भैया सबसे बड़े एक्टर हैं। आपस में बहुत मार कटाई होता है भोजपुरी सिनेमा में। हम अक्सर सुनते हैं इनके बारे में वो बोल दिए। उनके बारे में वो बोल दिए। लेकिन आपका नाम ऐसा था जहां सब सम्मान देके चले गए। तो इसको कैसे देख रहे हो आप? मुझे लगता है भैया कि यह तो दुनिया की रीत है कि अब जब आप किसी को सम्मान देंगे तो सामने से सम्मान ही मिलेगा। तो हमारी इंडस्ट्री में जितने भी लोग हैं जो हमसे सीनियर हैं उनको हम बहुत सम्मान करते हैं। बहुत रिस्पेक्ट करते हैं। अपने गुरु की तरह उनका आदर करते हैं। और जो भी हमारे बाद आए हैं उनको भी हम बहुत प्यार करते हैं। अपने भाई की तरह, छोटे भाई की तरह। तो इसलिए मेरे साथ किसी का कुछ अनबन हो नहीं पाता है। जैसे जो हमारे सीनियर हैं रवििशन भैया मनोज तिवारी भैया वो दोनों को ही मैं और यह दिल से मानता हूं जो सच है कि अगर वो दोनों लोग नहीं होते तो मुझे तो कभी अवसर ही नहीं मिलता यहां तक पहुंचने का। मैंने देखा था कि जब मैंक में पढ़ाई कर रहा था तो उस दौरान टेलीविजन पे कहीं कुछ भोजपुरी का लेना देना कुछ नहीं था। उस समय एक गाना आया टीवी पे और उसमें मैंने देखा कि रवििशन भैया जो है भोजपुरी गाना उनका आ रहा है तो मुझे बड़ा प्राउड हुआ कि यार टीवी पर मेरी भोजपुरी अ भाषा आ गई तो उस दिन से वो जो सम्मान था वो अभी तक है जीवन भर रहेगा उसके बाद जब हमारे मनोज तिवारी भैया आए एक सिंगर हीरो बने ससुरा बड़ा पैसा वाला अरे क्या कहर बरपाए तू ऊपर वाली बगल वाली सामने वाली एक गुड्डी और इनके पापा मतलब रटा है आज तो वो जब आए और उस फिल्म की जो अपार सफलता थी गजब वायरल लेकिन वो गजब तब जाके ये ट्रेंड शुरू हुआ कि वहां जो सिंगर हैं और पॉपुलर हैं तो उनको लेके फिल्म बनाते हैं। तो इस वजह से मुझे भी पूरब के बेटा एल्बम चला था उनका और फिर ससुरा बड़ा पैसा वाला ससुरा बड़ा पैसा वाला तो उन्हें अवसर मिला और उन्होंने दिखाया अच्छा महाराज हम हो गया थे सोचो आप देखिए पंडित जी बताए ना बह ब्याह कब हुई हां बस ये सब लाइन से पिक्चर जो उस बीच में आई थी आई थी और वही उनकी ही देन है कि उसके बाद जब मैं आया पवन सिंह आए खेसारी लाल यादव आए अरविंद अकेला आए प्रवेश लाल आए चिंटू आए ये जो जितने लोग आए फिर वो एक रास्ता तो वहीं से बना तो फिर उनसे क्या हम कंपटीशन करेंगे उनसे हम क्या लड़ेंगे हमसे कोई कहा कि दिनेश जी इसलिए बच जाते हैं क्योंकि दिनेश जी भोजपुरी सिनेमा में बीच वाला लड़का है ऊपर रवि जी मनोज जी लड़ लिए नीचे पवन खेसारी लड़ लिए दिनेश जी वाला कोई मिला नहीं वो अकेले रह गए नीचे वाले भैया हो गए ऊपर वाले भैया कह दिए काम चल गया कहीं ना कहीं ये है कि मतलब आपके समकक्ष वाला कोई था नहीं उधर वो नीचे वाले दो आपस में लड़ रहे थे ऊपर वाले दो का चल रहा था कि हम बड़े तुम बड़े आप कहे हम बीच में हैं हम आराम से मजे में हैं। नहीं नहीं मैं ही इकलौता ऐसा एक्टर हूं जिसको जहां ऐसी बात आती है कि मनोज तिवारी रवििशन निरहुआ को बुला लो। हां और जब पवन सिंह खेसारी खेसारी लाल निरहुआ को बुला लो। तो वो जो तड़ी पूरा होती है ना मैं वहां भी पूरा कर देता हूं। यहां भी पूरा कर देता हूं। तो इसलिए अह मुझे लगता है कि आप भोजपुरी सिनेमा के रामविलास पासवान जी हैं। यूपी एनडीएम दोनों फिट हो सकते हैं। हां, फिट तो हो जाते हैं। और कहीं ना कहीं यह सच में मैं देखा आप ही के पडकास्ट में देख रहा था। पवन जी को देखा मैंने खेसारी जी को देखा। तो यह भी उनका बड़प्पन है। उनकी महानता है कि वो एक ऐसे कलाकार जो उनके साथ में ही काम कर रहे हैं। एक ही इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं। फिर भी उनको अगर सम्मान दे रहे हैं तो यह उनका बड़प्पन है। या इसलिए कह रहे थे कि दूसरे वाले कह नहीं सकते। पवन जी खेसारी नहीं खेसारी पवन नहीं आप सेफ नाम है अच्छा वो लोग आपस में थोड़ा जो लड़ते भी है ना वो एक उनका मस्ती है जानता हूं दोनों मेरे मित्र हैं मैं दोनों को ऑफ द रिकॉर्ड भी जानता हूं हां और दोनों मस्तीखोर हैं और मुझसे जब मिलते भी हैं और मैं कभी-कभी ये बोलता हूं क्यों लड़ रहे हो तुम लोग ये बाहर बातें हो रही है कि अरे वो लोग लड़ रहे हैं लड़ रहे क्यों क्या है अरे कुछ ना भैया अब तू तो लड़ ना तो कुछ तो केू तो चाह अब ठीक कह रहे हैं कि उनको भी पता है कि मैं तो लडूंगा नहीं तो वो आपस में थोड़ा ये करते रहते हैं। खेसारी थोड़ा-थोड़ा छेड़ते रहते हैं। छेड़ते रहते हैं। खेसारी को मजा भी आता है। हां उनको मजा आता है और वो जानबूझ के छेड़ते हैं। कि पवन जी रिएक्ट कर देंगे थोड़ा मौज काट लो। हां वो जानबूझ के छेड़ते हैं और कई बार तो मैंने खुद देखा जानबूझ के छेड़ते हुए। बोले क्यों कर रहे हो? बोला ना भैया देखा ना मजा आई। तो हम बोले मत करो। हमारे पडकास्ट में कहते थे कि उनसे बेहतर बॉडी बनाए। उनसे बेहतर डांस किया। वो जानते थे कि वो छिड़ जाएंगे। वो छिड़े फिर पवन जी भी कहे। हां। फिर वो बोले भी कि अरे भाई उससे मेरा कोई कंपटीशन नहीं है। और बात भी सच है। मैं एक बात मैं कहता हूं। अब ये लोगकि मानते भी हैं तो मैं उनसे बहुत सारी बातें कर भी लेता हूं। तो मैं कहता हूं उनको कि देखो क्या है कि यहां कोई आम है, हम कोई सेब है, कोई अनार है। कोई संतरा है तो सबकी अपनी-अपनी कुछ खूबी है, खासियत है। तो ये कौन सी लड़ाई है कि इसमें अच्छा कौन है? बट इसको दूसरे नजरिए से आप देखो। जब कभी दो आदमी लड़ते हैं तो लोगों में एक्साइटमेंट बनी रहती है। हां। और इसलिए वो दोनों लड़ते हैं। दोनों चर्चा में भी रहते हैं बढ़िया से। हां। और वो दोनों के लड़ने का कारण भी वही है। वो दोनों के लड़ने का कारण मैं भी कब पता चला मुझे? मैं भैया एक फिल्म कर रहा था। फिल्म में एक डायलॉग आया कि अगर चर्चा में ना रहबा तो जनता पर्चा फाड़ के फेंक दी। गजब तो हम बोले हैं इसीलिए लड़ता है रे। मैं बोला इसीलिए वो रवि भैया मनोज भैया ये लोग भी भिड़ते रहते थे और बाद में दोनों एक ही हैं। उधर जाके देख रहा हूं कि लड़ रहे हैं। फिर मुझे लगा अरे दोनों में कुछ दुश्मनी हो गई। फिर मैं देख रहा हूं दोनों साथ में ही बैठे हैं। पवन सिंह खेसारी लाल दोनों ऐसे चल रहा है। मीडिया में चल रहा है। लोग बोल रहे हैं। मैं जहां जा रहा हूं अपने फिल्म के प्रमोशन में उस उन लोगों की बात हो रही है। कह रहे भैया वो दोनों अरे तो उन लोग का बात यहां कहां से आया? तो मुझे लगा कि हां वो लड़ते ही इसलिए हैं कि वो जहां नहीं भी रहते हैं वहां भी उनकी बात होती है। जैसे यहां भी हो गई। यहां भी हो गई। तो ये मुझे लगता है एक ट्रिक है कि चर्चा में रहने का लोगों को अह बात करने का वह मौका देते हैं और शायद इसीलिए देखिए अभी यह जो शो भी है जिसमें मैं भी गया था बिग बॉस हम लोगों को वो पसंद भी आता है एक दो लोग लड़ रहे हैं और देखने में मजा आ रहा है उनको तो वो कहते तो हैं कि काहे लड़ रहे हैं पर उनको मजा तो आता है इसीलिए देख रहे हैं जनता भी चाहती है ना कि हमारा अलग-अलग हो रोहित शर्मा विराट कोहली शाहरुख खान सलमान खान ये सब चलता है ना कि तुम इधर वाला हो कि इधर वाला हो हां सब इंगेज रहते हैं आपस में पूरा मार्केट चल रहा है इसी और उसी में उनको मजा भी आता है और यह भी रहता है कि चलो भाई एक जैसे कभी-कभी क्या होता है कि हम लोग कोई गेम खेल रहे होते हैं तो उस गेम में एक तरफ छोटा भाई है एक तरफ बड़ा भाई है। लेकिन जब वो गेम शुरू होता है तो लगता है कि दोनों एक दूसरे के दुश्मन है। और वो जब कंपटीशन होता है तो ही देखने वाले को भी मजा आता है। अब दोनों भाई-भाई मिलकर खेल रहे हैं तो क्या मजा आएगा? तो शायद इसलिए भी आप से हमारी मुलाकात आपको याद है पहली बार कब हुई थी? मैं हमारी आपकी मुलाकात हो चुकी है। अच्छा हां एक बार हम और आप मिल चुके हैं चुनाव में। हां हां क्योंकि मुझे अगर याद नहीं आया तो इसीलिए नहीं आया होगा क्योंकि आपके जीवन का एक बड़ा इंटरेस्टिंग किस्सा है जो हम याद दिलाएंगे आपको याद आ जाएगा। अच्छा आपको याद है कि आपका बड़ा बयान वायरल हुआ था। ईश्वर के विधि को मिटा सकता हूं। आप नाराज हो गए थे। याद है एक बार? टीवी चैनल पे हां। वो जो आदमी माइक पकड़ा तो हम ही थे। अरे बाप रे बाप। हम आजमगढ़ आए थे आपका इंटरव्यू लेने के लिए। हालांकि वो टीवी चैनल से आपका संवाद हुआ था। हां संवाद हुआ था। लेकिन ना मैं लेकिन जो माइक पकड़ा जो इंटरव्यू करने मैं आया था फिर चैनल से मैंने जुड़वा दिया था। अच्छा किए थे भैया। फिर वहां वहां वाला मामला चल। आपका फर्स्ट सिलेक्शन था। लेकिन आपको फिर बताना चाहिए था वो लोग को जाके कि मैं थोड़े मिटा रहा था। मैं तो एक कविता पढ़ रहा था। याद है मुझे वो पूरा किस्सा काफी इंटरेस्टिंग रहा। और उसमें ना एक चीज मैंने देखा और मुझे बाद में समझ में भी आया कि हमें बोलने से पहले बहुत सोचना पड़ेगा कि अगर हम कोई ठीक बात भी बोल रहे हैं और 10 लाइन बोल रहे हैं तो उस 10 लाइन में से सिर्फ अगर दो ही लाइन कोई चला के चाहे तो आपको पागल घोषित कर देगा। हां मतलब मीडिया चाकू की तरह है। सेब काटने के काम भी आती है आदमी काटने भी। आप चाहो उसका अच्छा इस्तेमाल कर सकते हो पॉपुलरिटी में या थोड़ा दाएं बाएं गया तो वही आपको क्योंकि सामने वाले का सवाल था कि निरहुआ तुम यहां आए हो आजमगढ़ तो यहां बहुत लोग आए और कोई यहां पे जीत नहीं पाया। हम अखिलेश यादव जी के सामने आप चुनाव लड़े। हां उनके सामने कोई जीत नहीं पाया। तो क्या सोच के आप आए हो? तो मैं बोला भैया ऐसा तो नहीं है। मैंने तो यह पढ़ा है दिनकर जी ने लिखा है कि जिंदगी वहीं तक नहीं ध्वजा जिस जगह विगत युगों ने गाड़ी मालूम किसी को नहीं अनागत नर की दुविधाएं सारी हम आने वाला कोई कर ही नहीं पाएगा ये कैसे आपने डिसाइड कर लिया तो मैंने कहा कि स्वतंत्र भाव नर का अदम्य वह जो चाहे कर सकता है शासन की क्या विषाद पांव विधि के लिपि पे धर सकता है तो ये दिनकर जी ने कहा है अब वो सारा चीज हटा के निरहुआ कह है कि विधि का लेखा मिटा देगा। अरे हम नहीं कह रहे मतलब उसमें दो चीजें गई थी। मुझे अभी भी याद है कि आपने कहा मुझे हराने वाला पैदा नहीं हुआ। तो वो एक गया कि एोगेंस पार्ट शायद आ गया। हां पर वो कैसे आया? उसको लाया गया जैसे बात करते समय अब कोई सामने से यह संदर्भ दे रहा था कि आपको लगता है कि आप जीतोगे? मैं बोला कि देखिए अगर मेरी जीत और मेरी हार से मेरी जीत हार होगी तो मैं कुछ नहीं कह सकता। आप समझ गए। लेकिन अगर मैं यह मानता हूं कि मेरी सरकार बनेगी नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बनेंगे तो यही मेरी जीत है। और इस अगर भाव से मैं लड़ रहा हूं तो मुझे हराने वाला कोई पैदा नहीं हुआ। मैंने उस संदर्भ में कहा था। मतलब आप भावनाओं में कह रहे थे वो शब्दों में वो शब्दों में ले रहे थे उसको कि हां ये ऐसा बोल रहा है कि इसको हराने वाला पैदा मैंने कहा कि मैं धर्म के साथ खड़ा हूं। यह लाइन मुझे याद है। मैंने कहा कि मैं यह जानता हूं कि धर्म की जीत होती है। हम फिल्म भी करते हैं तो फिल्म में ऐसा दिखाते हैं कि भाई बहुत परेशान हो रहा है। विलेन जो है वो बहुत साजिश रच रहा है। बहुत सारे उसके पैतरे हैं। बहुत वो बाहुबली है। बहुत है। गरीब लड़का है, कमजोर आदमी है। पर वो सत्य के साथ है और आखिरी में उसकी विजय होती है क्योंकि वो धर्म के साथ है। तो मैंने कहा अगर मैं धर्म के साथ हूं तो मुझे हराने वाला कोई पैदा नहीं हुआ। ये लाइन मैंने बोला अब उसको जो है तो मैंने उसको उससे मुझे कोई वो भी नहीं हुआ कि भाई ऐसा क्यों चलाया मैंने बोला चलो ठीक है बट अच्छा ये अनुभव इस अनुभव इस अनुभव से क्या सीखा आपने आई एम श्योर ये आपकी लाइफ में एक इंपॉर्टेंट पार्ट रहा होगा उसका मैं हिस्सा था क्योंकि मेरा ये कलावा तब भी था अभी भी अभी भी इंटरेस्ट दिखेगा ये काला वाला दिख जाएगा आपको उससे मैंने ये सीखा हां और नहीं एक्चुअली बहुत मुश्किल से उस दिन मैंने आपको ट्राई किया था भाग्य दौड़ा मैं आया मेरा मजा वो लोग काट ले गए तब मैं स्टार्ट करा था मीडिया करियर अपना जी और मुझे ना सुबह 5:00 बजे से उठके और रात के 11 12:00 बजे तक दौड़ना पड़ता था मैं तो भाग ही रहा था इधर-उधर मैं उसी में फिर आपके साथ वो हो भी गया तो मुझे ना तब भी नहीं समझ में आया मुझे समझ में कब आया जब मैं मोदी जी से मिला वो भी जिक्र किया इसका हां तो जब मैं मतलब बाय इलेक्शन जीत के 22 में जब मैं गया धर्मेंद्र जी को जब हराया था हां तो मैं गया और मैंने आशीर्वाद लिया तो वो देखे मुझे तो देख के ना हंसने लगे तो मैं बोले क्यों हंस रहे हैं सर तो बोले ना कि ये थोड़ा एक काम करो कि एक चीज का ध्यान रखो मैं बहुत सावधानी से सुनने लगा क्योंकि मैं बहुत मान प्रधानमंत्री हां प्रधानमंत्री भी हैं और मैं उनको इस रूप में देखता हूं कि मतलब देश को इतने विषम