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Panchayat Season 4 Review : Big Disappointment? | Shubhankar Mishra

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भैया हम गरीब हूं लेकिन गद्दार नहीं पंचायत में विनोद का यह डायलॉग मानो सीधे दिल में उतर गया लोगों ने कहा यार इस आदमी ने कलेजा छीन लिया साइडलाइन एक्टर होने के बावजूद कैसे मेन एक्टर से बड़ा छाप छोड़ना है वो कोई विनोद से सीखे वैसे बात सही थी विनोद का गरीब हूं गद्दार नहीं और विधायक जी का वो चश्मा वाला डांस जो था यह वाला यह दो ऐसा था जो लोगों के दिलों में घर कर गया लेकिन क्या पंचायत का नया सीजन वैसे आपके दिल में घर कर गया हां कई लोग ऐसे हैं जिन्हें लग रहा है कि यार गांव के मेले में बड़ी उम्मीद से गए थे मन में गुब्बारे थे सोचे थे कि झूला झूलेंगे चाट पकड़ी खाएंगे लेकिन जब वहां पहुंचे तो पता लगा झूला जो है वो टूटा पड़ा है और मिठाई बासी है पंचायत की भी यही कहानी है वही पुरानी थीम गांव की सियासत हल्कीफुल्की कॉमेडी सचिव जी का उलझा हुआ चेहरा लेकिन इस बार सब कुछ थोड़ा थका थका लग रहा था वो जो नयापन हम और आप तलाश रहे थे वो नयापन मिला नहीं और जहां मिला वो बड़ा लिमिटेड था कुछ-कुछ जगह तो हमको मजा आया लेकिन उस सादगी में ताजगी नहीं थी इस बार वो ताजगी गुमगुम सी थी ऐसा लगा कि पंचायत थोड़ी बोरिंग हो गई है मतलब जितनी एक्साइटमेंट हमें थी वो बोरिंग रह गई हालांकि अगले सीजन को लेकर एक्साइटमेंट है क्योंकि प्लॉट थोड़ा बदला है लेकिन यह सीजन बड़ा मामला धीरा कर गया कहने को जीतू भैया जो जितेंद्र कुमार है सचिव जी वो तो अपना काम ईमानदारी से कर रहे थे लेकिन बाकी किरदार थोड़ा-थोड़ा मामला कंफ्यूज कर रहे थे सचिव जी ठीक थे प्रह्लाद चाचा की दर्द भरी शांति थी मतलब तो था बट वो मजा नहीं आ रहा था रिंकी और सचिव जी की लव एंगल कहानी भगवान जाने कब तक पगी मतलब लोग पक गए चार सीजन यार चार सीजन में इनकी लव स्टोरी कुछ नहीं हो पाई वही हर एपिसोड में पुरानी नजरों से नजरों का टकराना और फिर वही सस्पेंस अगले एपिसोड में देखते हैं क्या मतलब लोग बोले कि भैया इतना धीरे बैलगाड़ी नहीं चलती जितना धीरे इन दोनों की लव स्टोरी चल रही है कुल मिलाकर कहें तो पंचायत अगर आप पुराने प्रशंसक हैं तो देख सकते हैं लेकिन अगर आप यह सोच रहे हैं कि इस बार कुछ नया ले जाएंगे जो पिछले सीजन में आया था तो आप डिसपॉइंट हो जाएंगे इस बार पंचायत की आत्मा जो है वह थोड़ी सी गुम गई है कुछ पल हैं जो दिल को छू जाते हैं जैसे विनोद वाला था कि भैया मैं हम गरीब हैं लेकिन गद्दार नहीं लेकिन पूरा सफर जो है वो अधूरा सा लगता है अब अगले सीजन में देखेंगे क्या होगा लेकिन इस सीजन में नयापन कम से कम नहीं मिला पंचायत अगर आपने देखी तो आप बताइएगा आपको कैसी लगी नहीं देखी तो थोड़ा बहुत हम आपको बता देते हैं थोड़ा आपका मजा किरकिरा कर देते हैं तो पंचायत सीजन की कहानी जो है वह फुलेरा गांव के प्रध के इर्द-गिर्द ही है मंजू देवी जी जो हैं वो अपनी कुर्सी बचाने की जुगत में हैं जबकि बनराकस जो हैं अपनी पत्नी क्रांति देवी के लिए कुर्सी हथियाने में लगे हैं और इस सीजन में सच कहें तो बनराकस जो है और विनोद यह दोनों प्रधान जी और उनके सहयोगियों पर बड़े भारी पड़े हैं चाहे बात एक्टिंग की जाए चाहे बात स्क्रीन प्रेजेंस से की जाए या शो के अंदर बुद्धि लगाने की या इमोशनल मोमेंट में गहरी छाप छोड़ने की हर जगह पर हमको यह ज्यादा इंपैक्टफुल नजर आए सिवाय उस आखिरी सीन के जहां पर प्रधान जी अपने हाथ से तोड़ते फोड़ते हैं और एक बड़ा जबरदस्त सीन देते हैं सचिव जी की जिंदगी वैसे ही बदहाल है उनकी जिंदगी कोई अच्छा होता नहीं पिछले सीजन ने बनराकत से लड़ाई हो गई थी तो फिर धारा 323 के तहत केस दर्ज हो गया था अब वो बेचारे इसी में परेशान है कि कैट का एग्जाम दें कॉलेज में एडमिशन लें उसके बीच में कहीं ऐसा ना हो कि मामला बढ़ जाए रिंकी वाली लव स्टोरी वो तो बैलगाड़ी से भी स्लो है जैसा हमने कहा हालांकि एक दो सीन है जो थोड़ा दिल को छूता है जैसे एक टंकी वाला सीन है वो थोड़ा बढ़िया सीन है जब मार खा के आते हैं एक सीन और है जहां पर वो मफलर वाला सीन है वो थोड़ा बहुत बढ़िया लगता है मतलब वहीं तक बस उतना ही झेलने लायक है उससे आगे आप झेल नहीं पाएंगे लगता है उतना बढ़िया है उसके बाद बहुत स्लो कहानी है प्रहलाद चाचा का किरदार जो है वो बढ़िया है थोड़ा गहरा हुआ है लेकिन बहुत गहरा नहीं है मतलब पिछले सीजन में काफी कुछ उनके साथ हुआ था और बड़ा इंपैक्टफुल किरदार था इस बार खाली एक सीन है मतलब एक दो सीन है जहां पर वो अपने दर्द को बयां करते हैं और एक सीन है जहां पर बनराकस की पत्नी लड़ाई करती हैं तो वहां पर उनके चेहरावरा दिखाते हैं वहां थोड़ा बढ़िया कहानी आती है लेकिन जितना इंपैक्ट पिछले सीजन में आप ले गए थे उतना जबरदस्त नहीं है इस सीजन में मेरे हिसाब से अगर किसी ने बाजी मारी है तो बनराकस उनकी पत्नी और विनोद विनोद का वो जो क्लाइमेक्स में रोने वाला सीन है और उनका डायलॉग कि भैया गरीब है गद्दार नहीं मुझे लगता है कि इस सीजन का सबसे खतरनाक सीन है जो फुलेरा की आत्मा को दर्शाता है तो इस सीजन क्या बढ़िया है सबसे कमाल हमको विनोद लगी मतलब विकास पहले भी अच्छे थे लेकिन इस बार विनोद जो हैं हमको जबरदस्त लगे हैं सचिव जी और बाकी सारे किरदारों के ऊपर हमको लगता है विनोद ने बाजी मारी है क्लाइमेक्स में रोने वाला सीन और अपनी वफादारी वाली कहानी यह दो इंपैक्टफुल है उनकी एक्टिंग बड़ी जबरदस्त है रॉ है और मुझे लगता है कि इस बार उनके किरदार पर बड़ी मेहनत भी की गई है उनको अच्छे से दिखाया गया है और उन्होंने भी अपनी एक्टिंग से जान डाली है उनका किरदार जो है वो जीवन के लिए भी सिखाने वाला है कि भले ये जीवन में आपको साइड रोल मिल जाए लेकिन आप अपने टैलेंट से चीजें बदल सकते हैं और यह उन्होंने बदला है दूसरा विधायक जी का जो भोजपुरी वाला डांस है वो भी गजब का था यार मतलब आपको बढ़िया लगा यह वाला डांस जो था उनका चश्मा वाला वो काफी ज्यादा जबरदस्त है और काफी ज्यादा मीम्स