परिस्थितियों से निकाल करके और देश को मेरे इतना आगे ले जा रहे हैं। कुछ कह रहे हैं तो मैं बहुत सावधानी से सुनने लगा तो बोले कि खाली एक बात ध्यान रखो कि हम लोग ना यहां देश चलाने के लिए बैठे हैं। चैनल चलाने के लिए नहीं। काटो तो खून नहीं जो हिंदी पिक्चर डायलॉग है फट के फट के फ्लावर कि हां ठीक है वो तुम लोग फिल्म करते हो वहां तुमको बयानबाजी करनी है तुम लोगों को वहां पे स्टंट करना है बहुत सारी चीजें होती है कि फिल्म आ रही है तो थोड़ा पब्लिसिटी स्टंट हो रहा है यहां थोड़ा सावधान गहरी लाइन थी लेकिन उनकी भी चैनल चलाने नहीं बैठे हां सावधान उस दिन मैं फिर समझ गया कि नहीं मुझे यह ध्यान रखना ही पड़ेगा कि मैं कोई ऐसी बात ना करूं भले वो सच ही बोल रहा हूं पर उसको बहुत सावधानी जिसको मतलब जिस मीडिया कॉन्टेक्स्ट निकाल ले हां बिल्कुल क्योंकि ये सच था उन्होंने आपको छेड़ा आप छेड़े थोड़ा सा आप तैश में आए उनको मिल गया उन्होंने अपना खेल लिया खेल गए वो और हम तो अच्छा हम अपनी तरफ से कि हम भाई अपने बात पे अडिग हैं कि अगर हम धर्म के साथ हैं तो हमें कोई हरा नहीं पाएगा। और दूसरा आप एक तो अखिलेश जी के खिलाफ लड़ रहे थे तो वैसे वो बड़ी हाई प्रोफाइल सीट थी तो अखिलेश जी के चाहने वाले उसको वैसे भी वायरल करते। हां, वैसे भी वह तो अह पता चल जाता है। वह जो सामने बैठे थे हम उनका कोई भी इंटरव्यू देखो तो पता चल जाता है कि उनको ना दिक्कत है। उनको बीजेपी से दिक्कत है। उनको मोदी जी से दिक्कत है। बहुत सारे ऐसे लोग हैं। अपनी-अपनी पसंद होती है। ठीक है और उसमें कोई बुराई नहीं है। हां मेरे बॉस रहे हैं। वो उन्होंने मैंने उनसे पूछा भी था। उन्होंने कहा बैलेंस बना रहना चाहिए। हां। तो ठीक है। फिर बाद में मैं देखिए मैं राजनीति तो मुझे एकदम आती नहीं है। और डे वन मैंने यही बात कहा जब मुझे हमारे पूज्य योगी जी उन्होंने मुझे जब कहा कि तुमको चुनाव लड़ना है तो मैंने पहला वर्ड यही कहा कि हमको राजनीति आती नहीं है। हम कुछ जानते नहीं है। हमसे नहीं होगा। तो बोले नहीं तुम चिंता मत करो। तुमको कुछ करना नहीं है। तुम बस वहां पर रहना और जो लोग मिले तुमसे और जो उनकी दिक्कतें हो, परेशानियां हो वो भेज देना खाली और वो सब हम करेंगे। तो हमको लगा कि ठीक है हमको तो नहीं आती है राजनीति। पर अगर मुख्यमंत्री जी बोल रहे हैं कि वो करेंगे तो क्या दिक्कत है? फिर हम गए और उन्होंने उस वादा को निभाया। मतलब भैया मुझे दो ही साल मिला था वहां लेकिन दो साल में जब मैं गया वहां बैठा और वहां लोग मिलने लगे तो बोले कि भैया का करबा तो हम याद किए अपना बचपन वाला दिन जब हम पहला एल्बम गाए थे कि केू जोन किया नहीं करके दिखाएंगे तो हम बोले भैया केू जोन किया नहीं करके दिखा बताओ आजमगढ़ में कौन सा ऐसा काम है जो कोई कर ही नहीं पाया। ये मैं नहीं बोल रहा हूं। मेरे पीछे कोई है? समझ गए। जब सैय भाई है कोतवाल तो डर काहे का डर काहे का? वो कह रहे हैं कि तुम बताओ तो मैं भी गया एकदम बोला बताओ। कौन सा ऐसा काम है जो आज तक आजमगढ़ में कोई नहीं कर पाया। विधि के विधान को यहां से बोल रहे हैं लोग कि अच्छा जो कोई नहीं किया वो करेंगे आप। हम बोले हां बताओ। अब वो लोग ना पूरा लिस्ट हमको थमा दिए। बोले गोरखपुर, आजमगढ़, बनारस हम सीधे रेलवे लाइन आज तक कोई पास नहीं करा पाया। अब बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है। कितना पैसा लगेगा आप सोचिए। मैं बोला अच्छा फिर दिए वो लोग कि आजमगढ़ महा योजना लागू हो जाए। आज तक कोई नहीं करा पाया। ठीक है। वो भी लिख लिए। फिर बोले यहां एक हवाई पट्टी बनी है। पर यहां से जहाज कोई नहीं उड़ा पाया। बोले ठीक है। और बोले यह ये ये सड़कें हैं आजमगढ़ की जो इस हालत में है कि मतलब आप चलो मैं गया भी था देखा भी था और मैंने वो वीडियो बना के डाला भी था। बोला यह कोई नहीं बना पाता है। और वो सब मैंने लिखा और लिख करके जिसजिस मंत्रालय में देना था मैंने मुख्यमंत्री जी को दिया। रेल मंत्री जी को दिया। उसके बाद मैं गडकरी जी से ना वहां आजमगढ़ में एक रिंग रोड के लिए लिख दिया। छोटी सी जगह है। पर उन्होंने वह भी दे दिया। तो अब जब वहां नया रेलवे स्टेशन बच गया बन गया। वहां से जहाज चल गई। नया रेलवे स्टेशन पास हो गया। अरे रेल लाइन जो हम हम तो ये सारी चीजें हुई तब वो लोग भी मान गए कि हां क्यों जो किया नहीं भाई करके दिखा दिया। सारा आप कर दिए। फिर से आपको हरवा दिए लोग। देखिए क्योंकि कुछ रोक के रखे होते तो फिर अगली बार उम्मीद रहता ना कि अगली बार ही करवाएंगे तो जिताएंगे। आप एक ही बार में सारा दे देने को तैयार हो गए थे। नहीं नहीं अभी तो बहुत काम था। हम तो अभी बहुत करते तो उनको यह भी कहे कि अभी तो खाली आजमगढ़ से उड़ी है और लखनऊ तक जा रही है ना। एक बार और मौका दो मुंबई और दिल्ली के लिए भी जहाज उड़ा दूंगा आजमगढ़ से। तो ठीक है। अगर उनको उतने में संतोष हो गया तो अच्छी बात है। काहे हार गए थे आप? आपका क्या क्योंकि इस बार थोड़ा यूपी मामला टाइट था। वैसे देखिए यह पूरी दुनिया जानती है कि आजमगढ़ जो सीट है वो बहुत कठिन सीट है। पर उसके बाद भी वहां हम लोगों ने काम बहुत किया और राजनीति में जो होता है जो हर लोग कहते भी थे। मुझे डी रामा नायडू जी ने कहा था। डी रामा नायडू सर एक फिल्म बना रहे थे वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए क्योंकि सारी भाषाओं में उन्होंने बना दिया था भोजपुरी बची थी तो उन्होंने कहा कि मुझे भोजपुरी में करना है मैं उनके साथ फिल्म कर रहा था तो वो मुझे बताए कि मैं अपने गांव में एक बार चुनाव जीता और जितना बजट मिला ना उससे भी ज्यादा मैंने अपना भी लगा के काम करवा दिया एकदम गांव को चमका दिया उसके बाद मैं हार गया बोले यही राजनीति है हमको मनोज सन्हा याद आ गए। मेरे ही जिले के हैं। हां हां मैं गया था इलेक्शन कवर करने। तो किसी मोहल्ले में थे जहां दूसरे लोग उनके थे तो बहुत डरे हुए थे। तो मैं गया तो पहला सवाल पूछे कि सड़क आई कहे लोग आई ये फलानवा हुआ? कहे हां हुआ ये हुआ तो वोटवा देंगे ना महाराज। तो गांव चाचा लोग बैठे थे। तो कहे वो हमारा वाला लड़ रहा है। हम उसको दे देंगे। तो हम कहे महाराज सब कमवा किया। तब क्या उज्जर दे दोगे? हमारा आदमी है ना। ये मेरे से हार गए। वो हारे जब तो हमसे वो कहे हालांकि वो मुख्यमंत्री बनने वाले थे खबर थी बाद में जम्मू कश्मीर पहुंच गए वो उन्होंने हमारे जिले को गाजीपुर को जितना उन्होंने चमकाया जितना बनाया उसके बाद उनको अच्छा वो कह भी रहे थे कि हम जीतेंगे तो हम तुमको ये दे देंगे वो दे देंगे वो दे देंगे उधर वाला जीतेगा तो खाली सांसद रहेगा लेकिन इंडियन पॉलिटिक्स की यही खूबसूरती है यही है और मेरे साथ भी सेम हुआ तो वो जो जो सड़कें बताए थे लोग कि यह कोई बना नहीं पाया यह कोई बना नहीं पाया हम गए और हमने मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया कि यह जरूरी है। तो मुख्यमंत्री जी ने उसको कर दिया और वो बन भी गया। फिर विश्वविद्यालय नहीं था आजमगढ़ में वो भी बनवा दिए। आजमगढ़ में संगीत विद्यालय बनवा दिए। मतलब आप वहां संगीत विद्यालय जो बनाया अभी उसका उद्घाटन हम लोग करेंगे अभी हाल जल्दी ही। तो कृषि विद्यालय मतलब पहला अटलसीय विद्यालय बनवा दिया आजमगढ़ में। सारी चीजें होने के बाद वो जो जो सड़कें नई बन रही थी और उस जिसको बनाया उस सड़क के किनारे जो बूथ था वो भी हार गए। तो अब हमारे जो लोग थे ना वो पूछते भी थे कि भैया जब यहां से तुम बलटा में दूध ले चलते थे तो यहां से आजमगढ़ जाते आधा बलटा का दूध गिर जाता था क्योंकि सड़ खराब थी और यह भी तुम्हारा दूध वाला ही है जो तुमको यह रोडवा बना के दे दिया उसको कहां हरा दिए तुम लोग तो यही है राजनीति यही है और उसमें कोई दिक्कत भी नहीं है। इसलिए नहीं है जब मैं हारने के बाद गया लखनऊ तो महाराज जी ने जो बात कही मुझे वो मंत्र बन गया मेरे लिए। क्या कहे? महाराज जी ने कहा कि देखिए जी हारजीत यह लगा रहता है। लेकिन आपको जनता ने जितना दिन अवसर दिया था आपने काम किया। बोले जी महाराज जी तो अब जिसको मौका दिया उसको काम करने दीजिए। यही डेमोक्रेसी है। यही है। जनता है जनता के हाथ में है। आपको चुना आपने काम किया। अब किसी और को मौका दिया है। धर्मेंद्र भैया को दिया। उनको करने दो। अच्छा धर्मेंद्र जी को क्योंकि एक चुनाव आपने हराया था। अभी राहुल गांधी जी ने फर्जी वोटर का बड़ा जिक्र कर रखा है कि फर्जी वोटर बहुत सारा काउंट होता है। कई लड़का लोग हमको भी लिख के भेजा कि आप 7000 वोट से जीते थे। फर्जीवाड़ा तो नहीं उस दौर में हो गया था। बहुत सारा कहानी चल रहा है। राहुल गांधी जी के आरोप पर और ये जो लोग धर्मेंद्र प्रधान जी से धर्मेंद्र यादव जी से जोड़ रहे हैं कि 7000 वोट का डिफरेंस था बीजेपी फर्जीवाड़ा करती है वोटों में। इस पर क्या आप लोग का टेक है? मुझे लगता है ना कि ये लोगों का एक बहुत बड़ा प्रॉब्लम है। तो ये आपने शायद ध्यान दिया होगा। नहीं तो यह रिकॉर्ड में आप निकालिएगा। 19 में जब चुनाव हम लोग लड़ रहे थे हम और वोटिंग हो गई। और हमने वह बयान दे दिया था। वह हमको लगता है अखिलेश भैया अभी देख लिए कि तो बोल रहा है हमको हराने वाला कोई फायदा नहीं हुआ। कहां से बोल रहा है? वो चुनाव आयोग चले गए। बोले जो भी रिजल्ट होगा हम नहीं मानेंगे। यहां भी मानिए। अच्छा अखिलेश जी भी सोचे होंगे क्या बोला क्या है ये। इसको नहीं पता किसके सामने लड़ रहा है। ये हां। बात तो सही है भाई। हम पहली बार गए हमको राजनीति जीरो कुछ पता ही नहीं है। उनका गढ़ है आजमगढ़। गढ़ भी है और वो बड़े राजनेता हैं। मुलायम जी की सीट दर्द थी पहले। उनको राजनीति आती है भाई वो तो उसी में पले बड़े हैं। तो वो भी हमको हराने वाला फायदा नहीं होता। तो बोले हम इस सीट का रिजल्ट ही नहीं मानेंगे। तो जब जीत गए तो मान गए। क्यों नहीं भैया आप बोल दिए कि हमको तो नहीं मानना था। तो ये लोग जहां जीत जाते हैं वहां सब ठीक रहता है। जहां हार जाते हैं वहां ईवीएम खराब हो जाता है। बट जैसे अभी राहुल जी ने पूरा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया दिखाया कि एक घर में 81 वोट है। कई में चुनाव आयोग ने कहा कि भ्रमित करने वाला है। बहुत सारी चीजें क्योंकि लिखित में दीजिए ना भैया। क्या होता है कि आप बोलने के लिए तो बोल दिए। पर कहीं लिखित आपने किया उसके खिलाफ अगर आपने लिखित दिया होता तो एक रिकॉर्ड में होता कि हां भाई लिखित आपने दिया है। पर वो लिखित तो दे ही नहीं रहे। फिर राहुल जी ने काहे किया? इसको काहे बोला इतना बड़ा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके क्योंकि उनको पता है कि वह बार-बार झूठ बोल सकते हैं। खटाखट खटाखट आएगा वो। लोग भी इंतजार ही कर रहे हैं कब आएगा। झूठ बोल के ही जीते थे ना। आपने पूछा कि कैसे हार गए? इतना काम करने के बाद क्योंकि जनता उस समय पे भ्रमित हो जाती है कि यह तो जितना आपने जैसा कहा कि रोड बना ही दिया, यह बना ही दिया। वो सब तो यह बना ही दिया। अब क्या करेगा वह सामने वाला तो बोल रहा है कि खाता में पैसा आएगा खटाखाट तो खाता वाला ले लेते हैं तो गेम कर दिए झूठ बोल के अपना पूरा गेम किए और उसका असर दिखा चुनाव में यूपी में काहे आप लोग हारे क्योंकि यूपी में अगर आप लोग की 30 सीट और आ गई होती जो सपा को एज मिला तो शायद आपकी पूर्ण बहुमत सरकार होती यही जो भ्रम फैलाया किस रीज़न क्या था भ्रम या संविधान वाली बात जो चली थी संविधान वाल वही मतलब भ्रम उसमें पैसे की बात थी और संविधान की भी बहुत बड़ी बात थी मतलब मतलब उनको यह बात पूरी तरह से मन में बैठा दिया कि भाई ये लोग अगर आ गया 400 सीट तो संविधान खतरे में है। जबकि हम लगातार कह रहे हैं जनता के बीच में कह रहे कि भैया संविधान की कोई रक्षा कर रहा है तो वो ये कर रहे हैं। संविधान में जो चीजें लिखी गई कि देश का जो पहला सर्वोच्च पद है वो किसी अल्पसंख्यक या आदिवासी समाज के लोगों के लिए होना चाहिए। तो ये लोग तो नहीं कर पाए। कांग्रेस वालों ने तो नहीं किया। ये तो जब मोदी जी आए तो उन्होंने मनाया क्या चीज? राष्ट्रपति के लिए बट ये लिखा कहीं थोड़ी ना है कि बैठाना चाहिए। नहीं पर यह चीजें तो है कि भाई किस अह समुदाय के लोगों को कितना अधिकार मिलना चाहिए। यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में हम इस तरह से पॉलिटिक्स करते हैं बट हार्श रियलिटी ऑफ़ इंडियन पॉलिटिक्स कह सकते हैं। और मैं भी मानता हूं कि ये नहीं होना चाहिए। मैं भी ये मानता हूं कि बिल्कुल नहीं होना चाहिए। पर इसी पे ये लोग खेलते हैं और यही चलता है क्योंकि आप देखिए कि मैं कई बार और इस पर बहुत विवाद भी हुआ। लोगों ने बोला कि यह क्या बात कर रहा है? पर मैं बोला मैं ठीक बोल रहा हूं भाई। जब तुमको यह समझा दिया है तुम्हारे नेता ने कि सरकारी नौकरी ही रोजगार है। सवाल पूछा मेरे से कि एसएससी वाले पे नहीं नहीं अच्छा बेरोजगारी पे मैं चुनाव लड़ रहा था। उस समय एक जन आया बोला कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। हम इसके बारे में बोलिए। तो मैं बोला ये बढ़ा कौन रहा है? आप कह रहे हो बेरोजगारी बढ़ रही है तो बढ़ा कौन रहा है? बोला मतलब मैं बोला आपने कहा ना कि सरकारी नौकरी नहीं मिल रही है खास करके और बेरोजगारी बढ़ रही है। मतलब आपने मान लिया है कि सरकारी नौकरी ही रोजगार है। तो इस देश में सरकारी नौकरी है कितनी? 