बन रहे हैं और मुझे लगता है सबसे ज्यादा हाईलाइट जो सोशल मीडिया पर भी हुआ है वो यही हुआ है बनराकस के साथ जो उनका डांस है वो जबरदस्त है और एक वो विनोद का रोने वाला सीन काफी लोगों ने कहा कि इस साल सबका कमबैक हो रहा है हर आदमी इस साल कमबैक करके जीत जा रहा है तो वो एक कहानी है बाकी मीम्स की बौछार आई है सोशल मीडिया पर सारी कहानी चल रही है अ और बेहतर की बात करें प्रधान जी घर छापेमारी वाला का भी ठीक-ठाक सीन था वो भी बढ़िया कॉमेडी सीन था मंजू देवी जी का हमको नीना गुप्ता भी अच्छी लगी मतलब उनकी भी एक्टिंग ठीक है वो भी जहां-जहां आई हैं ठीक-ठाक उन्होंने किया है रिंकी सचिव जी वाला जो रोल है वो थोड़ा सा मामला ढीला पड़ा है टंकी और मफलर वाले सीन को अगर हटा देते हैं तो और एक सीन जो रिंकी का आता है जहां पर वो जाके विधायक जी की बिटिया से लड़ाई लड़ लेती हैं प्रह्लाद चाचा इस साल हमको उतने गहरे नहीं लगे एक दो जगह आया जहां पर कहे कि बेटा शहीद ना हुआ मानो लोग ऐसा कह रहे हैं इनसे लॉटरी लग गया हो वो सब सीन था बट उतना जबरदस्त नहीं रहा कमजोरी की जहां तक बात है पंचायत हर साल जब आती थी या हर सीजन जब आती थी तो अपनी सादगी और दिल छूने वाली कहानी के लिए थी सीजन फोर में है सब कुछ लेकिन काफी कुछ कमी है पिछले सीजनों जितना यह स्ट्रांग नहीं है आखिरी के कुछ एपिसोड में खासतौर पर पांचव छठे एपिसोड में ऐसा लगता है कुछ लंबा खींच दिया गया कुछ सीन जैसे टॉयलेट साफ करने वाले सीन को लेकर मंजू देवी क्रांति देवी की हाथापाई बेवजह और बहुत लंबे लगते हैं फिनाले में वो धमाकेदार ट्विस्ट मिसिंग है जो बांध के रखता था और इसीलिए कई सारे लोग कह रहे हैं कि ठीक है एक बार आप देख सकते हैं लेकिन एंजॉय नहीं कर सकते संगीत की बात करें तो पिछली बार गाना बड़ा वायरल हुआ था ए राजा जी बड़ा चर्चित हुआ था हिंद का सितारा इस बार हिंद का सितारा जितना कोई चर्चित गाना नहीं आया है और वो भी यहां पर कमी दिखाता है नाना जी जब इनके आते हैं मंजू देवी के वो थोड़ा इंपैक्टफुल है लेकिन फिर नाना जी जो थॉटफुल होते हैं वो उतना दिखाया नहीं गया है कि कैसे इंपैक्ट वो और डाल सकते हैं और प्रधान जी भी थोड़े कमजोर लगे हैं पूरी पिक्चर में हमको सिवाय उस आखिरी सीन के एक्टिंग सबकी ठीक-ठाक है विनोद जितेंद्र जो हैं सचिव जी वो ठीक थे कैट की टेंशन उनका वही थका हारा और परेशान किरदार जो है वो ठीक था विकास चंदन राय जो है वो हंसाते हैं अच्छी टाइमिंग है विकास और विनोद की जोड़ी जो है पंचायत में बढ़िया है विनोद सबसे असली पैकेज है सरप्राइज़ पैकेज इस सीजन के वही है और उनका वही डायलॉग जिसको हमने दो तीन बार इस वीडियो में भी कह दिया कि गरीब या गद्दार नहीं हमको लगता है सबसे बड़ा हाईलाइट वही है और सबसे इंपैक्टफुल वही है वही है जो आपको वनराकस से मोहब्बत करवा देते हैं और आपको लगता है कि नहीं उस पार वाले भी जीतने चाहिए इस पार वाले जीते हैं उस पार वाले जीत जाएंगे रघुवीर जी ठीक है नीना जी भी ठीक हैं मतलब थोड़ा उस हिसाब से उनको ताकत