80 लाख। तो 80 लाख के बाद जितना संख्या होगी जनसंख्या होगी वह बेरोजगार ही मानोगे आप क्योंकि आप कह रहे हो यह बात वो तो नहीं बढ़ जाएगी ना बट जैसे दिल्ली में भी लड़का लोग प्रोटेस्ट कर रहा था हमने बुलाया उनको तो कह रहे हैं कि जितना पद है कम से कम उतना तो भरना चाहिए जैसे रेलवे में नहीं खाली पद है बहुत सारा वहां भर नहीं रहे एग्जाम जो हो रहा है उसमें आगे पीछे तारीख हो रहा है एसएससी वाला लड़का लोग परेशान है तो वो यह कह रहा है कि ऐसा लगता है प्रायोरिटी में नहीं है जैसे सरकार जो है उसको भी यह समझ समझ में आ गया कि ना उसको नौकरी के लिए वोट मिलता है। उसको अलग चीजों के लिए वोट मिल रहा है। वह अपना वह कर रहे हैं। नौकरी छात्र शिक्षक की प्रायोरिटी नहीं है। नहीं ऐसा नहीं है। ये लोग विपक्ष वाले ये मुद्दा बनाते हैं। और देखिए भैया ये ये परसेप्शन बन चुका है। मतलब मैं आपको ये अगर आप मोदी जी से मिलना तो उनको बात ये बताना आप कि ये परसेप्शन एक सरकार को लेके बन गया है। कि मंदिर पे आप अच्छा कर रहे हो। धर्म पे आप की चर्चा हो रही है कि आप लोगों ने किया। बट जो नया पीढ़ी का बच्चा है उसको ये लगने लगा है कि प्रायोरिटी ही नहीं है। यूपीएससी छोड़ के जितने पेपर हैं सब में कुछ कुछ हो रहा है। प्रोटेस्ट सब जगह चल रहा है। यूपी में बिहार में जैसे बीपीएससी का लड़का लोग था। प्रोटेस्ट करता है तो कभी नीतीश जी पिटवा देते हैं। कभी यूपी में पिट जाता है। तो उसको लगता है कि यार ये क्यों हो रहा है? हम ही तो फ्यूचर हैं। नहीं मैं इस बारे में थोड़ा सा कहता हूं। हम्। सरकार की मंशा है कि देश में जितना ज्यादा से ज्यादा हो रोजगार हो और देश को जितना हम समृद्ध बना सकते हैं बनाएं। और चूंकि विपक्ष का काम यह है कि वो कोई एक ऐसा मुद्दा ढूंढ के और प्रोपोगेंडा बनाते हैं मतलब उनका तो काम ही यही है ना तो उनका काम है। भाई वो विपक्ष में है। तो वो भी तारीफ थोड़ी करेंगे। हां। तो यही जो बेरोजगार बेरोजगार कर रहे थे और सारी चीजें हो रही थी। भर्ती नहीं आ रही है। भर्ती नहीं आ रही है। मैंने इतना तक देखा था कि यूपी में बच्चे जो है वह अपना मार्कशीट जला रहे हैं। इस तरह की चीजें थी। 60 हजार भर्ती एक साथ हुई। महाराज जी ने 60 हजार भर्ती कराया और कोई ना किसी का सोर्स चला ना ही कोई जाति धर्म कुछ भी नहीं देखा गया जो योग्य हैं जो पात्र हैं वो भर्ती हुए तो अब यह लोग उस पे बात नहीं करेंगे। अच्छा एक सवाल कि आपने जात का जिक्र कर दिया। आप दिनेश लाल यादव जी लोग बहुत सारे लोग ये कहते हैं कि पहले आप मुलायम जी को पसंद करते थे। फिर आप अखिलेश जी के खिलाफ चुनाव लड़ लिए। आप ही के जात का लोग आपके खिलाफ खूब सारा बोलता है। कास्ट को लेके कि आप बीजेपी की तरफ क्यों चले गए? आप ही के मित्र हैं जिनकी फिल्मों में आपने पैसा लगाया था। वो आपका प्रमोशन करने नहीं आए। हमको लड़का लोग यह भी लिखा। उधर आप बाद में जाएंगे। हां। वो कहते हैं यादव होकर आप बीजेपी सपोर्ट क्यों कर रहे हो यूपी में? क्योंकि वह यह मानते हैं कि आपको सपा करना चाहिए था। आप बीजेपी में क्यों आपका मुंह है? मुझे लगता है यही चीज यही चीज जिस दिन समझ में आ जाए लोगों को कि आप जाति पर जब तक खेलोगे तब तक आप कमजोर ही रहोगे। आपको इससे ऊपर उठना पड़ेगा। जब तक इससे ऊपर नहीं उठेंगे क्योंकि एक बड़ी अच्छी बात किसी ने कहा मुझे बड़ा अच्छा लगा कि जब यह लोग बिहार के बाहर जाता है यूपी के बाहर जाता है तब ये बिहारी रहता है हां और जैसे बिहार में आएगा तो अहीर ब्राह्मण ठाकुर बन जाता है हां कि हम ब्राह्मण हैं हम अहीर हैं हम ठाकुर हैं हम ये हैं फलाना है ढिकाना है तो बोले तुम लोग ये जो करता है दिल्ली में आके बिहारी बन जाता है दिल्ली में आएगा तो बिहारी बन जाएगा मुंबई में आएगा तो अरे हम बिहारी है भैया हम तो अरे कॉलेज से लेके हर जगह सही बात है ये। तो तरक्की करना है तो ऐसे रहो ना भाई। एक रहो ना एकजुट रहो और ठीक है। मैं इससे भी मना नहीं करता हूं कि जो जाति प्रथा मनाई गई या जो थी वह सही थी। वो भी गलत है। लेकिन अब वह समय नहीं है। आप समय के साथ चलो ना। आज का समय यह है कि आज कौन देखता है? हम लोग यहां काम करते हैं। हम तो नहीं देखते हैं यहां पे कि कोई जाति का है इसलिए आपके साथ काम कर रहा है। आपके भाषा का इसलिए कर रहा है। आपके धर्म का काम आता है तो दे देते भाई। नहीं आता तो आपको काम आप कैमरामैन है। अच्छा चलाते हैं। कौन भाषा बोलते हैं? मुझे क्या फर्क पड़ता है? बात है। आप महाराष्ट्रियन है। मराठी बोलते हैं। कोई बात नहीं। आइए आप कैमरा आप ले लीजिए। तब तक काम आता है। हां। आप कौन है भैया? हम मुसलमान हैं। लेकिन आप अच्छे डायरेक्टर हैं। आप डायरेक्ट कीजिए। हम थोड़े देखते हैं आजति धर्म और सारी चीजें पर जहां पर यह लोग देखते हैं वह पिछड़ेपन का कारण ही वही है। आज भी बिहार अगर पिछड़ा रह गया और तो कारण यही है कि आप जब बिहार से बाहर जाते हो तो बिहारी हो जाते हो और जब बिहार में आते हो तो अहीर ब्राह्मण ठाकुर हो जाते हो। ठीक सुंदर बात लॉजिक है इसमें। अच्छा ये पवन सिंह का राजनीतिक दुख काहे नहीं खत्म होता। यह आप लोग क्यों जितना बड़का भैया लोग हो, उनका टिकट कैंसिल करवा देते हो। अरे, अब हमारे यहां कहे भाई, कहे कि हमको अनाउंसमेंट हो गया, सब हो गया। उसका कहे कि गंदा गाना गाते हो। और गंदा गाने के नाम पे चला गया जब कि भैया लोग गाते थे गोरिया दगा दे गल बंगाल और दुनिया भर का क्यों मारेला चकाचक गावत रहा। मैं यह बात खुद फोन करके बोला। भैया आपको मैं बताता हूं। फिर पवन जी मिलेंगे तो उनसे पूछिएगा। हां वो हमसे कहे भाई कि कि मेरा मन था लड़ने के यार मैं वहां तक गया था। फिर हमसे आखिरी में कहे टिकट वापस कर दो। मैंने कहा कि मत करना और तीनों भैया बीजेपी सांसद बने बैठे थे तो मैंने फोन किया वापस करना नहीं क्या हुआ कि जब मैं जीत के गया तो मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मिलने गया तो राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मिला आशीर्वाद लिया तो उन्होंने बोला कि अब तुम्हारे बाद कौन ये कोटा चल रहा है अगला अगला आदमी कौन लाओगे अगला कौन तो मैं बोला पवन सिंह हां एक सेकंड नहीं लगा बोलने में मुझे पता नड्डा जी से बात हुई थी। हां नड्डा जी ने पूछा हां तुम्हारे बात कौन हां तुम्हारे बात कौन अगला पीढ़ी कौन क्योंकि चल रहा है मनोज भैया आए रवि भैया आए निरहुआ आ गया अब कौन बोले पवन सिंह तो बोले ठीक है और फिर रवि भैया ने भी मनोज भैया ने सबने कहा कि उनको लड़ाया जाए और पवन जी को टिकट मिल गया उधर चुनाव में बंगाल के जो एक कोई लीडर थे वो इनके खिलाफ माहौल बनाने लगे सुप्रियो हां वो भी पहले बीजेपी के थे बीजेपी के थे और फिर वो लगे इनके ऊपर कि बंगाली लोगों के बारे में ऐसा गाता है वैसा गाता है ये वो तो चीजें होने लगी उसका एक इनसाइड स्टोरी हमको अब बाद में पता लगा वो ये था कि हम मैं नाम नहीं लूंगा कि हमारे तीन भैया लोग जो हैं हम ऊपर वाले इन्हीं में से एक भैया ने उधर फैलवा दिया था और फिर उधर से भैया का उधर आया फिर हमसे कहा कि वापस कर दो तो इन्हीं भैया में से जो गोरी बंगाल दगा देगल नहीं एक भैया दगा दे अब वो मुझे पता नहीं है पर मैं देखिए मैं निश्चल आदमी हूं। मैं सच बता रहा हूं आपको। एकदम जो हुआ था। मैंने पवन जी को फोन किया। हां। और मैं बोला सुनो टिकट वापस करना नहीं। हां। बोला अरे तो का करें हम बोले उनको बताओ। हम मनोज भैया क्या गाए हैं? छोड़ो तुम मेरा बताओ। हां। मेरा गाना बताओ कि मैंने गाया है कि पिया जन हो पुर बवा जा बलिया बस हो राम बोलो गाया है उसको पहले हटाओ अगर मेरा टिकट वापस करना है तो पहले निरहुआ को हटाओ निरहुआ ने गाया है कि बंगनिया पे गाना गाया है मैं बोला एकदम हटना नहीं पीछे पर अब क्या बोले उनके जो सलाहकार लोग हैं जो उनके साथ में हैं या जो भी उनके खिलाफ साजिश करने वाले लोग होंगे जैसा आपने कहा कि उन्होंने ऐसा कहा तो ऐसा हुआ होगा तो पता नहीं मैं तो आज भी चाहता हूं तो अब तो मान लो चले गए दूसरी पार्टी में फिर अब उनको इस टाइम बड़ा ऑफर चल रहा है बिहार चुनाव से कहां चले गए इधर-उधर जा सकते हैं वो बड़ा चर्चा चल रही है दो पार्टी से जन स्वराज वाले भी लगे पड़े हैं आरजेडी भी सुनाई पड़ रहा है रहरह कर अब किधर जाएंगे पता नहीं ऐसा लग रहा है बीजेपी छोड़ के सब कहीं भी उनका रास्ता खुला है तो एक एक सीट तो गई आप लोग की नहीं नहीं पर मैं एक अपनी बात कहता हूं। यह थोड़ा सा राजनीति से हटके मैं बात कर रहा हूं। दिल की बात कर रहा हूं। हम मैं जब चुनाव लड़ने गया ना तो इस इंडस्ट्री ने मेरा बड़ा साथ दिया। चाहे डायरेक्टर हो, प्रोड्यूसर हो, हीरो हो, हीरोइन हो, सब लोग आकर के आजमगढ़ में मेरे लिए चिलचिलाती धूप में सबने मेरे लिए प्रचार किया। मैं हार गया फिर भी वो लोग। मेरा दोबारा गया तो फिर भी साथ दिए सब लोग। हम तो मेरे मन में तो यह हमेशा रहता है कि मेरी इंडस्ट्री का कोई भी हीरो हीरोइन डायरेक्टर प्रोड्यूसर अगर चुनाव लड़े तो मैं भी उसका प्रचार करूं तो या तो वो मेरे ही पार्टी से लड़े या मेरे सहयोगी दल से लड़े मेरा सब जन किशोर जा रहे हैं एक्टिव और तो आपके यहां गए हैं एक सिंगर हैं आपके सिंगर नहीं नहीं मैं अपनी ही बात कर रहा हूं कि मेरा जो मन है मैं तो हमेशा यही चाहता हूं कि भाई तुम ऐसे ही जगह लड़ना कि जहां मैं आ सकूं तुम्हारे लिए ऐसा ना हो आपस में लड़ना पड़े हां कि मुझे तुम्हारे खिलाफ वहां प्रचार करना पड़े क्योंकि मैं अगर एक पार्टी का प्रचारक हूं तो भेजा जाएगा भेजा जाएगा और मुझे जाना पड़ेगा और तुम बोलोगे बताओ भैया का हम प्रचार किए थे जाएंगे तो घर आना पड़ेगा हां तुम बोलोगे कि भैया के लिए हम थे और भैया हमारे खिलाफ आ गए भैया इसलिए भी चाहते हैं कि तुम या तो हमारे साथ नहीं हो तो कम से कम हमारे सहयोगी दल के साथ रहो यार कि हम आ सके वहां तो फ़ोन करके बात कर लो टिकट दिलवा दो हां जरूर बात करेंगे क्यों नहीं अरे मैं अभी भी बात करता हूं और सच बोलता हूं हम मैं अभी भी हारने के बाद बीजेपी वाले याद रखते हैं ऊपर से कोई फोन पकड़ करता है आपको मुंबई अरे भैया कि दिल्ली मुंबई रास्ता बहुत दूर है अरे नहीं नहीं नहीं आज भी ये बात देखी आपने अच्छी बात कही हम मैं भले हार गया लेकिन आज भी आजमगढ़ में चाहे गाजीपुर में चाहे उस इलाके में जहां भी हमारी कोई जीता हुआ कोई कैंडिडेट नहीं है। वहां किसी को काम लगता है तो मुझे बोलता है और मैं सरकार में बोल करके वो काम करता हूं और हो जाता है। मैं आपको बताऊं कि आज भी कौन सा काम हुआ बताओ एक काम हमको कोई। अरे वहां अगर किसी को इलाज की जरूरत है तो मेरा दफ्तर आज भी चलता है और आप आपको मैं बताऊं कि ₹1 करोड़ से ज्यादा हम लोग ना लेटर लिख करके और उनके इलाज के लिए पैसे मंगा लेते हैं। हम कोई अगर वहां किसी की सड़क खराब है और उन्होंने कहा भैया यह नहीं बन रहा वो भी लिख के करवा लेते हैं। हम तो ऐसा नहीं है। आज भी जो काम होना है और निश्चित रूप से प्रधानमंत्री जी भी, मुख्यमंत्री जी भी या जितने भी कैबिनेट के मंत्री हैं उनके पास अगर कोई भी पत्र हम लोग भेजते हैं तो उस पर तुरंत कारवाई होती है। ऐसा नहीं है कि हम नहीं जीते तो हमारा वहां कोई महत्व ही नहीं है। ऐसा नहीं है। हमसे किसी आपके चाहने वाले ने क्योंकि हम जब भी किसी का इंटरव्यू करते हैं तो हमेशा एक पोस्ट डालते हैं कि क्या पूछा जाएगा। ओके। तो आपके नाम पे उनके हजारों हमको सवाल आए थे। तो उसमें किसी आपके चाहने वाले ने हमसे एक चीज कहा पहले कंफर्म करते हैं फिर सवाल पूछेंगे। खेसारी जब डेब्यू हो रहा था तो उनकी पहली पिक्चर में आपने हेल्प की थी? हां। फाइनशियली? हां। रिलीज़ करवाने में। बिल्कुल। वो हुआ ऐसा था कि मैं सोया था सुबह 5:00 बजे। प्रोड्यूसर मेरे घर पे आ गए। और वो प्रोड्यूसर वही थे जो पहले मुझे लेके फिल्में बनाते थे और उनके साथ पहली बार कर रहे थे। तो फिल्म के रिलीज के समय ऐसा होता है कि आपने जो भी फाइनेंस लिया हुआ है वो आप देंगे तो ही फिल्म रिलीज होगी। तो वो कर नहीं पा रहे थे प्रोड्यूसर कर नहीं पा रहे थे तो जिसने पैसा दिया था उसने कह दिया कि नहीं फिर रिलीज नहीं होगी तो वो सुबह 5:00 बजे मेरे पास आए मैं सोया था जगाया उठो उठो उठो बोले का भैया तो चलो जल्दी चलो बोले ब्रश कर कुछ ना चलो जल्दी कपड़ा पहना हम फिल्म आज रिलीज होके वाला बात ना लगी तो सब थिएटर में आगवाग लग जाएगी और वो जो फाइनेंसर है वो फ्लाइट पकड़ने जा रहे हैं एयरपोर्ट उनको एयरपोर्ट जाते-जाते पकड़ना है तो मैं बैठा बैठा गाड़ी में फिर एयरपोर्ट तक जाते-जाते बातें हुई कि क्या प्रॉब्लम हुआ है तो 2025 लाख का कुछ था इशू तो मैं गया मैं बोला आप चिंता मत करिए इसकी गारंटी मैं लेता हूं यह नहीं देंगे तो मैं दे दूंगा पर फिल्म रिलीज करिए हां तो यह लिखकर किसी ने मुझसे सवाल पूछा कि दिनेश जी से पूछिएगा कि जब उनके प्रचार में खेसारी नहीं आए तो क्या उनको तकलीफ हुआ था इस बात को याद करते हुए अब हमको नहीं पता इसका रियलिटी क्या है हां बट ऐसा कुछ हुआ था पर बिल्कुल नहीं वो आने को तैयार थे। मैंने बताया भी कि वो ऐसा कभी नहीं अगर मैं उनको कभी बुलाया खेसारी जी को तो ऐसा नहीं कि मैं नहीं आऊंगा। वो रेडी थे। हम पवन जी खेल कर देते हैं थोड़ा वो मस्ती कर देते हैं। वो मस्ती की मस्ती में जो है उधर से उधर से वायरल हुआ है। वो मस्ती कर देते हैं ना अरे ओकर का जरूरत हम बोले अरे यार तीनों लोग चलेंगे वहां पे एक साथ में अच्छा लगेगा। मर्दबा चला आवतानी ना तो इस तरह से हो जाता है पर ऐसा नहीं है तो ये अपने फैन को क्लियर कीजिए आपके खेसारी जी को गलत सोच रहे हैं वो अब नहीं उनको भी पता लगना चाहिए खेसारी जी दिल के बढ़िया आदमी है फिर बहुत अच्छे आदमी हैं खेसारी जी हैं पवन जी हैं देखिए मैं एक बात बताता हूं कि बाहर से लोगों को सारी चीजें पता नहीं चलती है क्योंकि मैं इंडस्ट्री में हूं तो मैं सब जानता हूं चाहे खेसारी जी हो पवन जी हो रवि जी हो मनोज जी हो या इंडस्ट्री का मेरे कोई डायरेक्टर हो, प्रोड्यूसर हो, छोटा से छोटा कलाकार हो, यह लोग ना किसी के भी लिए हमेशा खड़े रहते हैं। कोई तकलीफ में आ गया, किसी के घर पे शादी है और नहीं हो पा रहा है। तो सब मिलके मदद कर देते हैं। किसी का ऑपरेशन होने वाला है। लाख, दो लाख, ₹ लाख चाहिए और नहीं हो पा रहा है। यही खेसारी जी कर देते हैं। यही पवन जी कर देते हैं। रवि जी कर देते हैं। मैं कर देता हूं। बाकी लोग जो हमारे इंडस्ट्री के लोग हैं सब मिलजुल के तो यह बातें बाहर नहीं जाती है कि वो सच में अच्छे हैं। पाप जल्दी माथे पे चढ़ता है। पुण्य जाने के बाद हां लोगों को वो क्योंकि उसमें ज्यादा मजा आता है। किसी की बुराई करने में मजा आता है। इसीलिए हमने पूछ लिया था कि क्लेरिटी हो जाए। नहीं नहीं एकदम क्लियर है बहुत अच्छे आदमी है खेसारी जी और मैंने तो यह देखिए पहला आदमी होगा मैं जो मैं गा के बोला सोली में सूचना जारी बा निरहुआ से बढ़िया खे कौन गाएगा बताइए मैंने गा के बोला आपके फेवरेट रवि जी हैं का कि हमको लग रहा है उन्हीं नक्शे कदम पे चल रहे हो आप मामला लीगल में वो गए आप भी आ गए वो सांसद बने आप वो सांसद बन गए बहुत सारा वेब सीरीज भी आजकल चल रहा है। आप दो लोग एकदम हिंदी में भी एकदम छाए हुए हो। भोजपुरी से निकल के। मैंने कहा ना भैया आपको कि मैं जब बचपन मेंक में पढ़ाई कर रहा था। उस समय जब मेरी भाषा भोजपुरी का कहीं भी किसी टेलीविजन पे कुछ कहीं दिखता नहीं था। उस समय भी जब मैं रवििशन भैया का भोजपुरी गाना देखा तो मेरे लिए तो उसी दिन से उनकी जो छवि है मेरे दिल में ऐसी बन गई कि अरे यार कोई तो है यार इतना सुंदर हीरो इतना ऐसी पर्सनालिटी पर भोजपुरी कर रहे हैं तो निश्चित रूप से मैं उनसे बहुत प्रभावित रहता हूं उनसे भी और मनोज तिवारी भैया से भी तो और वो लोग बहुत मुझे सहयोग भी करते हैं। वो लोग जैसे मैं यह बात इसलिए भी बोल रहा हूं कि जब मैं आया था ना इंडस्ट्री में तो यही जो जातपात करने वाले लोग हैं वो मुझसे यह बात करते थे अरे वो लोग से सावधान रहिया अरे पंडित हो अरे इ हो क्या बकवास करता है ये लोग और मैं हमेशा वो लोग के साथ काम किया मैं फिल्में किया मैं राजनीति में बहुत सारा आज भी मैं स्टेज शो उनके साथ शेयर करता हूं। तो मुझे तो कभी नहीं लगता है कि उनको मेरे होने से कोई दिक्कत होती है। बल्कि उनका सहयोग मिलता है मुझे। तो चाहे वेब सीरीज हो चाहे हिंदी फिल्म। अभी हम लोगों ने हिंदी फिल्म साथ में किया। भाभी जी घर पे हैं। हम वो अभी आएगी। मामला लीगल है। हम लोगों ने साथ में किया। तो कभी अच्छा इस बार दोनों लोग आप लोग हो। हां। अरे गजब। मामला लीगल है टू में। वाले में तो ज़हर एक्टिंग किए थे। और हैं उनके बहुत तगड़ा एक्टर है लेकिन वो मैं तो आपको कहूंगा कि आप एक बार ना ये सन ऑफ़ सरदार टू जरूर देखें। हां। अभी मैं देखा क्या काम किया है भैया ने। मतलब आपको प्राउड होगा रवि भैया पे। ना उनकी एक्टिंग पे दुनिया को प्राउड है। जब उनका वो आई थी लापता लेडीज़। और उसमें आमिर खान का और इनका आया। दोनों का वो ट्रायल वर्जन दिखाया गया था। और वो रवि भैया मतलब विथ ऑल ड्यू रिस्पेक्ट टू आमिर खान इज़ अ ग्रेट एक्टर बट उस सीन पे वो भारी पड़ गए। भारी पड़ गए। तो वो जो पान खाकर अरे मतलब कोई और करेगा तो वो उस किरदार की एक्टिंग करेगा। पर वो नेचुरल कर रहे ओरिजिनल क्या बात हम तो निश्चित रूप से देखिए वो ये बात कहने में और ऑन कैमरा कहने में कोई गुरेज नहीं है कि उनके जैसा कोई एक्टर नहीं है भोजपुरी में वो हम लोगों के आदर्श हैं और हम उनको रिस्पेक्ट करते हैं उनसे हम सीखते हैं और वो भी उतना ही प्यार करते हैं और हम लोगों को उतना सपोर्ट भी करते हैं। तो चलो एक जनता के लिए पूछ लेता हूं मैं। मनोज तिवारी रवििशन शुक्ला ये दोनों ब्राह्मण है। हां कभी आपके साथ इन्होंने जातिगत भेदभाव या थोड़ा सा एहसास कराया हो। कभी कुछ ऐसा हुआ आपके साथ? कभी नहीं। उल्टा क्योंकि बिहार में बहुत होता है। ब्राह्मण और छोटा आगे पीछे बहुत जात मतलब जात का एक पूरा मकड़जाल वहां पर। ये मैं इसीलिए बोल भी रहा हूं। इसलिए बोला अभी मैंने कि जो लोग यह जातपात करते हैं ना उनका प्रॉब्लम यह है कि वो यह नहीं कह पाते हैं कि उनकी क्षमता नहीं है या उनके पास हुनर नहीं है इसलिए वो किसी जगह नहीं पहुंच पा रहे हैं। आपके अंदर अगर हुनर है और आप मेहनत करने से पीछे हटने वाले नहीं हो हम तो ये लोग आपको सपोर्ट करेंगे क्योंकि मैं आपको बताता हूं कि जहां पे पता चला कि रवििशन भैया को बुलाया गया है। हम्म तो बोलता अरे निरहुआ को भी बुला लो मजा आएगा। कहीं मनोज तिवारी भैया को स्टेज शो पे जाना है। अच्छा सुनिए भैया एक काम करिए ना निरहुआ को भी बुला लीजिए मजा आएगा स्टेज पे। तो मैं तो आप कह रहे आपको प्रमोट किया। प्रमोट करते हैं। मुझे हेल्प करते हैं। चाहे अगर मैं मैं अब यह आपको कैमरे पे बोल रहा हूं कि जब मैं पहली बार चुनाव लड़ने गया तो इस दुनिया में मुझे अगर किसी ने पहला फोन करके और बोला कि कुछ चिंता मत करना। जो होगा हम सब करेंगे। तुम टेंशन मत लेना। वो मनोज तिवारी थे। और किया उन्होंने हर तरह से मदद किया उन्होंने। मतलब कोई अपना भाई नहीं करेगा जितना मदद किया उन्होंने। अपने भाई तो खिलाफ में ही खड़े थे। एक भाई सपाई, एक भाई भाजपाई। तो ऐसा नहीं है। ये जो लोग बात करते हैं ना उनको समझना चाहिए कि अब वो समय नहीं है। एक समय था जब यह चीजें चलती थी। जाति पाती, धर्म, छुआछूत यह सब चीजें। पर अब वह यह 21वीं सदी का भारत है। कहां पहुंच चुके हैं हम लोग? तो इस हिसाब से तो सगे भाई से बढ़कर यह भाई हुए। सुख-दुख में अगर ये काम आए नहीं वो भी काम आते हैं। हम वो भी काम आते हैं। वो तो गुरु ही हैं और आज जहां भी पहुंचे हैं उनके वजह से पहुंचे हैं। वही भाई जो फौज में थे। फौज में तो छोटे भाई। अच्छा छोटे वाले वो थे। हां वो वो नहीं वो तो मेरे साथी हैं। हां। मेरे जो बड़े भैया जो मेरे गुरु हैं विजयलाल यादव। हां। वो सपा में है और घर में कैसे मैनेज करते हो फिर? मैनेज ऐसे करते हैं कि हम जब घर पे होते हैं तो हम सिर्फ उनके छोटे भाई होते हैं। हम नेता नहीं होते हैं। अच्छा मतलब अगर वो हमको कहीं मिल गए समझ लीजिए एयरपोर्ट पे ही मिल गए। हम्। तो, हम यह नहीं देखते कि हम सांसद हैं कि हम कौन हैं। उनका बैग हम ही उठाते हैं। हम वो नहीं भी चाहे तो भी हम उनके हाथ से ले लेते हैं। नहीं नहीं आप दीजिए मुझे। आप चलिए। उनका जो स्थान है वो है। वो मेरे बड़े भाई हैं। वो मेरे गुरु हैं। वो हैं। हम युद्ध के मैदान में जब उतरेंगे तो सामने से गुरु बाण चलाएंगे तो इधर से हम भी चलाएंगे। वह युद्ध का मैदान अलग है। अपनी विचारधारा अलग है। पर रिश्ते परिवार उसमें यह राजनीति नहीं घुसाते हम लोग। घर में चर्चा नहीं होती। बिल्कुल नहीं। घर में तो अगर खाना खाते तो हम साथ में खाते हैं। एक थाली में बैठ के हम लोग खाना खाते हैं। और ये हम कहीं ना कहीं जनता को भी बताते हैं कि देखो वो राजनीति है। राजनीति के चक्कर में आपस में भाई-भाई मत लड़ो। हां। लोग फैन लोग मार कर लेते हैं। हां, मार मत करो। वो सिर्फ आजमगढ़ चुनाव में उधर से वह बाण चला रहे थे। इधर से मैं चला रहा था। क्या पता कल को वो बीजेपी में आ जाए। हां आपको उठा ले जाए। नहीं नहीं वही पहले वही आए थे बीजेपी में। अच्छा। अरे भैया वो भी किस्सा कमाल का है। उनको ना बीजेपी ने टिकट दिया था। हम्म। और तब मैं फिल्में कर रहा था। मुझे राजनीति से दूर-दूर तक कुछ लेना देना नहीं था। हम्म। फोन किए मुझे कि आ जाओ। मुझे टिकट मिला है तो हम लोग हम मेरे छोटे भाई प्रवेश कवि जी सब लोग गए पूरा एकदम उनके साथ एकदम प्रचार में भिड़ गए लेकिन वही चीज उनके साथ हुआ जो मेरे साथ हुआ तो मैं तो नहीं भागा वो भाग गए उनको अहीर लोग गरियाने लगे तुम मर्दवा अहीर हो के का करत हो बीजेपी में काहे हो बीजेपी में काहे और इस बात को वो नहीं वो कर पाए और छोड़ दिए ऐसे टाइम पर छोड़े भैया कि हेलीकॉप्टर से सिंबल भेजना पड़ा वहां। हमारा फिर कैंडिडेट ही नहीं कोई होता वहां। तो पहले बीजेपी में वही आए थे। मैं तो बाद में आया और मैं मुझे आना भी नहीं था। मुझे इसमें नहीं आना था राजनीति में। महाराज जी ने जब मुझे कहा कि हम चुनाव लड़ना है। हम तो हम बोले कि हमको कुछ नहीं पता है। हम राजनीति नहीं जानते। हमको नहीं लड़ना है। हम प्रचार कर लेंगे। तो बोले अच्छा प्रचार कर लोगे किस लिए कर लोगे? बोले प्रचार इसलिए कर लेंगे कि हम चाहते हैं कि इस देश के प्रधानमंत्री फिर से नरेंद्र मोदी जी ही बने। तो बोले फिर काहे सोच रहे हो? कि क्या होगा? हारोगे कि जीतोगे कि सीट कैसी है कि क्या है? तुम्हारा मन यह है ना मंशा यह है ना कि प्रधानमंत्री फिर नरेंद्र मोदी बने। हम बोले हां। तो फिर बाकी कुछ नहीं सोचना जाओ लड़ो। अभी डॉनल्ड ट्रंप आजकल बहुत तचा पगलाए हैं। एकदम 50% टेरिफ मार दिए हैं। कह रहे थे कि पाकिस्तान में हम सीज फायर करवाए हमको क्रेडिट नहीं दिया आप लोग और फिर पगला गए हैं। कैसे आप देख रहे हैं उसे? देखिए चाचा फंस गए। पूरी तरह फंस गए। हां। और उनको ना भी उनको भी फंसा है। यही विपक्ष वाला लोग। यह लोग हर बात पर सवाल करता है। अरे भाई कुछ हो रहा है, देश में अच्छा हो रहा है तो उसकी तारीफ भी कर लो। उसमें भी यह लोग कमी निकालने लगते हैं। अब ये इतना ज्यादा अभी बवाल कर दिए थे। सदन चल रहा था तो ऑपरेशन सिंदूर पे बात हो रही थी। अब उस पे इतना ये लोग बवाल कर दिया कि अरे देखो ट्रंप ने रुकवा दिया। ट्रंप ने रुकवा दिया। इसके बारे में आप क्यों नहीं बोल रहे हैं? क्यों नहीं बोल रहे हैं? तो मोदी जी तो चुप रह जाते तो उसका भी इज्जत रह जाता चवा का भी। लेकिन ये लोग मुंह में हाथ डाल के बोलवा दिया तो मोदी जी बोल दिए कि नहीं पाकिस्तान के साथ जो मुद्दा है उस पे किसी और का बिचौलियापन हमको पसंद नहीं है और ना ही हम किसी को इसमें घुसने देंगे। हालांकि चाचा 50% टेरिफ ठोक दिए। तो टेरिफ ठोके उसके बाद जब इधर से जवाब मिला उनको तब उनको पता चला कि अरे बाप रे बाप और उस पे मैं देखा ना तो मेरे मन में एक गाना भी आ गया और मैंने फट से बना दिया इस पे हां जब मोदी जी इधर से चापे तो हमने कहा कि मेरे मोदी के जैसा नेता नहीं मेरे मोदी के जैसा नेता नहीं अब तो ये चाइना भी कहने लगा है झुकने वाला यह भारत का बेटा नहीं मेरे मोदी के जैसा नेता नहीं दुश्मन देश मतलब चाइना भी मान गया कि भारत का बेटा है झुकेगा नहीं अपने जो उसके दोस्त हैं जिससे हमारी दोस्ती रही है पहले से हम भाई हम उससे तेल खरीद रहे हैं हमसे सबसे ज्यादा तुम खरीद रहे हो। तुम हमको बताओगे। तो इस तरह से स्टैंड लेने का जो क्षमता है वो मोदी जी में है। इसलिए ही आज दुश्मन देश को भी कहना पड़ रहा है कि झुकने वाला ये भारत का बेटा नहीं। अभी तो मोदी जी वाली लाइन याद आ गई कि आप लोग टीवी चैनल के लिए मत काम। मेरे देश के लिए कीजिए। फिर डांट देंगे आपको इस