नहीं दी गई है क्रांति देवी जबरदस्त हैं सुनीता जी जिनका नाम है क्रांति देवी किरदार इस बार मजबूत हुआ है और वो जहां भी एक्टिंग करती हैं वो छा जाती हैं तो वो जबरदस्त हैं पंकज झा जो विधायक जी हैं वो भी बेहतर हुए हैं हालांकि और ज्यादा रोल होता तो और मजा आता लेकिन जहां-जहां दिखे हैं बेहतर है कुल मिलाकर ठीक-ठाक है बट उतना जबरदस्त नहीं है थोड़ा कुछ मिसिंग है और इसलिए थोड़ा सा डिसपॉइंट करती है इसीलिए शायद रिएक्शंस भी जो हैं मिलेजुले आ रहे हैं कोई कह रहा है बढ़िया है दिल को छू गई तो कोई या ज्यादा लोग कह रहे हैं कि यार उतना मजा नहीं आया स्टोरी टेलिंग इमोशंस हैं लेकिन उतना गहरा असर नहीं किए पिछली बार हम लोग कुछ लेकर गए थे इस बार थोड़ी डिसपॉइंटमेंट हुई है सस्पेंस नहीं है धीरे-धीरे चल रही है मजा करके रहा है ये सारी चीजें जो है वो देख रहे हैं मंजू देवी का हारना बनराकस का जितना कुछ लोगों को ठीक नहीं लग रहा है लेकिन हालांकि हमको लग रहा है कि यही अगले सीजन में शायद बेहतर कर देगा क्योंकि कुछ नया देखने को मिलेगा कि चलो अब उस पार से देखते हैं सचिव जी कैसे परेशान होते हैं सो ओवरऑल अगर आप पंचायत के फैन हैं तो ये सीजन आपके लिए है फुलेरा की सादगी डायलॉग्स फटाहट विनोद के इमोशंस अगर आप नए हैं तो फिर आप पुराना वाला देखिए ज्यादा मजा आएगा नए वाले में उतना आपको मजा नहीं आएगा तो पांच में से हम तीन रेटिंग दे देते हैं हमारे हिसाब से चलो बहुत होगा तो तीन में फाइव और बढ़ा देते हैं आप लोगों के लिए पुरानी मेमोरीज को याद करते हुए बट ये फाइव आउट ऑफ फाइव सीजन नहीं था आप बताइए आपने देखा अगर आपने देखा तो आपको सबसे बढ़िया सीन कौन सा लगा था विनोद को रोना विधायक जी का डांस रिंकी और सचिव जी का वो मफलर वाला सीन या प्रधान जी का वो आखिरी वाला सीन जहां वो पलटते हैं और कहते हैं दबदबा था दबदबा है दबदबा रहेगा बताइए हमें कमेंट सेक्शन में

41 Comments

  1. Season 4 is a good season. Good story and acting of all characters. This time Banrakas, Binod, Krantidevi given good screen presence, vidhayak, madhav, bikas, bikas wife, bam bahadur also did well along with all other main characters viz. Pradhanji, manju devi, sachivji, rinki, prahladcha.

  2. भैया हमको बहुत मजा आया हमने ऐसी सीरीज अभी तक नहीं देखी है बहुत अच्छी लगी तुम खाना खाई कमी निकाल रहे हो

  3. भैया जी कभी कभी आप बहुत फालतू का ज्ञान पेल देते है

  4. Panchayat season 4 full bekar thaa bahut jyda disappointing tha main eka saal wait Kiya tha …lekin disappointing tha season 4

  5. Har bar to panchayat dil jita hi h is baar to hm Thora Majhi sakte h kuch aacha or kuchh Bhuta Acha yo horta hi h mujhe agle baar ka intejar h or ushme bhi garda urdega 🎉🎉🎉🎉

  6. स्कूल का शौचालय सफाई वाला सीन मज़ा आ गई ,, और बम बहादुर ने जब 6 लाख रु कैश कैच किया था

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