बार। फिर डांट पड़ जाएगा। झुकने वाला नहीं। लेकिन जैसे विपक्ष वाला कहता है कि सारे पड़ोसी लोग से लड़ाई चल रहा है हमारा। हम्म। सब नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इधर-उधर। तो कैसा विदेश नीति? आप लोग तारीफ करते हो कि सबसे अच्छा विदेश नीति हमारा है। हम लोग तो सब अच्छा करना चाहते हैं। पर ये विपक्ष वाले जो है ना ये लोग उनकी भाषा बोलते हैं। उनको मौका देते हैं। तो आप ये कह रहे हो जानबूझ के बुलवाया गया था ये कि ट्रंप को मतलब हां मतलब हम लोग तो उस तरफ जा ही नहीं रहे थे ना। हम तो ये कह रहे थे कि ये पाकिस्तान ने जो हरकत किया उसको कैसे जवाब दिया गया। हम अब ये लोग बोल रहा है नहीं नहीं कहां की ट्रंप चाचा के बारे में क्या सोचते हो 36 बार वो कह चुके हैं कि मैंने करवाया अभी भी चार बार और कह चुके हैं उसके बाद भी नहीं नहीं वो अगर चाचा करवाए होते ना तो चाचा को क्रेडिट मिला होता हां चाचा को कहीं से क्रेडिट नहीं मिला चाचा को लेना है नोबेल पुरस्कार तो चाचा अभी देखिए जिसको लड़ा रहे थे अब उसको बोले कि भाई तू बैठ जा अभी अभी यूक्रेन को बोल रहे हैं कि रहने दे तू बस छोड़ दे। कहीं तो मिल जाए। हां। कहीं तो क्रेडिट मिल जाए। वो चवा को क्रेडिट चाहिए। बस आर्मेनिया अजर बैजान पैचअप करवा रहे थे। हां। और उनको पता ही नहीं है ना कि भाई तुम किससे भिड़ रहे हो। भारत को बोल रहे हो डेड इकॉनमी। क्यों बोल रहे हो? पता चलता है ना कि मर्च अलग अलवा के। जैसे ना खिसियानी बिल्ली खं नोचती है। अब भारत इतनी तेजी से विकास कर रहा है। आगे बढ़ रहा है। हमारी अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है। और मोदी जी किसी के आगे झुकते नहीं। वो रवि भैया ने बोला था ना वो एकदम सही बोले थे। हम लोग कभी भी जाते हैं औरकि उनके सामने जाकर पैर छूने का मन करता है और जैसे पैर छूने जाते हैं तो पकड़ लेते हाथ और बोलते भारत नहीं झुकेगा किसी के आगे। तो यह सिर्फ रवि भैया ने माइक पर नहीं बोला था। यह मेरा भी अनुभव है। उनका पैर छूने जाओ। वह हाथ पकड़ के एक ही बात बोलते भारत नहीं झुकेगा किसी के आगे। अच्छा रवि भैया का आपने जिक्र किया। हमको एक चीज और याद आ गया। अभी रवि भैया कांड किए थे समोसा संसद में। लोग कहे कि इसके बाद यहां चर्चा हो जाए कि चटनी लाल नहीं मिलती है, हरा वाला मिलती है। वो कहे समोसा अलग-अलग साइज मिलता है। अलग-अलग रेट मिलता है। भाई रवि भैया का ना यही कमाल है। एक दिन ना हम लोग दोनों लोग बैठे थे सदन में और साथ में ही बैठते थे हम लोग। सीट हमारी अलग-अलग थी। हम तो हम लोग साथ में इतना बैठते थे कि जब नया सदन बना तो उसमें ना हम दोनों की सीट साथ में ही रख दिया गया। कि ये लोग को कहीं सीट दे दो बैठेगा साथ में। तो बैठे थे हम लोग। तो वो ऐसे कुछ ना कुछ ऐसी चीजें करते रहते हैं कि वो अचानक से अचानक से बैठे थे और बैठे-बैठे और कुछ ऐसा जोक मार देते हैं। मैं जोर-जोर से हंसने लगा तो सामने से जो अध्यक्ष जी थे उनका नजर गया तो मैं सकपका गया और बोले अरे वो योगी जी बगल बैठे थे कहे शमशान घाट का उद्घाटन था। हां। यहां तो सीधे स्वर्ग जाओगे। हर हर महादेव। महाराज और इसलिए महाराज जी भी खूब आनंद लेते हैं। खूब आनंद लेते हैं और रवि भैया बहुत एकदम मस्त मौजूद। तो रवि भैया काहे का नहीं भेजे ठाकरे जी के पास। जो आप लड़ाई कर रहे थे कि भाषा के खिलाफ अगर मराठी भाषा लड़ाई जो विवाद चल रहा था। आप बोले रवि भैया भेज देते। नहीं नहीं रवि भैया भी हर-हर महादेव करते हुए अपने महादेव कर ही देंगे वो कर ही देंगे। लेकिन मैं ना भैया आप बहुत भिड़ गए थे। आपने कहा मुंबई में बैठ के आप कहे कि हम बैठे हैं यहां पर जिसको करना है कर लो। डर नहीं लगता आपको राज ठाकरे से डर नहीं डरते आप। क्यों डर लगेगा? मैं इसलिए बोला कि एक बात बताइए ये देश आजाद हुआ हम और इस देश को आजादी दिलाने में हम कितनी कुर्बानी हुई? कहते हैं कि करता कदर कौन माताम की अगर जन्म लेने के रिश्ते ना होते। आजाद होता ना भारत हमारा अगर हिंद में कुछ फरिश्ते ना होते। जन्मे किशन सिंह के गोदी के तारा दिए खून से सींच भारत की रेती वह थे भगत सिंह बचपन में कहते करूंगा पिताजी बंदूकों की खेती भारत का बच्चा जब ऐसा भाव रखता है कि इस देश को आजाद कराने के लिए शहीद हो जाएंगे और शहीद हुए कुर्बानी दिए तब यह आजाद हुआ लेकिन जब आजादी मिलने के बाद इस देश में तुष्टीकरण करने वाला नेता इस देश में भाषा के नाम पर राजनीति करने वाला नेता इस देश में क्षेत्र के नाम पर राजनीति जातपात के नाम पर राजनीति करने वाला नेता कोई बात करेगा तो उसके खिलाफ तो हमको बोलना पड़ेगा क्योंकि तुष्टीकरण करने वाले वतन बेच देंगे बेच के चमन ये अमन बेच देंगे और बचेगा ना कुछ भी जब बेचने की खातिर खोद करके कबर ये कफ़न बेच देंगे बट जैसे नेता लोग बिहार से बोलते समझ में आता है आप मुंबई में बैठ के बोल रहे हो। हां। क्योंकि अगर भाषा के सम्मान की बात है तो संविधान के हिसाब से यह देश चलता है ना। हम और संविधान लिखा किसने है? बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने। उनकी भाषा क्या है? मराठी है। यही की हां सही बात है। तो हम उस संविधान की अगर हम इज्जत करते हैं और उसके हिसाब से रहते हैं तो उनका सम्मान हम कर रहे हैं। आप तो उनका ही सम्मान नहीं कर रहे हो। अब संविधान के जो अनुच्छेद 19 है कि कोई किसी भी राज्य में रह सकता है। कोई भी भाषा बोल सकता है। मतलब इस पे हमने भी एक वीडियो बनाया था। हमने कहा था अगर मारना ही है तो बड़ा-बड़ा फिल्मी सितारा लोग रहता है। वही तो महाराज हम लोग की तरफ भेजे थे। हां कि करता है आप गरीब ठेला वाले को नहीं मारो। रिक्शा वाले नहीं मारो। वो आदमी सर्वाइवल के लिए आया है। गांव देहात से अपना घर बार छोड़ के चार पैसा कमाने आया है। उसको क्या हिंदी मराठी में पसार है। उसके पेट का सवाल है कि रात को खाना मिलेगा नहीं मिलेगा। इतना बड़ा-बड़ा बॉलीवुड है। इनको पकड़ो। कहो कि मराठी कंपल्शन है और भाषा सीखना खराब नहीं है। सीखिए हम भी यहां रहेंगे सीख लेंगे। मराठी का सम्मान है। लेकिन उसको आधार बनाकर पीटना गलत है। अपराध है ये। हमक में पढ़े हैं। आमी बांग्ला बोलते पारी। खूब भाल को बांग्ला बोलते पारी। हम वहां पढ़े हैं तो बोल रहे हैं। हमारे बच्चे महाराष्ट्र में पढ़ रहे हैं। उनसे आप बात करिए वो मराठी बोलेंगे। वो पढ़ रहे हैं मराठी। भाई जिसको आती है वो तो बोलेगा ही। और अगर हमसे भी आप महाराष्ट्र में मराठी में ही बात करेंगे तो सुन के मैं भी सीख जाऊंगा। हम आप तो खुद ही हमसे हिंदी में बात करते हैं। हम अच्छा ये लोग भी हां अब ये राजनीति करने के लिए भाईचारा खत्म मत करिए क्योंकि मैं ऐसा कहता हूं कि हम जब काम करते हैं यहां फिल्म बनाते हैं मराठी बोलने वाला तेलुगु, तमिल, कन्नड़, पंजाबी, गुजराती, मराठी, भोजपुरी ये सब एक साथ मिलके काम करते हैं क्योंकि हमारे बीच में भाईचारा है। हम और अगर इस भाईचारा को खत्म करने के लिए कोई राजनीति करना चाहता है तो वह नेता बहुत बेचारा है। क्योंकि हम हिंदी बोले, मराठी बोले, गुजराती बोले, कन्नड़ बोले, तेलुगु बोले पर हम गर्व से कहते हैं कि हम हिंदुस्तानी हैं और ये पूरा हिंदुस्तान हमारा है। हम पूरा हिंदुस्तान हमारा है और हम सब भाषा का सम्मान करते हैं। हां मतलब किसी को सम्मान देने के लिए किसी को अपमान करने की जरूरत नहीं है। और उस आदमी का तो यह तो देखिए ना वह दायरा उसने समझ लिया है कि हमको यहां से बाहर जाना ही नहीं है। कौन सी राजनीति कर रहे हो भैया? अब 1ढ़% वोट मिला तो क्या करेंगे? हम पूरे देश में जाते हैं। हम महाराष्ट्र में चुनाव हो तो भी हम जाते हैं। हम पंजाब में हो, दिल्ली में हो, हरियाणा में हो, आसाम में हो, जहां भी चुनाव हो, हम अपने पार्टी के प्रचारक हैं। हम जाते हैं। यह आदमी सिर्फ यही बैठ के और जितना बात कर ले इनको बोलो जाओ अभी अयोध्या जाना था उधर वो चाचा हमारे ललकारे तो ये रुक गया ही नहीं विजभूषण बात कर रहे हां जाना चाहिए था ना तो भैया यहीं खाली बैठ के राजनीति करोगे पूरा देश को एक साथ ले चलो सबके बीच में भाईचारा है ये भाईचारा को खत्म करने की कोशिश मत करो ठीक बात है यहां हम आपका समर्थन करते हैं कि आप और खासतौर पर गरीब आदमी आदमी को मत मारिए पीटिए। मतलब किसी से भी मैं कहूंगा कि ताकत दिखाना है। बराबर की औकात वाले को दिखाओ। गरीब आदमी मार के क्या मिलेगा। गरीब पे तो हर आदमी मार देता है। और सबसे बड़ी बात एक है। आप हाथ उसी पे उठाते हो ना जिस पे आपको पता होता है कि पलट के नहीं मारेगा। सही बात है। और अगर पलट के उसने एक मार दिया ना तो फिर जीवन में कभी दोबारा किसी पे हाथ उठाने नहीं जाओगे। पता है कि साला ठोक देगा सामने से। तो हर किसी को एक चीज तो समझना चाहिए अपना अधिकार कि आपका अधिकार है कि आप कहीं भी रह सकते हैं। कोई भी भाषा बोल सकते हैं। और अगर भाषा बोलने के लिए या कहीं और राज्य में रहने के लिए कोई आप पे हाथ उठाना चाहता है तो वो कानून तोड़ रहा है। एक मारता है तो उसको दो मारो। हालांकि इस पे भी हम ये कहेंगे अगर आप लंबे समय तक किसी जगह रहते हैं तो सीख भी लीजिए। लीजिए सीख जी वह भी अच्छी चीज़ है। उनके कल्चर का सीखने में बुराई नहीं है। हम तो कह ही रहे हैं कि सीखने में बुराई नहीं है। आप जितनी ज्यादा भाषा सीख सकते हैं वो सारी भाषाएं ईजी काम हो जाएगा। लाइफ ईजी हो जाएगी। ईजी हो जाएगा। उसके लिए कोई बुराई नहीं है। पर मारोगे आप? सही बात है। गरीब आदमी को और उससे भी बड़ी बात बताता हूं मैं। इस बात पे मुझे गुस्सा क्यों आया? सिर्फ ये नेताओं तक रहता तो मुझे गुस्सा नहीं आता। एक साधारण नागरिक उस आदमी को सुन के फंस गया जिसको कुछ लेना देना नहीं है। उसको पता नहीं है कि ये क्यों बोल रहा है। ये कुछ राजनैतिक लाभ इसको लेना है। इसलिए बोल रहा है और वो ट्रेन के लोकल डब्बे में एक साधारण महिला किसी साधारण महिला को ऐ बोल मराठी बोल बोल बोल लड़ रही है। क्या ये नफरत फैला रहे हो तुम? क्योंकि वह जब आपको सुनने वाले लोग वह नफरत करने लगेंगे तो फिर क्या बचेगा? सही बात है। अगर आपका कोई सुनता है और आप लीडर बनते हो तो अच्छा चीज करो ना। देश को जोड़ने के लिए काम करो। खड़ा कर दो कि ए भाई सब लोग एक साथ भाई भाई हैं। आप देश को जोड़ने के लिए अपने पॉलिटिक्स का इस्तेमाल करो। अपने कद का इस्तेमाल करो। पावर का इस्तेमाल करो। उनकी पार्टी का नाम महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना जो संस्कृत का शब्द है। संस्कृत से मराठी आई, संस्कृत से हिंदी आई और हम आपस में मराठी हिंदी में वार कर रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है बट बहुत दुर्भाग्यपूर्ण पार्ट सेड पार्ट ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स बिल्कुल नहीं होना चाहिए। और मैंने कहा था कि ये जहां भी हो उसका विरोध होना चाहिए और सबको करना चाहिए और सबने किया भी। विरोध किया सबने किया। ठीक। अब कुछ पर्सनल क्वेश्चन आते हैं। पॉलिटिकल बहुत हो गया। ये सच है कि बचपन में भैंस से बैठे गाना जब आप गाते थे सोचते थे मैं ही राजा हूं। हां। लगता था और सच में मुझे लगता है ना कि हम कुछ भी कर लें कितनी भी सफलता हासिल कर लें कहीं भी चले जाए पर आज भी वो जो गांव में रहने पे जो अपने को राजशाही जो रहती है वो तो कहीं नहीं मिलेगी ये तो सच बात है। पिताजी चाहते थे आप कैशियर बने। उन्हें लगता था सबसे ज्यादा पैसा इसी में उनको लगता था सब पैसा वो कैशियर के पास है तो तो उसका अपना पैसा होता था हमको इसीलिए वो मतलब कॉमर्स इसीलिए हमको पढ़ाए थे हम पर हमारी रुचि थी इधर गायकी में हम तो हम इधर आ गए करिश्मा कपूर बहुत पसंद है आपको बहुत कौन पिक्चर पसंद है करिश्मा कपूर की राजा हिंदुस्तानी जियो अब सोचिए कितनी पसंद है कि राजा हिंदुस्तानी देखे थे हां और हम निरहुआ वा हिंदुस्तानी बना दिया। अरे गजब और भोजपुरी की सबसे टॉप पिक्चर है। ऐसी पिक्चर है कि निरहुआ हिंदुस्तानी जब 2014 में आई उसके बाद दूसरी भाषा के लोग भी देखने लगे। अरे महाराज हमको बताया कि 400 मिलियन प्लस पिक्चर देख डाले लोग YouTube पे। जी। मतलब 50-50 करोड़ लोग देखे हैं। तो सिर्फ भोजपुरी वाले ही तो नहीं देखे। बाहर वाले भी देखे हैं और भी भाषा के लोग देखें और वो मिलते तो बताते भी हैं कि भाई वो फिल्म देखने के बाद हम लोग आपकी फिल्में देखने लगे तो निश्चित रूप से वो फिल्म का बहुत बड़ा योगदान है। करिश्मा कपूर हां करिश्मा कपूर जी का बहुत बड़ा योगदान है। पोस्टर से लगाते थे। हां घर के जैसे ये सब दिख रहा है आपको हम तो मेरे घर के दीवार पे सिर्फ हर इंच पे करिश्मा कपूर मैं था फैन। हम सुने कोई मोहल्ले में लड़की गाना ववाना भी आप लोग गाते रहते थे। हां। क्योंकि देखिए क्या होता है। कौन गाना करिश्मा कपूर का बहुत पसंद है आपको? बहुत सारा गाना उनका तो मतलब अ आए हो मेरी जिंदगी में तुम बहार बनके। वो भी उसी फिल्म का गाना है। हां हां मेरे दिल में यूं ही रहना तुम प्यार प्यार प्यार बनके। तो बहुत अच्छा मतलब फैन मैं आज भी हूं। हम्म और आज भी कोई फिल्म आती है तो जरूर देखता हूं। हीरो कौन पसंद था? हीरो तो समय-समय पे जैसे-जैसे आते गए हीरोइन नहीं बदली। नहीं हीरोइन भी ऐसा नहीं है। मैं ये नहीं कह सकता जब करिश्मा कपूर जी जब तक कर रही थी फिल्में तब तक ठीक। अब उनके बाद करीना कपूर जी की फिल्म आई रिफ्यूजी उनके भी फैन हो गए। करीना दिल आ गया। नहीं दिल आना अलग चीज है। फैन होना अलग चीज है। दिल का पूछ रहे महाराज क्रश सारा नहीं होता ना। क्रश जैसे जैसे करिश्मा को लेके कुछ कुछ होता था। नहीं नहीं वो भी मैं फैन ही था। अभी तक रहा अरे महाराजा हिंदुस्तानी निरहुआ हिंदुस्तानी वन निरहुआ हिंदुस्तानी टू थ्री फोर थ्री फोर फोर तक आ गई मतलब ये खाली फैन थोड़ी ना थे थोड़ा आगे था मामला नहीं नहीं फैन अब देखिए क्या है कि हम जहां से आते हैं हां हमारी औकात ही नहीं है वहां सोचने की अरे उससे क्या मतलब हम अपने मन में पसंद कर रहे हैं हम कर रहे हैं तो वो हम फैन कि भाई हमको ये हीरोइन पसंद है। हमको ये हीरो पसंद है। वो फैन मोमेंट होता है। वो ऐसा नहीं होता है। उससे ज्यादा नहीं। निरहुआ बुलाने में शुरू में लोग गुस्साते थे आप? हां शुरू में मेरे को लगता था यार मैं दिनेश लाल यादव हूं। मुझे क्यों मैंने तो गाना गाया निरहुआ का तो ये क्या है? दुल्हन रहे बीमार हां दुल्हन रहे बीमार सटल रहे बोले तो तो गाना गाए थे तो हम ही को निरहुआ बना दिया लोग लेकिन गजब चिपक गया लेकिन हां ऐसा चिपका कि फिर वो लगा कि नहीं जब एक पहचान बन गई और जनता उसी नाम से बुला रही है। आपको एक पहचान मिल गई तो ठीक है। बड़ी गजब है कि एक गाना गाया उसके चक्कर में चार पिक्चर बन गई निरहुआ हिंदुस्तानी। अरे चार नहीं भैया बहुत सारी बन गई निरहुआ रिक्शा वाला निरहुआ हिंदुस्तानी निरहुआ चल ससुराल निरहुआ चल लंदन निरहुआ लीडर बहुत सारी और अभी भी लाइंस बहुत सारी आपको लगता है कि 10 में से छह आदमी को निरहुआ में एक बार आपका शक्ल याद आ जाएगा दिनेश लाल यादव फिर भी आदमी सोचेगा एक बार हां निरहुआ सबको याद है और लोग बोलते भी हैं कि जैसे कोई बोलता है दिनेश लाल यादव आ रहे हैं बोला निरहुआ नहीं आ रहे बोला अरे वही आ रहा वही गिरा हुआ है। गजब महाराज ये भी कितना सोशल मीडिया पिक्चर का इंपैक्ट कितना होता है। अच्छा ये आप लोग क्या बहुत चलता रहता है कि भोजपुरी में आप लोग गन मचाए थे एक टाइम पे रवि जी भी सिर्फ सवाल पूछा हमने आपस पूछ ले रहे हैं हम कि बड़ा डबल मीनिंग गाना ये सब वो सब और अब आप लोग सांसद बने हो तो अब पुराना जो गानावाना है उसको देख के असहज होते हो आप लोग नहीं क्यों मुझे लगता है जैसे रवि जी बहुत परेशान हो जाते हैं उनसे कुछ पूछता है रिमोट से लहंगावहंगा तो कहते हैं माफी मांग लेते हैं क्यों मांग रहे हैं माफी मैंने उनसे कहा हम क्यों माफी मांग रहे हैं आप जब कहीं कोई काम कर रहे हैं और आपके हाथ में नहीं है कि फिल्म में गाना क्या होगा? फिल्म में डायलॉग क्या होगा वो आपको फिल्म लेके बना रहा है यही आपके लिए बड़ी बात है। तो आप कर रहे हैं। हां आपको अगर कुछ गलत लग रहा है तो फिर उसको सुधारने के लिए आप कुछ कदम उठाइए। हमने उठाया। हमको भी बुरा लगता था कि यार नहीं होना चाहिए। ये सब क्या है? कोई आता है बोलता है एक आइटम सॉन्ग हिट हो गया तो पूरा फिल्में में आइटम सॉन्ग भर दिया। बोला नहीं गलत है। तो फिर मैं खुद फिल्में बनाने लगा और अपनी फिल्मों से आइटम सॉन्ग ही गायब कर दिया। हम तो अगर कुछ बुरा लग रहा है, गलत लग रहा है कि जो हो रहा है वो ठीक नहीं है तो आप बदलो ना उसको। बदलने के लिए कौन आपको मना कर रहा है? अब आज देखिए आप फिल्में आ रही हैं। मतलब ऐसी ऐसी फिल्म आ रही है। माई आई है। फसल आई है। रिश्तों का बंटवारा आई है। मंडप आई है। अभी मायके मैं मायके चली जाऊंगी। आई है। अभी पटना से पाकिस्तान टू भी आ रही है। पार्टनर तो आप बदलाव लाइए ना। बट जैसे उसमें तर्क क्या आता है कई लोग सोशल मीडिया पढ़ रहा था मैं कि जैसे मनोज जी का एक गाना था कि लड़की के लाल बस सहर कहवा और पढ़ावा तो कहते हैं कि सब दिमाग में डाल दिया गया तो लड़की लोग पढ़ने भी नहीं भेज दिल की सह जाएगी बबनी के लाल बसहर कहावा गवा हम रटा है महाराज उसके पीछे जो सबसे बड़ा कारण है भैया हां मैं आज एकदम दिल की बात बताता हूं आपको एल्बम पे ना जब तक सेंसर नहीं लगेगा हम तब तब तक यह चीजें नहीं रुकेंगी। जैसे हमारी फिल्मों पर सेंसर है। सेंसर बोर्ड अगर मैं एक गाली भी दे दूं उसको पास नहीं करता है। हम बाकी चीजें तो छोड़ दीजिए काट देता है। वैसे ही अगर इन एल्बम पे भी सेंसर लग जाए और ऐसा मानना भी था। प्लूटो ने भी कहा था कि आपको अगर एक आदर्श राज्य बनाना है तो कलाकार और गीतकार इन लोगों पर सेंसर लगाइए। बट फिर अभिवक्तिक आजादी पर रोना गाना शुरू हो जाएगा। नहीं पर देखिए हम क्या है कि जहां ना पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि। सही बात है। भाई आप जहां नहीं पहुंच सकते वो वहां तक सोच लेगा। हम और सोच लेगा तो वो गा देगा। वो बना देगा। तो आपका काम है कि आप ना उसको रोको सेंसर लगाओ कि नहीं भाई तू ठीक है तुम्हारा दिमाग वहां तक जा रहा है लेकिन वहां तक जाना नहीं है हम तो मुझे लगता है कि बहुत जरूरत है कि एल्बम पे सेंसर लगाया जाए और जो चीजें समाज को अगर भ्रमित कर रही है या कुछ बुरा हो रहा है तो उसको वहीं रोक दीजिए उसको आगे आने ही मत दीजिए समाज में। ठीक है? अच्छा बॉलीवुड की फिल्मों में किसिंग सीन होता है। भोजपुरी और साउथ में ढोंडी से इतना प्रेम क्यों होता है? बहुत चलता है। आजकल आजकल नया जो लड़का लोग एआईवी बनाने लगा लड़का लोग वो भी सब खूब वायरल करता है। तो इसकी क्या क्रांति है? साउथ में बड़ा चलने लगा। भी वही एल्बम का ही क्रांति है। पे हां वो भी एल्बम का ही क्रांति है। तो इनको भाई रोकने का एक ही तरीका है कि सेंसर लगाइए। यूपी में भी लगाइए, बिहार में भी लगाइए। कोई व्यक्ति एल्बम गा रहा है तो एक सेंसर बोर्ड होना चाहिए। सेंसर बोर्ड जब पास करे कि हां ये ठीक है। ये चल सकता है। तो सारा बड़ा लोग आप, सारा सांसद लोग आप, सरकार आपका तो इसका पहल भी तो आप लोग करना चाहिए। और पापोपो लोग के माथा चढ़ता है। हम मांग बाकी लोग से सवाल नहीं पूछते। यही आप चार लोग से सवाल पूछे जाते हैं। हमसे सवाल पूछे जाते इसीलिए तो हम एल्बम गाना बंद कर दिए। अगर हम चाहते हां सबसे ज्यादा पैसा वही है एल्बम में हां मतलब अगर 30 दिन 40 दिन में हम एक फिल्म करेंगे जितना पैसा कमाएंगे वो चार दिन में चार गाना करके कमा लेंगे लेकिन हमने वो बंद ही कर दिया हम बोला गाना ही नहीं है हमको नहीं चाहिए जो कंपटीशन चल रहा है ढोंडी का और इसका और उसका फलाना हमको उसमें पढ़ना ही नहीं है नहीं गाएंगे मतलब पेटीकोट ब्लाउज हुक हां इससे आगे बढ़ नहीं करते तो हम बोले हमको गाना ही नहीं है जाने दो छोड़ दो छोड़ दिए एल्बम गाना ही छोड़ दिया बट छोड़ दिए चलो वो तो आप व्यक्तिगत छोड़ दिए जैसे फिर मैं कह रहा हूं पाप आप ही लोग के माथे पे आ रहा है सवाल आप ही लोग से पूछते हो वो नौका लड़का लोग कहता है कि भैया लोग किए थे अपने जमाने में उन्हें देख के हम भी सीख गए अब चल रहा है लोग देख रहे हैं तो हम भी कर रहे हैं तो इसको पाप को पुण्य में बदलने के लिए जो ये सेंसर बोर्ड आप रास्ता बता रहे हैं उस पे हम लोग मांग किए हैं हमने सरकार आपका मांग किससे सरकार से हीकि उनसे हम कह रहे हैं कि यह चीज कर दिया जाए और हो जाएगा 100% होगा क्योंकि बाकी सब तो मतलब थोड़ा अच्छा इससे कल्चर बेहतर हो जाएगा हां कि कुछ अच्छा आएगा तो आप लोग भी बाहर जाओगे तो बिल्कुल और सच्चाई ये है सर हम कि चाहे वो तेलुगु हो तमिल हो कन्नड़ हो मराठी हो गुजराती हो किसी भाषा को आप देख लीजिए हम शुरुआत सबकी ऐसे ही है हां हां अभी भी यही है अभी आशिकी 3 में जो हीरोइन आ रही हैं उनका नाम भूल रहा हूं श्री लला है क्या नाम उनका है उनका भी एक वीडियो जा रहा है जिसमें वो एक्टर वही ढोंडी चाटे जा रहे हैं। हमने कहा ससुरा ना यहां अंतर है ना वहां अंतर है। बिल्कुल और मुझे तो याद है कि जब हम लोग कोक में पढ़ते थे तो जिस थिएटर में हम जाते थे फिल्में देखने हम तो वहां 12:00 बजे का जो शो होता था ना उसमें साउथ की फिल्म लगाई जाती थी। हम्म और वो बच्चे नहीं देख सकते थे। हम बोले क्यों? नहीं नहीं वो बच्चों के लिए नहीं है तो उनकी भी शुरुआत वहीं से है हम हां यह ठीक है कि समय के साथ अपडेट कर ले वो हां समय के साथ बदलिए बदलना चाहिए और हम लोग भी प्रयास कर रहे हैं हम भी बदल रहे हैं हम हम अच्छा प्रयास कर रहे हैं आज लोग देख के कहते भी हैं जो लोग देखते हैं जो माई देखते हैं जो फसल देखते हैं जो भी फिल्में अभी हम अच्छी फिल्में करके ला रहे हैं तो उसको देख के लोग सराहना भी करते हैं कि हां इस तरह की फिल्म हमको भी अच्छी लग रही है और बनना चाहिए तभी तो 40 करोड़ लोग देख रहे हैं हम बाबा बागेश्वर का आपने समर्थन किया था कई बार आपको पसंद है वो बहुत क्या पसंद है उनमें वो जब राम कथा कहते हैं हम तो ये सवाल जो आपने पूछा ये मेरे बच्चे ने भी एक दिन पूछ लिया था मुझसे हम कि आप क्यों ये सब में चाहते हैं तो हम बोले क्या है कि जब वो राम कथा कहते हैं हम और जितने रोचक तरीके से कहते हैं वो किसी को ऐसे अगर सुनाया जाए शायद वह उसको मजा नहीं आएगा। पर उनका जो तरीका है सुनाने का बताने का वो इतना बढ़िया है कि लोग उसको सुन रहे हैं और लोगों को रामायण का महाभारत का भगवान का अगर पता चल रहा है। नहीं तो यह लोग तो वही शक्तिमान और वो जो कौन-कौन एक कार्टून वाले जो रहते हैं वही सबको यह लोग जानते हैं बच्चे लोग। आज कम से कम प्रेमानंद जी महाराज जी हैं। हमारे यह बागेश्वर बाबा हैं। यह लोग जब आज उसी मोबाइल पर आ रहे हैं तो छोटे-छोटे हमारी बिटियां बोलती है कि हमको प्रेमानंद महाराज जी से मिलना है। सुंदर सुन रहे हैं। तो यही तो चाहिए कि हमारी जो संस्कृति है, जो हमारी विरासत है, उसको अगर कोई इतना प्रभावशाली ढंग से पेश कर रहा है तो और क्या चाहिए? ओके। अब एक सवाल जो बहुत सारे लोगों ने कहा और यह सवाल आपको परेशान करेगा या कैसे जवाब दोगे वो आपकी कहानी है। रामभद्राचार्य जी के पास आप गए थे। आपके भोजपुरी में एक हीरोइन है जिन्होंने 35 फिल्म आपके साथ की है। आओ ज्यादा की होगी। आम्रपाली जी हां। आपने कहा उनको अर्धांगिनी वहां कह दिया था। हम बहुत सारा लड़का लोग या बहुत सारा लोग ये सवाल पूछते हैं कि रियल लाइफ और रियल लाइफ में क्या अंतर है? बहुत अंतर है और इसको ना मैं थोड़ा शुरू से शुरू करता हूं तो आपको ना और अच्छे से मैं पूरा समय क्योंकि यह एक टॉपिक है जिस पे आपसे कई लोग पूछते भी होंगे। हां तो ये ना मैं वहां से शुरू करता हूं। वही प्रोड्यूसर जो खेसारी जी को फिल्म बना रहे थे लेके और वो चीजें हुई थी जहां पे मैं जाके मदद किया था। वही मेरे साथ पहली फिल्म बना रहे थे। हम तो मेरा वही एल्बम आया था। दूल्हा रहे बीमार नहीं रहल उसमें जो हीरोइन थी तो मैं जहां जाता था तो सब लोग बोलते थे कि अरे भैया तूला तो दुल्हन आई नहीं है वो हमारी दुल्हन थोड़े अरे हम बोले ये क्या चल रहा है भाई तो मैं थोड़ा सावधान हो गया मैं गया जब उनके गांव में शूटिंग करने तो उनका बड़ा आलीशान घर था उनके घर पे ही शूटिंग हो रही थी तो उनके घर पे हीरोइन रुकी थी और उन्होंने मेरे लिए भी वही एक कमरा किया था व्यवस्था। बोला भैया हम यहां ना रुक बोले का है हम बोले जो पंप नहर ना जहां यूनिट रुक है हम वही रुक ज यहां पता नहीं ऐसे ही लोग बात बना रहे हैं कि वो तुम्हारी दुल्हन है ऐसा है बोले अरे होता है बातचीत ऐसा तुम मत हम बोला ना ना हमको रहना ही नहीं है तो हम जा के ना पंप नहर पे रह के वो शूटिंग किए थे उसके बाद भी जहां जाते थे यही चलता था के उनकी दुल्हन है। फिर उनकी शादी हो गई तो छुटकारा पाली जी की नहीं नहीं मैं वो निरहुआ सटल रहेगी क्योंकि वाली हीरोइन हां जहां से शुरू हुआ हां हां ये बात फिर उसके बाद जब मैं निरहुआ रिक्शा वाला किया तो निरहुआ रिक्शा वाला के बाद वो फिल्म इतनी हिट हो गई कि लगातार पाखी जी के साथ फिल्में बनने लगी क्योंकि उनको भी लगता था कि यह पेयर हिट है यार इनको ले बनाओ तो फिर जहां भी जाता था बोला अरे भैया भौजी कहां बोले आए अरे यार भजी थोड़े हमारा ब्याह हो चुका ऐसा नहीं है हम पर हमको समझ में आ गया कि हम जिसके साथ फिल्म करते हैं हमारा पेयर हिट है तो लोग ऐसे उनको मजा आता है वो बोलने में चलो ठीक है फिर जब आम्रपाली जी आई 2014 में और उनके साथ लगातार फिल्में हिट हुई निरहुआ हिंदुस्तानी निरहुआ रिक्शा वाला राजा बाबू पटना से पाकिस्तान जिगर वाला सब लाइन साइंस एकदम ब्लॉकबस्टर तो अब हम उसके बाद 19 में चुनाव लड़ने गए तो वहां भी प्रचार में आई थी और वो लोग मेरे से ज्यादा उनका नारा लगा रहे थे अम्रपाली भौजी जिंदाबाद अम्रपाली भौजी जिंदाबाद बोले लो और बन गया तो जनता तक तो ठीक है हम अबकि भोजपुरी भाषा से ही हमारे गुरु जी भी हैं रामभद्राचार्य जी हम तो वह भी जब पाते हैं तो उनको भी विनोद करना होता है। उनको भी हंसी मजाक करना रहता है। तो हम गए तो बोले आओ आओ निरहुआ और का हाल है ठीक है गुरुजी आओ आओ अच्छा अच्छा अच्छा और सब बताओ निरहुआ सटल रहे बैठ बैठ बैठ और बताओ तो बोले सब बढ़िया गुरुजी आप बताई सब तबीयत में सब ठीक बाबा बोले हां बोले इ के तोहार बह नहीं तो बोले बाबा मजा लेते मजा लेने लगे हमारे पदार हैं हां तो बाबा हम समझ गए बाबा मजा ले रहे तो हम बोले यार 35 फिल्म किए हर फिल्म में मेरी बीवी बनी है। और गुरुजी हमारे सब देखते हैं। और ये बोल रहे हैं भाई नहीं हम बोले नहीं गुरुजी अर्धांगिनी है। बोले का बात कर रहे हो? अरे कब? बोला अरे हां महाराज गुरुजी ये हमारी अर्धांगिनी है। हम तो जैसे बाबा मजा ले रहे थे तो थोड़ा हम भी विनोद कर दिए। पर देखिए अब नया चीज चालू हो गया है। अभी अब इंडस्ट्री में चालू हो गया। अब तक भी पहुंच ही जाएगा। पिछले एक साल से भोजपुरी में ज्यादातर फीमेल ओरिएंटेड फिल्में बनने लगी हैं। तो अब एक साल से हम लोगों ने साथ में काम नहीं किया है। कम से कम 10-12 फिल्म वो अकेले कर रही हैं। हम तो अब जहां जा रहे हैं पूछे का होम्रपाली कहां है? छोड़ देला। छोड़ देला। अरे यार उनके साथ फिल्म आएगी तो करेंगे। मतलब यह हमको भी आते वक्त दो चीज मैं आपको इसमें ऐड कर रहा हूं क्योंकि अब आप खुलकर बात हुई है तो वंस फॉर ऑल बात हो जाना चाहिए ताकि लोगों तक भी दो तरह का परसेप्शन चलता है एक कि आप और आम्रपाली जी साथ रहते थे साथ रहे रिश्ता था अब एक साल से खटपट हो गई है अब आप लोग सार्वजनिक मना नहीं कर रहे हो लेकिन अलग-अलग हो गया हो नहीं नहीं ऐसा नहीं है देखिए हम साथ में फिल्में लगातार किए और मैं अभी भी कह रहा हूं ऑन कैमरा कह रहा हूं कि चाहे आम्रपाली जी हो, चाहे अक्षरा जी हो, चाहे काजल जी हो, चाहे पाखी जी हो, चाहे रिंकू जी हो, चाहे रानी जी हो, किसी के साथ भी मुझे फिल्म ऑफर होती है, मैं मना नहीं करता हूं। मैं सबके साथ काम करता हूं। आगे भी आएंगी फिल्में और हम लोग करेंगे। ऐसा आप ही कह रहे हो कि जैसे आपके लिए अक्षरा है, रानी है, काजल है वैसे अम्रपाली है। बिल्कुल ये सही है कि उनके साथ ज्यादा हिट फिल्में थी तो लोग महाराज बहुत बहुत गरीब है। जाओगे। लोग बहुत क्यों लोग मानते हैं कि आप लोग का रिश्ता रहा है अरे तो भाई अब उनके लिए हम क्या कह सकते हैं? हम तो इसीलिए तो आपको पूरी कहानी बता सुना मैंने मैं आपको कि भैया वो आज से नहीं मैं एक तो ऐसी चीज बताता हूं कि आप अभी कहीं मैंने ये बात कही नहीं है। एक बार क्या हुआ कि हम लोग एक शो करने जा रहे हम हम और खुशबू राज तो जहां प्रोग्राम था प्रोग्राम के पहले जो दरोगा जी थे उनको पता था कि आज यहां प्रोग्राम है। निरहुआ के साथ खुशबू राज आ रही हैं। हम अब वो जो है पूरा एकदम तैयार होकर पेटवट अंदर खींच के और लगातार फोन मिला रहे हैं खुशबू राज जी को। हां। कि पहले आपको थाने पर रुकना है और फिर यहां से हम पूरी व्यवस्था के साथ ले आपको स्टेज पर जाएंगे। तो भी बोली ठीक है ठीक है ठीक है बोली भैया पहले ना चले के वहां बिछवा में दरोगा जी का बार-बार फोन आव था वहां से बोले अरे कहां फंस रही हैं आप चलिए वहां लेट हो रहा है बोले ना दरोगा जी बुला तो हम लोग गए और हम जाके जैसे वहां उतरे दरोगा जी मिले अरे आइए आइए निरहुआ आ गए आ गए और तब तक फटाक से फोन मिलाए खुशबू जी को अरे निरहुआ पहुंच गए अभी आप नहीं आए आप आइए हम लोग बस यहां से साथ में ही चलेंगे और वो ना बगल में ही हैं खुशबू जी तो बोले अरे कहां है खुशबू जी तो देखा तो वो जो मॉडल उसमें थी ना उनको खुशबू जी समझ रहे थे तो बोले अरे तो तोहरे माई के उम्र के तो मेहरवा कहां बोले अरे मेहरवा ना वो मॉडल है वो में काम क ले रहे और ये सिंगर है गाना ले रहे तो अपने मन से ही ये बना लेते हैं लोग अभी क्या कर हैं। फिर ठीक है। हम भी उसको अच्छा एक टाइम के बाद ना हम लोग भी उसको मना नहीं करते हैं कि ठीक है। ऑडियंस को ऐसे ही लग रहा है। ठीक है भैया। हां चलो ठीक है। जैसे पवन खेसारी लड़ रहे हैं। ऐसे आपका ये चल रहा है। हां ठीक है। चलने दो। जनता मजा ले रही है। लेने दो। मजा ले रही है। लेने दो। पिता के तौर पर कैसे हैं आप? क्योंकि मुझसे यहां मुंबई में लोगों ने कहा कि आप जो है निरहुआ जी अब पिता के तौर पर बहुत सीरियस हो गए हैं लाइफ में। अपने बच्चों को लेकर बहुत कंसर्न है आप और लाइफ में। उनको परवरिश अब बड़े हो रहे हैं बच्चे। मुझे लगता है कि शुरू से ही बच्चों के साथ एकदम फ्रेंडली रहा मैं आज भी। दो बच्चे हैं आपके। दो बच्चे हैं। एक लड़का लड़की। नहीं दोनों बेटे हैं। अच्छा बेटे हैं दोनों। दोनों बेटे हैं। और छोटे भाई प्रवेश के एक बेटा और एक बेटी। ओके। तो बेटी वो भी घर की होगी। हां तो तो उनको साथ में ही यहां शुरू से ही रहे। वो लोग साथ में ही पढ़े और अभी भी साथ में ही रहते हैं। अब हम जब काम पे जाते हैं या कुछ भी तो वो लोग बड़ा मदद भी करते हैं कि आप यह पहन लीजिए ऐसे कर लीजिए वैसे। तो बहुत फ्रेंडली है हम लोगों का रिश्ता है। क्या सपना है बच्चों को लेके? कुछ नहीं। हम उनको उनके ऊपर पूरा छोड़ दिए हैं कि आपको क्या करना है वो आप करो। हमारा काम है आपको जो करना है उसमें मदद करना और वह हम करेंगे। तो एक जो बड़ा बेटा है उसको डायरेक्टर बनना है। तो वो चेन्नई में डायरेक्शन का कोर्स कर रहे हैं। छोटा बेटा जो है उनको हीरो बनना है। अरे वाह। तो वो सुभाष घई जी के स्कूल से एक्टिंग का कोर्स कर रहे हैं। तो अपने बच्चों को आपने बताया कि आप किस संघर्ष से निकले हैं आप लोग? हां, वह तो जानते हैं और वह हम लोग बैठते तो बातें भी होती है कि कहां से कैसे-कैसे यह चीजें हुई और कहां से हम लोग यहां तक जो है संघर्ष किए, मेहनत किए। तो उनको भी यह बात हम बताते हैं कि यह मेहनत का ही काम है। आप मेहनत करके ही कहीं पहुंच सकते हैं। बाकी कोई शॉर्टकट नहीं है। तो ये चीजें तो होती है। उनको बताते रहते हैं। गरीबी कितनी बड़ी चीज होती है। मैंने रवि जी से पूछा था। तो रवि जी ने मुझसे कहा कि उनके पिताजी बीमार थे। उनके भाई साहब बीमार थे लेकिन वो घर नहीं जा पाए क्योंकि उनको पता था कि 30 आदमी के परिवार में और हैं जिनका घर पालना है, पेट पालना है। ही सेड इतना काम इसलिए करता हूं क्योंकि 3030 साल काम मांगा है मैंने संघर्ष मांगता रहा। यस आपके लिए गरीबी के मायने क्या है? गरीबी के मायने वही है कि आज हम बैठ के चाहे जितना आदर्शवादी बन के बात कर ले वह गरीबी ही होती है कि जब हम अपने आदर्शों पर चलने की कोशिश करते हैं कि हम शुरुआत करते हैं एक देवी गीत गाने से और उसको कोई नहीं पूछता है तो निरहुआ सटल रह गाना पड़ता है। बेबी बियर पी के नाचतारी गाना पड़ता है। लहंगा उठा दे रिमोट से भी उनको करना पड़ता है क्योंकि वो स्ट्रगल कर रहे होते हैं। उनको परिवार चलाना होता है। तब यह आदर्शवादी बातें नहीं होती। वहां वहां यह होती है कि काम मिल जाए। पैसा मिल जाए। पैसा मिल जाए, घर चल जाए, बहन की भी पढ़ाई हो जाए, बहन की शादी हो जाए, मां के लिए भी घर बन जाए। तब वह सिर्फ घर चलाना होता है। तब यह इतनी बड़ी-बड़ी बातें नहीं होती है। आदर्शवादी बातें अब होती है। गरीबी में नहीं होती है। भैया सच यह है। जब गरीब होते हैं ना तो उस समय सिर्फ दिखता है कि मेरे घर पे कैसे पैसा आएगा, कैसे खाना बनेगा और कैसे वो बहन रक्षाबंधन बांधने आई तो उसको भी कुछ हाथ पर रख पाए। वहीं तक सोचते हैं। बहुत कड़वा सच है सच तो यही है। अब आज हम कर ले बड़ी-बड़ी बातें कि खाली पेट गुरबत बातें नहीं होती। शाहरुख खान ने भी ये कहा था मुझे याद है। जब पेट भर जाता है तो आदमी हां फिर तो होगी बकैती फिर बड़ी-बड़ी बातें होंगी। आदर्शवादी बातें होंगी। संस्कारी बातें होंगी। गरीबी में ये सब नहीं होता है। क्योंकि जो भी चलता है ना ट्राई करने एक पढ़ा लिखा लड़का उसका भी यही रहता है कि हम यार सही करेंगे कुछ गलत नहीं करेंगे। एक करता है दो करता है तीन चार पांच छ फ्लॉप फ्लॉप फ्लॉप फ्लॉप फ्लॉप खत्म अरे कोई पूछ नहीं रहा है किसको पूछ रहा है बहिया में कसी के सया मारेला कचा कच कच उसी को वही बज रहा है अच्छा और क्या बज रहा है 80 ना 85 कुछ गा रहे हैं गुड्डू रंगीला उनका चल रहा है कुछ मनोज भैया ने गाया है वो वो चल रहा है। लहंगा उठा दे रिमोट से चल रहा है। अच्छा वही वो लोग सुनते हैं। वही चल रहा है। तो फिर वो आदर्शवादिता सब धरी की धरी रह जाती है। और फिर जो लड़का निर्गुण गाने आता है भजन गाने आता है ना उसको भी गाना पड़ता है। कमरिया कमरिया करेला पालप ललीप लागेलु पूरे दुनिया में बसता है। फिर और 100 ठ भजन गाए 100 ठू छठ या गाना गाया 500 पवन सिंह जी ने 500 देवी गीत गाया उनसे अच्छी आवाज किसकी है मतलब अभी बॉलीवुड में भी गा दे रहे हैं तो देख रहे हैं कैसे एकदम एक ही गाना तालका मजा फिल्म को कहां से कहां पहुंचा दे रहे हैं सही बात है स्त्री टू की औकात बदल गई थी उस काटी रात खेतों में आ ही नहीं रही थी हां वो देखिए उनके आवाज का जादू है वो तो भाई है लेकिन जब उनको नहीं आप सुनोगे जब वह उनकी भजन नहीं सुनोगे और उनको मजबूरी है कि उनको भी कुछ तो करना है यार इसी फील्ड में वो जनक भी नहीं याद रहता जैसे मैं पलक मुच्छल का मुच्छल का इंटरव्यू लिया मैंने तो पलक ने बताया कि 2012-13 में छठी मैया गीत साथ में गा के आई थी पवन सिंह के वो हां और पवन सिंह याद आते ही लॉलीपॉप लोग याद कर लेते हैं हां वही बंगाल वाला गाना यही दो चार गाना लोग याद करते हैं तो कहने का मतलब वही है भैया कि मेरा मानना यह है कि सिर्फ दूसरे पे उंगली उठाने से अच्छा है ना थोड़ा हम लोगों को ना आत्म मंथन करना चाहिए। हम जैसे मैं क्या गाता हूं वो अलग चीज है। मैं क्या सुनता हूं अगर आप पूछेंगे तो मैं हनुमान चालीसा सुनता हूं। मेरी दिनचर्या है कि मैं सुबह उठूंगा तो मेरे घर में हनुमान चालीसा लग जाएगा। वही बजता रहेगा। मैं और मुझे लगता नहीं है कि दुनिया में इससे ज्यादा व्यूज वाला कोई गाना गुलशन कुमार जी वाला। हां उससे ज्यादा व्यूज है किसी का। तो हमको जो सुनना है वो हम सुन रहे हैं। आपको जो सुनना है वो आप सुन रहे हैं। इतनी हार रियलिटी है भी। हम गायब हो रहे हैं जो आप सुन रहे हैं। पर हमको जो सुनना है वह हम सुन रहे हैं। सच्चाई तो है ना भैया। हम हम कड़वा सच है। मतलब सवाल उठाना ठीक है। लेकिन हां एक तस्वीर सुन रहे हो। तस्वीर का दूसरा पहलू यह भी है। सुन क्या रहे हो आप? वहां पर ऐसा तो नहीं है कि पवन सिंह ने या निरहुआ ने या रवििशन ने या मनोज तिवारी ने या किसी ने भी सिर्फ मसालेदार ही गाने या फिल्में किया है। विदेशिया किया है हमने भिखारी ठाकुर जी का। हम लोग परिवार किए हैं। जो देखने बैठ जाए तो आदमी बिना रोए रह नहीं पाएगा। बहुत लोग ऐसा बोलते हैं कि भैया परिवार देखे ना तो फूट-फूट के रोए और भाग के गए गांव और भैया लोग से झगड़ा हुआ था। सबका पैर पकड़ के माफी मांगे। अभी मेरी फिल्म आई है मैं मायके चली जाऊंगी। मुझे इतने फोन आए कि वाह बेटा क्या फिल्म बनाए हो? तो बोले क्या हुआ? बोले यह तो साला नजरिया समझ में ही नहीं आया था कि जो बहू घर में आई है और बहू को पूरे घर के लोग जो एक-एक फरमाइश कर रहे हो भाभी चाय भाभी ये भाभी वो भाभी वो भाभी ये भाभी वो तुम लोग नौकरानी की तरह खटा रहे हो वो किसी के घर की राजकुमारी आई है जो अपने मायके में वो राजकुमारी की तरह रहती थी उसके पिताजी उसको पलकों पर बिठा के रखते थे क्या चाहिए मेरी बेटी ए बेटी जो बोलेगी वो होगा उसको यहां नौकरानी बना दिए तुम लोग। बोले भैया बहू को देखने का नजरिया बदल गया मेरा। तो हम बोले हम लोग का काम ही वही है भैया कि हम ऐसी फिल्म बनाएं कि हमारे समाज में जो चीजें कुछ है जो गलत है पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा उस पर ध्यान उनका लाएं कि भाई यह बहू तुम्हारी ना नौकरानी नहीं है। यह भी किसी के बच्ची है। किसी के घर की रानी है। राजकुमारी आई है। उसका वह भी ध्यान रखना पड़ेगा। तो हम वह भी काम कर रहे हैं। उसके लिए सराहना मिलती है। अगर कोई 35 करोड़ 40 करोड़ हमारी फिल्म को देखा जा रहा है तो ऐसा थोड़ी है कि हम 100 करोड़ की फिल्म बनाते हैं। हम तो एक करोड़ सवा करोड़ की फिल्म बनाते हैं छोटे बजट की। फिर भी वो इतना व्यूज हो रहा है। इतने लोग देख रहे हैं तो कुछ अच्छा काम कर रहे होंगे तभी तो देख रहे हैं। हम तो वो उसकी सराहना होनी चाहिए। ठीक है। एक रैपिड फायर हमने रखा आपके लिए। अरे वाह। सिनेमा या राजनीति सिनेमा ओके अगर जीवन में कोई गलती सुधार सके तो क्या होगी क्या होगी ऐसी तो गई गलती है नहीं जिसको सुधारने की जरूरत है मैंने पहले भी कहा आपसे कि वो जो माफी मांग रहे हैं भैया वो नहीं मांगना चाहिए जरूरत नहीं है जब जैसी जैसी परिस्थिति थी वैसा काम किए। आगे जैसी परिस्थिति होगी वैसा काम करेंगे। यह आदमी जो भी होता है जो भी करता है ना वो अपने परिस्थिति के हिसाब से चलता है। तो हम जिस परिस्थिति से आए हैं जहां जो हमको काम मिला हम किए आज जो काम हमको मिल रहा है हम कर रहे हैं। आगे जो हमको काम मिलेगा वो हम करेंगे। यह हमारे हाथ में है ही नहीं। ये तो ब्रह्मांड का है कि हमारे लिए क्या रचा एक स्क्रिप्ट तो वो रची हुई है तो वो जैसे-जैसे मिलती जाती है हम करते जाते हैं। हम ये नहीं कह सकते हैं कि हम क्यों राजनीति में अरे लिखा था आगे आगे जो लिखा होगा वो फिर आगे होगा। अगर 20 साल पुराने निरहुआ को कोई सलाह देनी हो। क्या देंगे? 20 साल पुराने निरहुआ को अगर कोई सलाह देनी होगी तो मैं यही सलाह दूंगा कि और थोड़ा पढ़ाई करना चाहिए था। पढ़ाई जरूरी है। हां। क्यों? बहुत जरूरी है क्योंकि पढ़ाई इतनी जरूरी है कि जितना भी हम पढ़े उतने में हमको समझ में आ गया और हम जातपात और वो सब खेल से बाहर निकल गए। तो वैसे ही जितना शिक्षा आपके पास आएगी आप उतना ज्यादा और बेहतर इंसान बनेंगे और बेहतर समाज में आप कुछ कर पाएंगे समाज के लिए देश के लिए आप अच्छा कर पाएंगे शिक्षा बहुत जरूरी है। इंटरेस्टिंग थॉट अच्छा ये आपने सही बताया। शिक्षा से चीजें बदलती हैं। जी था ना कि शिक्षा शेरनी का दूध है जो पिएगा दहाड़ेगा। दहाड़ेगा और शायद जो राजनेता लोग हैं वह अलग-अलग कहीं आरक्षण में कहीं बाकी चीजों में उनको फंसाते ही इसलिए हैं कि वह पढ़े ना। मैं एक आपको वाक्या बताता हूं। मैं आजमगढ़ में जब चुनाव लड़ रहा था तो पहली बार मेरे वहां जाने के बाद अखिलेश भैया आ रहे थे आजमगढ़। तो मैं ना सुन रहा था टीवी पे कि क्या बोलेंगे यार? मैं भी देख लूं। मुझे भी तो काउंटर करना है। तो वो क्या बोले कि जब परीक्षा के बाद बच्चों को डंडा पकड़ाना है तो परीक्षा की जरूरत क्या है? दौड़ निकाल दिया उसको भर्ती कर दो। अरे बाप रे बाप। मतलब ये आदमी चाहता ही नहीं कि ये लोग पढ़ें। परीक्षा नहीं होगी तो कोई क्यों पढ़ेगा? फिर मैंने सोचा ऐसा क्यों बोल रहे हैं? तो मेरे समझ में आया क्योंकि पढ़ेगा तो मेरे जैसे वो भी लड़ेगा। फिर खाली जाति के नाम पर पीछे पीछे झंडा नहीं डोएगा। अगर पढ़ लिया तो समझ जाएगा कि भाई राजनीति तो आप कर रहे हो पर मोदी का विरोध करते-करते देश के विरोध में खड़े हो जाते हो आप। एक इंटरेस्टिंग थॉट प्रोसेस आपने दिया है। पैसा जरूरी है नाम? नाम क्यों नाम कर लीजिए पैसा फिर अपने आप आने लगता है। सही बात है। क्योंकि पहले जो है जहां पे मतलब हम कभी गए हम और वहां से प्रोग्राम करके आने के लिए हमारे पास भाड़ा नहीं होता था। हम और हम पैदल अपने घर आते थे। आज वहां गाने के लिए भी नहीं सिर्फ फीता काटने जाते हो तो भी 5 10 लाख मिल जाता है। यह तो नाम का कमाल है ना। पवन सिंह या खेसारी ज्यादा एंटरटेनिंग कौन है? दोनों अगर कोई भी लड़ता है तो मैं उनके दोनों के और मेरे सबके फैंस को बोलता हूं कि ये दोनों कमाल के एंटरटेनर हैं। पवन जी जब गाते हैं जब स्टेज पर आते हैं तो जो जलवा उनका होता है वैसे ही जब खेसारी जी मंच पे आते हैं तो जो वो आदमी का एकदम रूप आप देखेंगे ना मतलब आपको भी लगेगा कि पलक ना हटाएं। इतना एंटरटेनर हैं ये लोग। खेसारी इज़ अ बेटर डांसर। पवन सिंह इज अ बेटर सिंगर। हमारा यह आकलन है। पर सिंगर भी तो एंटरटेनर है। मतलब अगर वो अच्छा गाते हैं। दोनों लोग पवन जी भी डांस करते हैं। खेसारी भी अच्छा गा। खेसारी भी बहुत अच्छे हिट गाने हैं। तो इसीलिए मैंने पहले कहा भैया कि कोई आम है, कोई अनार है। कोई सेब है। ये कैसे कह सकते हैं कि इसमें बेटर कौन है? पवन सिंह का फेवरेट गाना आपका कौन सा है? मेरा? हां। हम बहुत अच्छा गाना गाए थे वो अभी आप ये रैपिड फायर में झटके से बोलते हैं ना तो फिसल जाता है मेरी फिल्म में गाए थे वो और बहुत कमाल का गाना था कि [संगीत] समय खेला समझ में ना आवे समय के खेला समझ में ना आवे एक मेरी फिल्म थी उसमें गाए थे बहुत अच्छा वो मैं बहुत सुनता रहता हूं हमको उनका बड़ा अच्छा था राजा जी के दिलवा हां वो भी बहुत कमाल गाना है राजा जी के दिलवा है याद आपको मुझे तो उनका हर गाना पसंद है और मैं एक चीज और बता दूं तो आपके साथ-साथ बाकी लोग भी जान जाएंगे पवन जी ना मेरे सीनियर हैं ओके मतलब मैं अभी गायकी शुरू भी नहीं किया था तब उनके एल्बम आते थे और हम लोग पवन जी के तब से फैन हैं और हमकि से पढ़े थे फिल्में देखते थे वहां तो हम इसलिए भी फैन थे कि जो अगर किसी फिल्म के गाने पे गाते थे ना तो वो हूबहू एक ही सिंगर थे भोजपुरी में जो हूबहू गाते थे हां बाकी लोग चेंज कर देता था कुछ अपना खींच लेता था लेकिन पवन जी एकदम हुबहू गाते थे मतलब बॉलीवुड वाले टक्कर देते हां बॉलीवुड को टक्कर कोई दे देता था तो पवन सिंह तो हमारे फेवरेट वो बचपन से हैं। हम बहुत सारा हिंदी गाना का भोजपुरी वर्जन भी गाए। गाए तो वो हमको ना सिर्फ वही लगते थे कि हुबहू गाते थे। तो एक कोई हिंदी गाना जिसे भोजपुरी में गाए आप हिंदी गाना को भोजपुरी में जैसे पवन जी बहुत सारा गाए जब हम बादल बन जाए तू बारिस बन के आई हां वो गाना वो हिंदी गाना था तो मैंने एक गाना गाया था नए भारत का नवयुग में नया निर्माण है मंदिर नए भारत का नवयुग में नया निर्माण है मंदिर सनातन धर्म है मेरा मेरा तो प्राण है मंदिर गाया मैंने दर्शन किया आपने अयोध्या में हां जी कैसा वही तो मिले थे रामभराचार्य जी अच्छा वहां अच्छा वही यहां टेंट में आप गए होंगे कैंप जाना लगा था जी जी वही नहीं वहां हम सब लोग भी गए जी आप लोग भी थे हमको बाबा गले लगाए थे चश्मा पहन लिए थे हमारा चश्मा निकाल के हमारा पहन लिए थे पहन लिए हम रखे उसको खूब मस्ती करते हैं यहां से आगे क्या सफलता क्या मायने आपके लिए आखिर सफलता के मायने यही है कि जो प्यार जो सम्मान मिल रहा है। ऐसे ही मिलता रहे। लोग ऐसे ही प्यार करें। लोग ऐसे ही जब बोलते हैं कि भैया तू जहां रहे तो वहां हमने के लागे लाके हमने के बाह अभी मैं यहां आने से पहले अभी मैं दाढ़ी बना रहा था तो जो दाढ़ी बना रहा था ना बोला भैया जब तू बोलला ना तब लग की हां मुंबई में के मन के यहां डरे की जरूरत ना तो यही बस और क्या यह बना रहे लोगों का विश्वास बना रहे यही सफलता है इससे बड़ी सफलता क्या है केजीती बिहार बड़ा कठिन सवाल पूछ रहे हैं आप देखिए मैं फिर वही बात कहता हूं कि अगर बिहार की तरक्की चाहिए बिहार को आगे बढ़ाना है तब तो जिस तरह से नीतीश जी उसको आगे बढ़ा रहे हैं लगातार मतलब पहले भी हम जाते थे बिहार की हालत देखे थे और अब भी जाते हैं। मतलब पता ही नहीं चलता है। वह कि उनका तो अब लोग कहते हैं ना उम्र हो गया है थोड़ा सा स्वास्थ्य उनका गड़बड़ा गया है नीतीश जी का। फिर भी काम तो अच्छा कर ही रहे हैं। बिहार को तो अच्छा बना ही रहे हैं औरकि हम उनके ही साथ में हम लोग वहां पे लड़ रहे हैं। उनके ही लिए लड़ रहे हैं कि वही बनेंगे इस बार। तो हम लोग तो वही चाहेंगे कि वही बने। चलो हमें एक हिंदी गाना सुनाओ। फिर हम आपको विदा करें। हिंदी गाना हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंता हमेशा मैं यही सोचता रहता हूं कि जब सब कुछ उनके ऊपर छोड़ दिया है तो फिर क्या चिंता करने की बात ही नहीं आप धार्मिक व्यक्ति हो ना? जी मैं बहुत धार्मिक हूं और उसका कारण ये है कि बचपन से ही आपको जो संस्कार मिलता है आप कहीं ना कहीं वही चीजें आपके अंदर आ जाती है। जहां मेरा प्राइमरी स्कूल था उसके जस्ट बगल में राम मंदिर था। तो पहले हम दर्शन करते थे प्रसाद लेते थे। फिर कक्षा में जाते थे और वह चीजें जो है वह अंदर ही है और वहां भी हम लोगों को दिया जाता था कि ये लो हनुमान चालीसा कितना बार पढ़ोगे लिखो यहां राम मंदिर में लिख के हम लोग देते हम 21 बार पढ़ेंगे तो बचपन से वो चीजें हैं अंदर तो संस्कार में है वो चीज क्या होता है धार्मिक होने का फायदा जीवन में धार्मिक होने का फायदा यह होता है कि फिर आपके लिए जीवन में जीत हार उठा पटक कुछ मायने नहीं रखता। फिर आप जानते हैं कि यह क्षणिक है। मुझे कोई नहीं हरा सकता। यस। अगर मैं हार नहीं मानूंगा। हां। ये देखिए ये कमाल की बात है भैया। ये सिर्फ धर्म ही आपको सिखा सकता है। तो मुझे हराने वाला कोई पैदा नहीं। यस। और फिर वहां पे वहां पे फिर आप दहाड़ सकते हैं जब कोई पूछता है कि भाई क्यों यहां पे क्यों लड़ रहे हो? तो हम बोल पाते हैं कि भगवान कृष्ण ने कहा है कि अधिकार खोकर बैठ रहना यह महा दुष्कर्म है। न्यायार्थ अपने बंधु को भी दंड देना धर्म है। तो धार्मिक होने का तो यह फायदा है कि आप फिर मतलब पर्सनल नहीं सोचते हो। आप निजी स्वार्थ में नहीं पड़ते हो। हारजीत के मायने बदल जाते हैं। हारजीत का मायना बदल बदल जाता है। समाज को देखने का नजरिया बदल जाता है। और कहीं ना कहीं आप देखिए एक चीज जो आती है कि ज्यादातर पॉलिटिशियन जो हैं वो लोग अविवाहित क्यों हैं? मैं इस पर खोज करने लगा कि यार भाई ऐसा क्यों है? यह कैसा है? तो फिर मुझे पता चला कि यह एक थ्योरी है। कि जो व्यक्ति उसको कोई ऐसा लोभ लालच ही नहीं है कि बेटा के लिए कर दें बीवी के लिए कर दें इनके लिए अगर वो व्यक्ति एकदम दार्शनिक है और वह व्यक्ति धार्मिक है और वह कुछ पूरे समाज के लिए करना चाहता है ऐसे व्यक्ति को जब आप बैठाओगे ना कुर्सी पे तो यह अच्छा काम करेगा और यही कारण है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी बैठे और जब उन्होंने काम किया तो हम लोग उनके साथ जो है खड़े हो गए। योगी जी आज जब बोल हमारे यूपी में आए और देखिए यूपी को पूरा सजा उनके लिए भी हम गाना गाए। एक पिक्चर भी तो आ रहा है आपका शायद। हां एक फिल्म आ रही है अजय। हम पर अभी वो सेंसर में थोड़ा दिक्कत हो गई है। तो सरकार आप सब क्लियर हो जाए। नहीं नहीं सरकार की बात ही नहीं है। सरकार से क्लियर होना होता तो हो गया होता। एक तारीख को रिलीज़ होना था। नहीं हो पाई। इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि भाई मैंने कहा ना कि सेंसर बोर्ड तो फिर वो आपका इंटरनल पॉलिटिक्स होगा ना यूपी और सेंट्रल भी चलता है आप लोग का। नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं है। ऐसा नहीं है। बिल्कुल नहीं है। हम भी पत्रकार हैं महाराज। हमारे पास भी खबर होता है ना थोड़ा सा। अब देखिए ये बहुत ज्यादा मैंने पहले ही कहा कि मुझे बहुत राजनीति नहीं आती। छोड़िए ना महाराज। हम समापन करते हैं एक बार हमको रवि भैया के अंदाज में। हर हर महादेव सुनना है। भोलेनाथ के भक्त आप हैं। बढ़िया। अब देखिए माय अनपूर्ण भैररो बाबा रहा ना कोई बाकी बम बम बोल रहा है काशी बम बम बोल रहा है काशी बम बम बोल रहा है काशी बम बम बोल रहा है काशी नमः पार्वती पते हर हर हर महादेव धन्यवाद धन्यवाद आपका बहुत आनंद आया बहुत आनंद आया

30 Comments

  1. हमारे यहां रोड खराब है विलेज जगदीशपुर पोस्ट कनूवन थाना भांवरकोल जिला ग़ाज़ीपुर

  2. शुभांकर सर निरहू भैया को एकबार सुब्रह्मण्यम स्वामी सर के पास बैठाइए या प्रभाकर जी के पास। अर्थशास्त्र की शाखा modinomics ये उन्हें पढ़ा सकते है😂

  3. निरहुआ झूठ बातों को घुमाता है बहुत इस तरह झूठ बोलता है कि पकड़ी जाती है

  4. बहुत सुंदर बात चीत की आप दोनों ने शुभांकर और दिनेश जी!

    सच बोल रहे हैं, मजा आ गया!

    बात-चीत हो तो ऐसी हो!

    जो भी आप लोगो के बीच की बात सुनेगा, ये बात तो तय है की, आप दोनों का प्रशंसक बन जाएगा!

  5. 5साल करवा चौथे रखा अब नहीं रखूंगी उस वन्दे को छोड़ दिया मुझे पता नहीं था बो बिहारी बाबू हे में सकत नफरत करती हु बो झूठ इनसान हे23साल छोट हे पगलाने कभी सच्चाई पर नहीं चाल यही नहीं सोचा सच पता चाहेगा तो meri इज्जत कौन करेगा ये भी नहीसूचा मेरी कौन कद्र करेगा जो मेरा पति होगा उसके लिए करवा चौथ रखूंगी पर बिहारी के लिए नहीं बड़ी नफरत है

  6. 🙏🏵️🚩🇮🇳शुभंकर🛐सर🛐आपके🌅श्रीचरणों👣में🌄मेरा 🇮🇳दिल❤️से⚛️कोटि🌠कोटि🐚नमन🔔🏹🏹🔱🔱🧿🧿🔔🔔💯💯💯💯🚩🇮🇳🏵️🙏

  7. 🙏🏵️🚩🇮🇳निरहुआ🛐सर🛐आपके🌅श्रीचरणों👣में🌄मेरा 🇮🇳दिल❤️से⚛️कोटि🌠कोटि🐚नमन🔔🏹🏹🔱🔱🧿🧿🔔🔔💯💯💯💯🚩🇮🇳🏵️🙏

  8. Shubhankar जी आप पढ़े लिखे हो आपको दिखता नहीं है नरेंद्र मोदी जी भारत का मजाक बनवा रहा है। किसी देश का नेता दूसरे देश के नेता का प्रचार कैसे कर सकता है

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